धोबाटोंरिया विभाग की सांठ-गांठ के चलते बढ़ रहा अतिक्रमण विभागीय जिम्मेदार अधिकारी कर रहे शासकीय भूमि का सौदा
रेवांचल टाइम्स – मण्डला, जिले में बड़ी ही तेजी से अतिक्रमण का व्यवसाय जोरों पर चल रहा है इसमें दो मत की बात नहीं।अतिक्रमण का यह व्यवसाय भी चेहरा देखकर चलाया जा रहा है,जिसमे सबसे पहले अतिक्रमणकारियों को राजनीति का चोला पहनना पड़ता है।जिसका जीता-जागता सबूत है जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचलो तक इनके पैर फेल चुके है कही राजनीति संरक्षण तो कही जिम्मेदारों की अनदेखी या फिर साठगांठ के के चलते ही आज अतिक्रमण करियो के हौसले बुलंद है !
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर मुख्यायल से नजदीक विकासखंड मण्डला अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरखापा जहां अतिक्रमणकारियों द्वारा आये दिन शासकीय भूमि पर स्थाई कब्जा किया जा रहा है। मामले को लेकर अनेकों दफा जिम्मेदारों से शिकवा-शिकायत की गई, परन्तु जिम्मेदारों ने उस शिकायत को अपनी आय का जरिया बना लिया है जिसे कार्यवाही की धोंस तथा जांच के चादर के नाम पर अच्छी-खासी मोटी रकम वसूल किया जाता है।
क्षेत्रीय इंजीनियर निभा रहे अतिक्रमणकारियों के साथ रिश्तेदारी
जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम पंचायत सेमरखापा में शासन-प्रशासन का एक अनोखा मामला सामने आया है जहां प्रशासनिक अमला अपनी तिजोरी भरने की चाह में अतिक्रमणकारियों के साथ रिश्तेदारी निभाकर उनके हौसले बुलंद होने का मुख्य कारण बन रहे है। जिम्मेदारों का कहना है कि हमारे रिटायरमेंट में साल-दो साल रह गए हैं इसलिए हमें रिश्तेदारों से मिल-जुलकर रहना होगा, मामले को लेकर जब जल संसाधन विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास गए तो उनके द्वारा तो देश बेंचने वाला जवाब दिया गया। उन्होंने शिकायतकर्ता को कहा कि आप भी वहीं शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करके अपना मकान बना लीजिए तथा शिकायत को वापस ले लीजिए।
विभागीय लापरवाही तथा जिम्मेदारों के द्वारा अतिक्रमणकारियों को इस तरह खुलेआम संरक्षण प्रदान किया जाना, नतीजा विगत दिनों से ग्राम पंचायत सेमरखापा में धोबाटोरिया के नहर में खुलेआम तेजी से अतिक्रमण हो रहा है,ग्राम पंचायत सेमरखापा स्थानियो के द्वारा खुलेआम धोबाटोरिया विभाग के नहर में अपना कब्जा कर पक्का मकान एवं दुकान बनाया गया है और वहीं प्रशासन रिश्तेदारी निभाने में मदहोश है।
धोबाटोरिया जलसंसाधन विभाग की इस लापरवाही और खुल्लम-खुल्ला किए जा रहे भ्रष्टाचारी का नतीजा आज अतिक्रमण कर व्यापार हेतू पक्का निर्माण कार्य करने का मामला सामने आया है, अतिक्रमण को लेकर,सरपंच,तहसीलदार,पटवारी को भी शिकायत की गई। अतिक्रमणकर्ता के मामले को लेकर इंजीनियर के द्वारा स्पष्ट किया गया कि उनके द्वारा नौकरी से इस्तीफा दे दिया जाएगा, परन्तु कोई कार्रवाई नहीं किया जाएगा। तथा इंजीनियर ने कहा कि अतिक्रमणकारी उनके रिश्तेदार हैं इसलिए उन पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया जावे तथा उसके खिलाफ की गई शिकायत वापस लिया जाए।इसी संरक्षण और धोबिटोरिया विभाग की भ्रष्टाचारी के चलते अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं।मुख्य सड़क मार्ग के शासकीय भूमि पर कब्जा कर पक्की दुकान-मकान का निर्माण कर स्थाई कब्जा किया गया है।जिम्मेदारों ने यह स्पष्ट किया कि अतिक्रमणकर्ताओं को शासकीय भूमि से हटाने से बेहतर है कि आप भी वहां पर कब्जा कर लीजिए विभाग को कोई आपत्ती नहीं।
