घर से चल रहा पंचायत का काम
रेवांचल टाईम्स – मंडलामध्य प्रदेश के मंडला जिले की ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक मनमानी और लापरवाही का आलम इस कदर बढ़ गया है कि पंचायत का काम अब कार्यालयों से नहीं, बल्कि घरों से संचालित हो रहा है। जिले भर से सामने आ रही शिकायतें एक गंभीर सवाल खड़ा करती हैं—आखिर ग्रामीण विकास की बुनियाद कहे जाने वाले ये संस्थान अपनी जिम्मेदारियों से क्यों मुंह मोड़ रहे हैं?
अनुपस्थिति का खेल और घरेलू कार्यालय
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, रोजगार सहायक और सचिव मुख्यालय पर मौजूद रहने के बजाय नियमित रूप से अप-डाउन करते हैं। इतना ही नहीं, सरपंच, रोजगार सहायक और सचिव—ये तीनों ही ग्राम पंचायत कार्यालय में नियमित उपस्थिति दर्ज कराने से परहेज कर रहे हैं। नतीजतन, पंचायत की पूरी व्यवस्था रोजगार सहायकों के घरों से चलाई जा रही है। पंचायत की महत्वपूर्ण सामग्री, जो कार्यालय में सुरक्षित रहनी चाहिए, वह भी रोजगार सहायकों के घरों में जमा है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन है, बल्कि पारदर्शिता पर भी बड़ा सवाल उठाती है।
