वन रक्षक पर काष्ठ लाभांश की राशि वितरण में हेराफेरी के आरोप मामले से अनजान वन अधिकारी
दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग – वन परिक्षेत्र पश्चिम करंजिया वन मंडल सामान्य के अंतर्गत वनग्राम केंद्राबहरा के ग्रामीणों ने वनविभाग के वनरक्षक पर काष्ठ लाभांश की राशि वितरण के दौरान हेराफेरी के आरोप लगाए है प्राप्त जानकारी के अनुसार वनग्राम केंद्राबहरा के कूप क्रमांक 5 उद्धोर कक्ष क्रमांक 689 में करीबन दो तीन वर्षों पूर्व साल वृक्षों की कटाई का कार्य हुआ था जिसमें ग्राम के लगभग शत प्रतिशत परिवारों ने कूप कटाई के काम में मजदूरी की थी।जिसमें से कूप कटाई से प्राप्त काष्ठ लाभांश की पचास प्रतिशत राशि का भुगतान वनविभाग द्वारा कटाई कार्य करने वाले मजदूर परिवारों को किया जाना था।बताया गया कि तत्कालीन वनरक्षक ने मजदूरों को गुमराह कर कम राशि का भुगतान करते हुए भुगतान पत्रक एवं अन्य दस्तावेजों में मजदूरों के हस्ताक्षर करवा लिए। ग्राम किद्राबहरा वन समिति के अध्यक्ष और मजदूरों ने वनरक्षक पर आरोप लगाते हुए बताया कि विगत वर्षों में कूप विदोहन पर किए गए वृक्षों की कटाई में काष्ठ लाभांश की कुल राशि का पचास प्रतिशत हिस्सा लगभग छप्पन मजदूर परिवारों को दिया जाना था।भुगतान पत्रक के हिसाब से प्रति परिवार काष्ठ लाभांश की राशि ई भुगतान प्रणाली से बैंक खाते के माध्यम से 11 हजार 455 रुपए परिवारों को दिए जाने थे परंतु तत्कालीन वनरक्षक ने वनविभाग के नियमों के मुताबिक भुगतान नहीं करते हुए प्रति परिवार नौ हजार रुपए नगद राशि का भुगतान किया। ग्रामीणों ने वन रक्षक पर प्रति परिवार दो हजार की राशि में गड़बड़ी का आरोप लगाय है वन सुरक्षा समिति केंद्राबहरा बीट पंडरी पानी के अध्यक्ष और ग्रामीणों की माने तो वर्ष 2023- 24 में ग्राम की समिति को काष्ठ लाभांश की लगभग 12 लाख रुपए प्राप्त हुए थे जिसमें से पचास प्रतिशत राशि ग्राम विकास एवं वन सुरक्षा के कार्यों में व्यय करना था तथा शेष पचास प्रतिशत राशि कूप कटाई करने वाले परिवारों को बैंक खाते के जरिए प्रदाय किया जाना था।जानकारी के अनुसार प्रत्येक परिवार को ग्यारह हजार चार सौ छप्पन रुपए का भुगतान किया जाना था परंतु वनरक्षक ने ऐसा नहीं करते हुए छप्पन परिवारों को नौ हजार रुपए के मान से नगद भुगतान किया। जब ग्रामीणों ने वनरक्षक से कम राशि प्रदाय किए जाने की बात कही तो उन्हें गुमराह करते हुए शेष बची राशि को सड़क के निर्माण में खर्चा हो जाने की बात कही गई व भुगतान पत्रक में हस्ताक्षर करवा लिए गए।ग्रामीणों ने बताया कि काष्ठ लाभांश की राशि से ग्राम के नजदीक एक पांच सौ मीटर की सड़क बनाई गई है जिसमें संभवतःबमुश्किल दो लाख रुपए ही खर्च किए गए होंगे। शेष राशि का हिसाब किताब आज तक वन समिति को नहीं दिया जा रहा ।हालांकि अध्यक्ष ने समिति के खाते में कुछ राशि होने की बात कही है वही इस मामले में परिक्षेत्र सहायक का कहना है कि मेरी बिना जानकारी के गुप चुप भुगतान किया गया है
ऐसे होना था भुगतान :: काष्ठ लाभांश की पचास प्रतिशत राशि का भुगतान ई प्रणाली के तहत किया जाना था बैंक के माध्यम से प्रत्येक परिवारों के खाते में राशि का अंतरण किया जाना था परंतु वनविभाग के सूत्रों के अनुसार वनरक्षक ने बैंक के कर्मचारियों से साथ गांठ कर नगद रुपए बैंक से निकलवाए और बंदर वाट करने के उद्देश्य से ग्रामीणों नगद भुगतान किया गया। मजदुर परिवारों को तय राशि से कम भुगतान किया गया। जबकि वन विभाग के अधिकारी पूरे मामले से अनजान बने रहे।
इनका कहना है मेरी बिना जानकारी के भुगतान किया गया है में दिखवा लेता हु छत्रपॉल सिंह तिलगाम परिक्षेत्र सहायक पश्चिम करंजिया