घटना दुर्घटना के बाद ही क्यों जाग रहे है, जिम्मेदार…
रेवांचल टाईम्स – कहने को तो सरकार द्वारा न्याय और कानून व्यवस्था का डिंडोरा पीटा जा रहा है, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है, अगर कहीं किसी अस्पताल में आग लगती है तो प्रशासन हरकत में तो आता है,और अस्पतालों की जांच करने लगता है,और दो चार दिन के हो-हल्ला के बाद मामला ठंडा हो जाता है! फिर कभी किसी कोचिंग में आग लगती है तो प्रशासन हरकत में आकर कोचिंग क्लासो की जांच शुरू कर देता है,कोई बड़ा हादसा या दुर्घटना हो जाती है तो आरटीओ विभाग हरकत में आकर चेकिंग अभियान तो चलाता है मगर यहां भी लेन-देन और पक्षपात के चलते धीरे-धीरे मामला ठंडा हो जाता है,
कुछ ऐसा ही नजारा सिहोरा में देखा जा सकता है,हरदा के पास पटाखा निर्माण फैक्ट्री में भीषण अग्निकांड के बाद सिहोरा प्रशासन जागा और पटाखा व्यापारियों के पास जाकर उनके लाइसेंस चेक किया , कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासन और पुलिस के अमले ने बुधवार को सिहोरा और मझोली तहसील की दो पटाखा निर्माण फैक्ट्री और 6 पटाखा गोदामों की जांच की,पटाखा गोदाम में स्टॉक और भंडारण की क्षमता का मौके पर मिलान किया।
एसडीम सिहोरा रूपेश सिंघई, तहसीलदार शशांक दुबे, एसडीओपी पारुल शर्मा प्रशासनिक अमले के साथ मझगवां और मझौली में पटाखा निर्माण फैक्ट्री पहुंचे। मौके पर निरीक्षण और जांच के बाद यह बात सामने आई की पटाखा निर्माण के लाइसेंस धारकों द्वारा लाइसेंस तो ले लिया गया लेकिन सालों से यहां पटाखे का निर्माण कार्य बंद पड़ा है।प्रशासन और पुलिस ने सिहोरा के तीन गोदामों में पटाखा के भंडारण स्टाक पंजी और क्षमता के रिकॉर्ड जांचे। शहरी बसाहट से गोदाम की दूरी, सुरक्षा मानक के लिए क्या व्यवस्था है की गई हैं, इन सब की जांच के अलावा मझौली तहसील में भी पटाखा स्टॉक के तीन गोदामों का प्रशासन और पुलिस ने जांच की।एसडीएम रूपेश सिंघाई ने बताया कि मझगवां और मझौली में पटाखा निर्माण के लाइसेंस धारकों द्वारा लंबे समय से पटाखा निर्माण कार्य बंद रखा है। जिसको देखते हुए संबंधित दोनों पटाखा निर्माण फैक्ट्री के लाइसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। मगर किसी भी अधिकारी द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन व्यापारियों द्वारा लाइसेंस लेकर भी निर्माण कार्य नहीं करने की सूचना विभाग को ना देने के अपराध में क्या कार्यवाही की गई, अधिकारियों द्वारा बस ये कह कर पल्ला झाड़ लिया है कि फैक्ट्री बंद का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा,