Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर होगा महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान, नोट करें तिथि और महत्व

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इस वर्ष माघ माह की मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को रहेगी। इस पर्व को ‘माघ अमावस्या’ के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 जनवरी रात्रि 7 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 29 जनवरी शाम 6 बजकर 05 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जायेगी। इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन भगवान श्री हरि नारायण और पितरों की पूजा करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होने से जीवन में चल रहे कष्ट भी दूर होते है। इस दिन गंगा स्नान और जरूरतमंदों को दान करने का भी महत्व है।

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी, मकर संक्रांति पर हुआ था। इसके बाद अब महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या पर होगा। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या पर किया गया अमृत स्नान पुण्य फलदायी माना गया है। मान्यता है कि, यह स्नान व्यक्ति की मोक्ष प्राप्ति के लिए जरुरी है।

महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान 3 फरवरी, बसंत पंचमी के दिन होगा। पंचांग के अनुसार इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगी और इसका समापन 3 फरवरी सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा। आप भी इस अमृत स्नान को अवश्य करें।

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