ख़बर प्रकाशन के बाद अचानक जागी ग्राम पंचायत कुंभकर्णी नींद से जागी निर्माण एजेंसी.. खबर लगते ही आनन फानन में लोगों के जागने से पहले ही किया काम शुरु..
रेवांचल टाइम्स – मंडला जिले की जनपद पंचायत घुघरी की ग्राम पंचायत घुघरी का माहौल और हलचल देखने ही मिलती है..जैसे ही रेवांचल टाइम्स ने खबर प्रकाशित की नाली निर्माण हुई ही नही ओर पंचायत दर्पण में लग गए बिल की वैसे ही सुबह 6 बजे से ही नाली निर्माण का काम शुरु कर दिया गया जबकि नाली निर्माण की स्वीकृति जनवरी 2024 में ही हो गई थी और कार्य चल रहा है, ये पोर्टल में दर्शाया जा रहा था लेकिन शायद निर्माण एजेंसी और पंचायत कर्मी नाली की राशि को डकारने की फिराक में थे लेकिन रेवांचल टाइम्स समाचार में खबर प्रकाशित होते ही आनन फानन में पंच और ठेकेदार मौके पर पहुंच कर कार्य को जल्द पूरा कराने का आश्वासन देकर गये हैं..
पर सोचने की बात यह है कि जो निर्माण कार्य की स्वीकृति विगत तीन माह पहले हो चुकी थी और स्वीकृत राशि से पंचायत के जिम्मेदार ने बिल लगाकर कुछ राशि का आहरण भी कर लिया जिसकी शिकायत वार्ड क्रमांक 16 के ही एक जागरूक नागरिक ने शिकायत की औऱ 181 में भी शिकायत लगा दी पर पंचायत के जिम्मेदारों को ये सब की आजकल आदद सी हो गई है इन्हें पता है कि जब आपराधिक कृत्य करेगे तो शिकवा शिकायतें होती रहती है पर सब मैनेज हो जाती है कही किसी को मुर्गा खिला कर या फिर किसी को दारू पिलाकर सब को मैनेज कर लिया जाता है, औऱ आज कल भ्रस्ट औऱ भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया कि इन्हें किसी का भय नही शायद इन्हें ये भी पता नही है कि ग्राम पंचायत घुघरी में ही विधानसभा भुआ बिछिया के विधायक नारायण पट्टा जी मे रहते हैं ये भय मुक्त होकर दिन व दिन भ्रष्टाचार कर रहे है,
औऱ तो और जिस नाली की सफाई तक नहीं हुई थी, बनी नहीं औऱ सरकारी धन में खुलेआम डाका डाल रहे ज़िम्मेदारों की जैसे ही दैनिक रेवांचल समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई कि ग्राम पंचायत यानी कि निर्माण एजेंसी जाग गई और सुबह होने का इंतजार करने लगी और जैसे ही सुबह हुई और मशीने लेकर मौके में पहुँच गए जहाँ पर सुबह वार्ड वासी उठते ही देखे और चौक गए कि अचानक क्या हुआ जो ग्राम पंचायत के जिम्मेदार मशीनों के साथ पहुँच गए, औऱ शायद इन्हें प्रकाशित समाचार से भय सताने लगा कि कहीं जिला प्रशासन जांच न करा लें नही तो पता नही कितनी औऱ पोल खुल जायेगी जो कार्य हुआ ही नही और पहले ही उसकी राशि निकाल कर बंदरबाट कर दिया गया अब ये आनन फानन में कार्य इसलिए प्रारंभ कर दिया गया, पर अब देखना है कि जो कार्य प्रारंभ हुआ है वह कब तक चला है और उस कार्य मे कितनी गुणवत्ता रहती है क्योंकि जो कार्य प्रारंभ हुआ है उसकी अधिकांश राशि तो पहले ही निकाल ली गई हैं।