घटिया स्तर से चल रहा सीवरेज लाइन का काम
एमपीयूडीसी के अफसरो का नहीं ध्यान, उखडऩे लगे सीवरेज कनेक्शन और चैम्बर ढक्कन
रेवांचल टाईम्स – मंडला, सालो से चल रहे सीवर लाइन ने लोगों का जीना दूभर तो कर ही रखा है पर अब धीरे धीरे गुणवत्ता भी सामने आ रही है कि किस स्तर का कार्य किया जा रहा है बनते ही देर नही और टूट फुट जर्जर स्थिति दिखाई दे रहा है।
वही नगरीय निकाय और पंचायत क्षेत्र में मुख्य व सीसी सड़को को उखाड़कर बिछाई गई सीवरेज लाइन का काम आमजनो के लिए सिरदर्द बना हुआ है। करीब 140 किमी लंबाई सीवेरज लाइन बिछाई गई। इसके साथ जगह जगह चैम्बर बनाए गए है। जिनके ढक् कन पहले से टूटने लगे है। वार्डो में घर से लाइन में कनेक् शन जोड़े जा रहे है। उनमें गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया गया है।
एमपीयूडीसी के अफसरो के द्वारा सीवरेज प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बताया गया है कि मंडला नगरीय निकाय नर्मदा नदी से तीन दिशाओ से घिरा हुआ है। नगर व ग्रामीण क्षेत्रो का सीवरेज नर्मदा नदी मिल रहा है। इसके रोकथाम व प्रदुषण मुक्त रखने के शासन ने सीवरेज प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है। सीवरेज को एक स्थान में लेकर ट्रीट करने की यह सबसे बड़ी योजना है। जिसमें पिछले चार साल से काम किया जा रहा है। इसके लिए करीब 140 किमी लंबाई सीवरेज लाइन मंडला महाराजपुर बिछाया गया है। ठेका कंपनी के द्वारा अभी तक नगरीय निकाय के चौबीस वार्ड और उनसे लगे पंचायत क्षेत्र में सीवरेज लाइन अंडरग्राऊड कर दी गई। लाइन में जगह चैम्बर बनाए गए है जो घटिया स्तर के है। इनके ढक्कन टूटने लगे है। कही सड़क से ऊपर बना दिए गए है। वाहन गुजरने के दौरान ये चैम्बर दुर्घटना के कारण बन रहे है। कई स्पॉट के चैम्बर के ढक् कन टूट गए है। जिन्हे बदला गया है इनमें गुणवत्ता नहीं होने के कारण वाहनो का भार सहन नहीं कर पा रहे है। ठेका कंपनी के द्वारा मनमानी से काम किया जा रहा है। सीवरेज प्रोजेक्ट का काम एमपीयूडीसी के द्वारा देखा जा रहा है। जो नगरीय निकाय की निर्माण विंग है लेकिन इनके अफसर जबलपुर बैठते है। यहां उपयंत्री के भरोसे पूरा प्रोजेक्ट छोड़ दिया गया है। इसके चलते ठेका कंपनी के द्वारा मनमानी से काम किया जा रहा है।
मंडला महाराजपुर एसटीपी चल रहा निर्माण
बताया गया है कि सीवरेज लाइन के अलावा में घरो से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए मंडला गौंझी में 7.75 एमएलडी, महाराजपुर 1.75 एमएलडी क्षमता का एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। गौंझी का एसटीपी निर्माण अंतिम चरणो में है और कंपनी के द्वारा महाराजपुर एसटीपी का भी निर्माण किया जा रहा। इसके साथ महाराजपुर में ही इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन तीन, मंडला में एक, मुख्य पम्पिंग स्टेशन एक-एक बनाए जाने है।
सवा लाख आबादी के लिए प्रोजेक्ट
मंडला नगरीय क्षेत्र की वर्तमान में जनसंख्या 59248 है। करीब आठ हजार से अधिक आवास है। जिससे हजारो लीटर गंदा पानी रोजाना नाले नाली से होकर नर्मदा में मिल रहा है। एक अुनमान के मुताबिक जब मंडला नगरीय क्षेत्र जनसंख्या 120000 हो जाएगी। इसे ध्यान में रखकर योजना बनाई गई है। शहर के करीब डेढ़ दर्जन नाले है, जो नर्मदा को प्रदूषित कर रहे हैउन्हे रोकने के लिए सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। यह पूरा प्रोजेक्ट अगले तीस साल को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
लाइन शुरू होने से पहले दुर्दशा का शिकार
सीवरेज प्रोजेक्ट निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर शुरू से ही सवाल खड़े किए जा रहे है लेकिन एमपीयूडीसी के तकनीकी अफसरो की मिलीभगत से कोई जांच तक नहीं की गई। सीवरेज लाइन के चैम्बर निर्माण घटिया स्तर की र्इंट जो कम स्टें्रथ की उन्हे उपयोग में लाया गया है। यहां तक चैम्बर ढक्कन बाइक का भार सहन नहीं कर पा रहे है और टूट रहे है। इसके अलावा घर से निकलने वाले पानी पाइप से सीवरेज लाइन जोड़ा है। यह काम भी घटिया स्तर का है। हल्के किस्म के पाइप लगाए जा रहे है। छोटे चैम्बर क्षतिग्रस्त हो गए है।
