जनजातीय कार्य विकास विभाग की कार्यप्रणाली और सीएम हेल्पलाइन में न्याय ना मिलने से भूख हड़ताल पर बैठा युवक….
रेवांचल टाईम्स – मंडला, जनजाति कार्य विभाग सहायक आयुक्त कार्यालय मंडला को आवेदक के द्वारा अनेकों बार लिखित शिकायत दी शिकायत में अपनी समस्याओं को लेकर जांच की माँग की गई शिकायत के उपरांत भी जब जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा जब उचित जांच प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई तब आवेदक के द्वारा सीएम हेल्पलाइन का सहारा लेना पड़ा l लेकिन आवेदक को क्या मालूम था की सीएम हेल्पलाइन खुद अपने आप में एक समस्या है जिसमें समय की बर्बादी के सिवाय कुछ भी संभव नहीं है l
वही शिकायतकर्ता द्वारा बतलाया गया कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के उपरांत अधिकारियों के कार्यालय में कई बार साक्ष्य को प्रतिवेदन के रूप में प्रस्तुत कर दिया गया है किंतु अधिकारियों के द्वारा अपने चाहेते प्राचार्य को बचाने के चक्कर में सीएम हेल्पलाइन का उचित निराकरण न कर गलत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर उच्च अधिकारियों को गुमराह करते रहे और न्याय प्रक्रिया को पूर्ण ना करते हुए आवेदक की बिना संतुष्टि जाने, बिना सहमति जाने, बिना सूचित किये शिकायत को अपनी मनमर्जी से तानाशाही के रूप में बंद कर दिया जाता थाl जिसकी शिकायत भी शिकायतकर्ता के द्वारा अनेकों बार जनसुनवाई में लिखित आवेदन प्रस्तुत कर जिला उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया किंतु उनकी ओर से भी आवेदक की समस्याओं पर ध्यान न देते हुए समय सीमा पर किसी भी प्रकार का निराकरण न करते हुए औऱ अधिकारियों के द्वारा सीएम हेल्पलाइन का मजाक बनाया गया l जिससे व्यथित होकर आवेदक के द्वारा विगत मंगलवार जनसुनवाई में जिला कलेक्टर के समक्ष एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें उनके द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया था कि यदि उन्हें सात दिवस के अंदर उनके सीएम हेल्पलाइन का उचित निराकरण कर न्याय प्राप्त नहीं होता तो उनके द्वारा यही जनसुनवाई जिला कार्यालय में भूख हड़ताल पर बैठा जावेगा जिससे सीएम हेल्पलाइन का निराकरण न होने पर आज शिकायतकर्ता के द्वारा जनसुनवाई में उच्च अधिकारियों के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठ गयाl
कमिश्नर मैडम ने भी लिया था मामले को संज्ञान में
वही जानकारी के अनुसार विगत सप्ताह जब भोपाल से कमिश्नर मैडम का मंडला आगमन जनजाति कार्य विभाग में हुआ था l तब शिकायतकर्ता से कार्यालय में कमिश्नर मैडम के समक्ष विधिवत अपनी समस्याओं को सुना था औऱ दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिया था किंतु मैडम के जाते ही अधिकारियों के द्वारा उनकी बात को दरकिनार कर अपनी मनमानी करते हुए सीएम हेल्पलाइन में लगी हुई शिकायत का उचित निराकरण नहीं किया गयाl
जिसने सीएम हेल्पलाइन वापस लेने का बनाया दबाव उसी को बनाया गया जांच प्रभारी
विगत मंगलवार को जब शिकायतकर्ता के द्वारा जिला उच्च अधिकारियों को जनसुनवाई में लिखित आवेदन दिया गया कि दर्ज शिकायत का उचित निराकरण ना होने पर इनके द्वारा भूख हड़ताल पर बैठा जावेगा तब सहायक आयुक्त कार्यालय जनजाति विभाग के द्वारा आनन- फानन में एक जाँच टीम गठित की गई जिस टीम में उस जांचकर्ता को प्रमुख प्रभारी बनाया गया हैl जिसके द्वारा शिकायतकर्ता से शिकायत वापस लेने के लिए स्वयं दबाव बनाया जा रहा था जिस बात की पुष्टि शिकायतकर्ता के द्वारा नाम सहित दैनिक समाचार पत्र में भी प्रकाशित करवाया गया था l तो शिकायतकर्ता का कहना है कि जो व्यक्ति जब जांच को दबाने के लिए दबाव बना सकता है तो क्या उस जाँच प्रभारी के द्वारा उचित जांच करना संभव है…? क्योंकि जब जांच टीम के द्वारा मेरे सीएम हेल्पलाइन की शिकायत में इनके द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अहमदपुर विकासखंड बिछिया में जांच की जा रही थी तब मेरे द्वारा पूर्व में ही जांच के मुख्य न्याययुक्त तथ्य प्रस्तुत कर दिए गए थे किंतु एक तथ्य को छोड़कर इनके द्वारा मेरे अन्य तथ्य पर प्राचार्य महोदय से कोई सवाल जवाब नहीं किया गया और ना ही उस तथ्य के आधार पर इनके द्वारा उनसे किसी प्रकार की जानकारी चाहिए गई जबकि वह अनियमितता अभी भी वर्तमान में विद्यालय पर उपस्थित हैl जिसे नजर अंदाज कर उनके द्वारा जांच प्रक्रिया पूर्ण की गई जिससे मैं सहमत नहीं हूं मेरी कोई बात को वहां पर सुना नहीं जा रहा था और इनके द्वारा वीडियो ग्रैफिंग कराकर मेरी सहमति को जबरदस्ती लेने का प्रयास किया जा रहा थाl जिससे शिकायतकर्ता के मन में उचित न्याय ना मिलने का संशय बना हुआ है
जिला कलेक्टर ने दिया गलत करने वालों के ऊपर FIR करने का आश्वासन
जिला जनसुनवाई में भूख हड़ताल पर बैठे आवेदक की पीड़ाओं को दृष्टिगत रखते हुए जिला कलेक्टर ने पीड़ित को अपने पास बुलाकर उनकी विधिवत समस्याओं को सुना एवं भूख हड़ताल पर बैठने की वजह पूछी गई जिससे शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा दर्ज सीएम हेल्पलाइन की शिकायत जो कि थाना बमनी बंजर एवं सहायक आयुक्त जनजाति कार्या विभाग की है जिसमें अधिकारियों के द्वारा उचित जांच नहीं की जा रही है दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है थाना बम्हनी बंजर की ओर से शिकायत को बंद कर दिया जा रहा है l आरोपियों पर FIR नहीं की जा रही है l शिकायतकर्ता ने मांग की आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराई जावेl जिस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि आपके पास सीएम हेल्पलाइन के जितने भी सही सबूत है उन्हें आप विधिवत फाइल बनाकर मेरे पास जमा करें सात दिवस के अंदर मेरे द्वारा पुलिस अधीक्षक से मिलकर इस विषय पर एफआईआर दर्ज कराई जावेगी आप अपनी भूख हड़ताल समाप्त करेंl जिससे शिकायतकर्ता के द्वारा कलेक्टर साहब की बात को मानते हुए भूख हड़ताल समाप्त किया गयाl