मामले को लेकर पहले भी समाचार पत्रों में, लिखित तथा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई है। उक्त मामले पर प्रकाशित समाचार एवं शिकायत को लेकर धोबाटोरिया विभाग के उपयंत्री से मामले को लेकर जब बात की गई तो इंजीनियर ने भी स्पष्ट किया कि अतिक्रमणकर्ता सत्ता पक्ष के कार्यकर्ता हैं और मेरा रिश्तेदार भी है।आला अधिकारियों की यह चुप्पी शासकीय भूमि को बेचने तथा भ्रष्टाचार का साक्ष्य प्रदर्शित करता है।
वही राजनीतिक दल का चोला पहनकर शासकीय भूमि पर कब्जा करने का अतिक्रमणकारियों की रफ्तार-कतार बढ़ती जा रही है।अतिक्रमणकारियों को लेकर शासन-प्रशासन से शिकवा-शिकायत की गई थी, परन्तु अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद करने तथा अतिक्रमण को बढ़ावा देते हुए जिम्मेदारों द्वारा शिकायतकर्ता को फोन पर धमकाया गया कि उक्त अतिक्रमणकर्ता हमारे करीबी हैं।सेमरखापा में एक बार फिर शासकीय भूमि पर कब्जा एवं स्थाई निर्माण करने का कार्य तेजी से फल-फूल रहा है।वहीं जिम्मेदारों द्वारा अपनी रिश्तेदारी निभाने की जगह हिस्सेदारी को लेकर चुप्पी साधे बैठे हुए है,मामला तो तब गर्माया जब अतिक्रमणकर्ता के द्वारा फर्जी मीडिया कार्ड दिखाकर स्वयं को पत्रकार बताकर शासकीय भूमि पर कब्जा करने तथा धोबाटोरिया विभाग के शासकीय नहर पर अतिक्रमण कर पक्की दुकान निर्माण किया गया है।धोबाटोरिया विभाग के उपयंत्री ने बताया कि मेरे रिश्ते दार भी पत्रकार है और भी पत्रकार है मेरे रिश्तेदार हैं इसलिए मामले को रफा-दफा कीजिए,इस तरह जिम्मेदारों द्वारा मामले को रफा-दफा करने पर जोर दिया जाएगा तो एक दिन ऐसा आएगा कि शासकीय दफ्तरों को घरों पर संचालित करना होगा और लोगों को चलने लिए सड़क मार्ग भी नहीं होंगे, क्योंकि जैसे शासन के नुमाइंदों द्वारा जैसे अतिक्रमणकारियों से अपनी कीमत वसूल कर शासकीय भूमि को खुलेआम बेचा जा रहा है।जहां आये दिन नगर पालिका एवं जनपद पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर ऐंडी़-चोटी का जोर लगाया जा रहा है वहीं प्रशासनिक जिम्मेदार नाममात्र खानापूर्ति कार्यवाही कर अपनी भ्रष्टाचारी को छुपाने के हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए है,परन्तु जिम्मेदारों द्वारा अभी तक कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई।वहीं समाचार प्रकाशन को लेकर नेकल चन्द्रोल एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा को लेकर की गई शिकायत वापस लेने के लिए शिकायकर्ता को यह कहा गया कि उक्त अतिक्रमणकारी पार्टी कार्यकर्ता हैं इसलिए उसके द्वारा किए गए अतिक्रमण को लेकर शिकायत कोई मायने नहीं रखता।इसी अतिक्रमण और सत्ता पार्टी के संरक्षण के चलते ग्राम पंचायत बकोरी में भी व्यापारी अनिल गुप्ता द्वारा शासकीय हाट-बाजार स्थल पर निजी कब्जा कर लिया गया,मामले को लेकर जब पटवारी एवं पंचायत सचिव से बात की गई तो पटवारी द्वारा मीडिया को यह जवाब दिया गया कि व्यापारी अनिल गुप्ता द्वारा सरकार की जमीन पर कब्जा किया गया है आपकी जमीन पर नहीं अवैध कब्जा को लेकर जब सरकार को कोई परेशानी नहीं हो रही है तो मीडिया को किस बात की समस्या हो रही है।जिम्मेदारों की इसी लापरवाही और भ्रष्टाचारी के चलते जिले में अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा का जाल तेजी से फल-फूल रहा है।जिले में इस तरह सरकारी बेशकीमती जगहों पर अतिक्रमण विगत वर्षों से जिला मुख्यालय पर प्रशासन की नाक के नीचे सिविल लाइन में बिछिया और मण्डला विधायकों के बंगलों के बीचों-बीच तेजी से किया जा रहा है।शासकीय योजनाओं का लाभ अतिक्रमणकारियों के लिए सोने पे सुहागा साबित हो रहा है अवैध दुकानों पर नल कनेक्शन एवं विधुत विभाग द्वारा बिजली कनेक्शन भी दिया गया है,नतीजा अतिक्रमणकारियों के हौसले दिनों-दिन बुलंद हो रहे हैं।
