किसान: अन्नदाता से “समृद्ध भारत के निर्माता” बनने की ओर

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मंडला। भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा ने प्रदेश सरकार की किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि किसान सिर्फ अन्नदाता न रहे, बल्कि ‘समृद्ध भारत का निर्माता’ बने।”

गेहूं और धान उत्पादक किसानों को बड़ी राहत

प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देते हुए गेहूं की एमएसपी ₹2,425 प्रति क्विंटल से बढ़ाकर ₹2,600 प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है। वहीं, धान उत्पादक किसानों को ₹2,000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस वर्ष 1.88 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है।

किसानों के लिए नई योजनाएं और सुविधाएं

  • डेयरी और सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता: दूध खरीद पर बोनस और किसानों को सोलर पंप प्रदान कर सिंचाई व्यवस्था मजबूत की जाएगी।
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ी: KCC लोन की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹15 लाख कर दी गई, जिससे 65.83 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
  • पीएम किसान सम्मान निधि: 24 फरवरी को जारी 19वीं किस्त के तहत 9.8 करोड़ किसानों को ₹22,000 करोड़ की सहायता मिली।
  • धन-धान्य कृषि विकास योजना: देश के 100 कृषि पिछड़े जिलों का चयन किया गया, जहां किसानों को बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक बजट और एमएसपी पर फोकस

2014 में कृषि बजट ₹21,000 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹1.27 लाख करोड़ हो चुका है। सरकार ने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाने और प्याज पर 40% से घटाकर 20% करने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

फसल बीमा योजना के तहत अब तक 1.72 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं, जबकि एमएसपी पर 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक की फसल खरीदी गई है, जिसमें गेहूं, धान, कपास, दलहन और तिलहन प्रमुख हैं।

जल संरक्षण और प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा

प्रदेश में सिंचित भूमि 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 46 लाख हेक्टेयर की जा चुकी है। जल संरक्षण के लिए स्टॉप डेम और छोटे-बड़े तालाबों का निर्माण जारी है। सरकार ने 75,000 किसानों को प्राकृतिक कृषि अपनाने के लिए प्रेरित किया है और कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाज की खरीद को प्राथमिकता दी जा रही है।

बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार

प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता 2003 के 4,720 मेगावाट से बढ़कर 23,788 मेगावाट हो गई है। “अन्नदाता को ऊर्जा दाता” बनाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।

पशुपालन और कृषि उत्पादों की बाजार व्यवस्था

सरकार ने ₹100 करोड़ से अधिक की राशि से खुरपका-मुंहपका (FMD) टीकाकरण अभियान चलाया है, जिससे पशुपालकों को राहत मिलेगी। साथ ही, टमाटर, प्याज और आलू जैसी फसलों के बेहतर दाम सुनिश्चित करने के लिए सरकार राज्य के अन्य शहरों एवं दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े बाजारों तक ट्रांसपोर्ट खर्च उठाने की योजना बना रही है।

मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण

पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा ने कहा कि सरकार की ये योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह इन योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाए।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, मीडिया प्रभारी सुधीर कसार, किसान मोर्चा अध्यक्ष उमेश शुक्ला सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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