ख़बर का असर… आखिर हटा दिए गए सन्तोष शुक्ला, अचानक कार्य करने में कैसे असमर्थ हो गए ए सी साहब…

सहायक आयुक्त जनजातिय कार्य विकास के संतोष शुक्ला को प्रभार से हटाकर, संयुक्त कलेक्टर भारती मेरावी को सौंपा प्रभार

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दैनिक रेवांचल टाइम्स – डिंडोरी आदिवासी बाहुल्य जिले के जनजातिय कार्य विकास विभाग के सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला की अचानक तबियत खराब होने की खबर सरगर्म है। वही कलेक्टर नेहा मारव्या ने एक पत्र जारी करते हुए नए आदेश में श्री शुक्ला की तबियत खराब होने और काम मे असमर्थ होने का हवाला देते हुए उनके स्थान पर महिला संयुक्त कलेक्टर को प्रभार सौंपा है।
डिंडोरी कलेक्टर कार्यालय में सोमवार को कलेक्टर नेहा माराव्या सिंह की अध्यक्षता में टीएल की बैठक हुई। कलेक्टर ने काम में लापरवाही के कारण प्रभारी लेबर इंस्पेक्टर दामिनी सिंह और समनापुर नायब तहसीलदार पंकज नयन तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए एवं आरईएस विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से एक माह की रिपोर्ट तलब की गई है। वहीं जनजाति कार्य विकास विभाग के सहायक आयुक्त का चार्ज सुश्री भारती मेरावी संयुक्त कलेक्टर को सौंपा गया। इसके पूर्व भी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला पर भ्रष्टाचार गबन, और पद का दुरुपयोग करने को लेकर अनेकों बार गंभीर आरोप लग चुके हैं।
जिले के आदिवासी बाहुल्य जिले में सरकारी धन की लूट मची हुई है और भ्रष्टाचार ग़बन चरम सीमा के पार हो चुका है जिसकी शिकायत जिला पंचायत उपाध्यक्ष अंजू ब्यौहार ने लिखित शिकायत कर लगाए करोड़ों रुपए हेराफेरी करने के गंभीर आरोप कलेक्टर नेहा मारव्या ने गठित की जांच समिति, एक सप्ताह में विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की आदेश दिए। छात्रावास एवं स्कूल की मरम्मत, सामग्री खरीदी, स्मार्ट क्लास, खेल सामग्री और निर्माण कार्यों के नाम संतोष शुक्ला ने सरकारी धन की खेली होली डिंडौरी जिले में भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके जनजाति कल्याण विभाग में पदस्थ सहायक आयुक्त डॉक्टर संतोष शुक्ला के कार्यप्रणाली को लेकर लंबे समय से सवाल उठाए जा रहे हैं। करंजिया जनपद अध्यक्ष चरण सिंह धुर्वे ने भी भ्रष्टाचार को लेकर लगातार धरने पर बैठे रहे इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
लोकायुक्त छापे के बाद भूमिगत होने वाले शुक्ला एक बार फिर सफेदपोश नेताओं के गोद में बैठकर धांधली और फर्जीवाड़े कर करोड़ों रुपए का बंदरबांट कर रहे हैं, वहीं आदिवासी हितों की बात करने वाले क्षेत्र के दिग्गज नेता मूक दर्शक बन तमाशा देख रहे हैं।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष अंजू ब्यौहार द्वारा सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला के विरुद्ध करोड़ों रुपए हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त, पुलिस को ईओडब्ल्यू, कमिश्नर से लेकर प्रदेश स्तर तक शिकायत की गई है ।
कलेक्टर नेहा मारव्या ने 11 मार्च 2025 को जांच आदेश जारी करते हुए सुनील शुक्ला अपर कलेक्टर, दीपक आर्मो कार्यपालन यंत्री आरईएस, दुर्गेश नंदन हजारिया जिला कोषालय अधिकारी को करोड़ों रुपए हेरा फेरी करने के संबंधी शिकायत की जांच का जवाबदारी सौंपी गई है। कलेक्टर ने तीन सदस्य जांच टीम को एक सप्ताह के भीतर जांच कर उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। अब देखना है की जांच टीम द्वारा वाकई में जांच की जाती है या जांच के नाम पर झुनझुना पकड़ा जाता है। आरोप यह भी हैं कि सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला द्वारा पदस्थापना दिनांक से 21 जनवरी 2021 तक लगातार आवंटित राशि का उपयोग उन्होंने मनमानी करते हुए अपने रिश्तेदार और अपने करीबियों को फ़ायदा पहुँचाते हुए एवं निर्माण कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार लगातार किया गया है। एकलव्य विद्यालय मैं बिना निविदा प्रकाशित किया लगातार नियुक्तियां लोगों से पैसे लेकर नियम विरुद्ध की जा रही है। सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी जो कि सहायक ग्रेड 2 अपनी नियुक्ति दर्शाता है जो कि एक कंप्यूटर ऑपरेटर है, जो सहायक आयुक्त के काले भ्रष्टाचार को अंजाम देने का कार्य करता है। सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला जो कि नेताओं एवं मंत्रियों के नाम एवं रिश्तेदार बताकर दबाव बनाकर सरकारी राशि गबन का कार्य करते हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार झाबुआ से लेकर मंडला तक इनके कारनामों से एक अच्छी ख़ासी एक लिखी जा सकती जिसमे इनके द्वारा किन किन प्रकार से सरकारी धन पर कैसे भ्रष्टाचार कर के साफ पाक बचा जा सकता है इनकी शिकायतें होती है पर आज तक कोई ठोस कार्यवाही न होने से आज भी इनके हौसले बुलंद हैं और इन्हें पता है कि आदिवासी जिलो में कोई न बोलने वाला है और न ही कार्यवाही करने वाला है और अगर जाँच होती है तो उन्हें महंगे महंगे होटलों रुकवा कर होटलो से ही जाँच करवा कर वापस किया जाता रहा है कभी जाँच अधिकारियों ने धरातल में जाकर जांच नही की जिस कारण से ये बचते रहे हैं। वही जिले में लोकायुक्त की छापे मार कार्यवाही के चलते कई दिनों तक गायब नजर आए थे। अपने ही रिश्तेदार की आईडी और कंस्ट्रक्शन के नाम पर फॉर्म चला रहे हैं और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डिंडोरी में सरकारी राशि का गबन करते हुए शानदार पैसों की होली खेल रहे हैं।ऐसे ही एक मामला खेल सामग्री से जुड़ा हुआ है, करोड़ों रुपए का सप्लाई आर्डर देकर घटिया सामान स्कूलों में भेजा गया है जिन प्राचार्य ने लेने से मना किया तो उन पर दबाव बनाते हुए सामग्री प्राप्त करने की पावती ली गई जिले के स्कूलों एवं हॉस्टलों में वर्ष 2022-23 में जो मरम्मत कर हुए हैं। उन स्कूलों में शिक्षा समिति अध्यक्ष द्वारा लगभग 2 महीना अधिकांश स्कूलों का दौरा किया गया निरीक्षण करने के पश्चात बहुत से स्कूलों में छत से पानी टपक रहा है। दीवारों में दरार पड़ गई हैं एवं प्लास्टर भी उखड़े हुए हैं, जिसके कारण स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चे भी दहशत में पढ़ाई कर रहे हैं। आखिरकार सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला का भ्रष्टाचार कब तक चलता रहेगा, यह तो अपने आप में अहम सवाल है। अब देखना बाकी है की कलेक्टर ने जो जांच टीम बनाई है वह कहा तक जाँच करने में सफल हो पाती हैं।
मुकेश श्रीवास की रिपोर्ट

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