राजस्व तंत्र की मनमानी या माफिया की मिलीभगत?….पीड़ित महिला की दुकान पर बुलडोज़र, प्रशासन मौन
रेवांचल टाइम्स, मंडला।मध्य प्रदेश के मंडला जिले में प्रशासन और दबंगों की मिलीभगत का एक और शर्मनाक चेहरा सामने आया है, जहाँ एक गरीब महिला की जीविका को राजस्व विभाग और स्थानीय दबंगों की मिलीभगत से बर्बाद कर दिया गया। नैनपुर तहसील के ग्राम पाठासिहोरा में रहने वाली अनीता यादव की दुकान को गुंडों ने जेसीबी से तोड़ डाला—और वह भी तब, जब प्रशासन खुद मूकदर्शक बना रहा।
ग्राम परसवाड़ा निवासी कपिल कछवाहा और उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने न केवल अनीता यादव की अर्धनिर्मित दुकान को ध्वस्त किया, बल्कि राजस्व निरीक्षक और पिंडरई पुलिस की मिलीभगत से इसे वैधता का जामा भी पहना दिया। बताया जाता है कि कपिल कछवाहा मंडला से 10–15 गुंडों और एक जेसीबी मशीन को लेकर आया और बिना किसी लिखित आदेश या कानूनी प्रक्रिया के दुकान गिरा दी गई।
राजस्व विभाग की भूमिका पर उठे सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि यह भूमि शासकीय थी, जैसा कि सरकार के स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन सर्वे में बताया जा रहा है, तो फिर कार्रवाई राजस्व विभाग द्वारा विधिवत सूचना के साथ क्यों नहीं की गई? क्यों एक निजी व्यक्ति को अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी दी गई? और यदि भूमि निजी थी, जैसा कि दबंग पक्ष दावा कर रहा है, तो इसकी पुष्टि और न्यायिक प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं हुआ?
पीड़िता अनीता यादव का कहना है कि उन्होंने कई बार पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, और जनसुनवाई मंचों पर शिकायतें दर्ज कराईं, परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई। उनका दावा है कि वह शासकीय भूमि पर ग्रामवासियों की सहमति से एक छोटा जनरल स्टोर चला रही थीं और धीरे-धीरे पक्के निर्माण की ओर बढ़ रही थीं।
प्रशासन की चुप्पी और दबंगई की खुली छूट
जिस तरीके से राजस्व निरीक्षक और पिंडरई पुलिस ने अचानक दबाव बनाकर पीड़िता को दुकान हटाने के लिए कहा और फिर उसी दिन गुंडों के माध्यम से जेसीबी चलवा दी गई, वह प्रशासन की कार्यशैली और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या यह ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ की तर्ज़ पर हुआ अन्याय नहीं है?
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि यह अतिक्रमण था तो नियमानुसार पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था, सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए था। यहाँ न तो महिला को समय दिया गया और न ही प्रक्रिया का पालन किया गया।
अब ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि:
- राजस्व निरीक्षक को तत्काल निलंबित किया जाए।
- कपिल कछवाहा और उनके साथियों पर गुंडागर्दी और महिला उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज हो।
- पीड़ित महिला को पुनर्वास और न्याय दिलाया जाए।
