आखिरकार कब तक पहुँचेगा आदिवासी अंचलों में विकास, कब तक मिल पायेगी मुलभूत सुविधाएं….

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले के ग्रामीण अँचलों में इन दिनों विकास और मुलभूत सुविधाओं को लेकर चर्चा का बाजार गर्म नज़र आ रहा है क्योंकि वर्तमान में लोक सभा चुनाव चल रहे है और जनप्रतिनिधि घर घर जाकर विकास की बात कर करते नज़र आ रहें है और फिर से वोट मांगने औऱ रूठे मतदाताओं को मनाने औऱ उन्हें सत्ता में लाने के लिए हाथ पैर जोड़ रहे है, औऱ ये जो विकास की बात कर रहे है तो क्या सच में मंडला जिले विकास हुआ है क्या कुछ मतदाताओं ने पूछ लिए, जागरूक बोटर ने पूछा कि सर कहा कहा हुआ है विकास जरा बतलाइए हमे तो कही नज़र नही आ रहा जो भी विकास का काम हुए है या हो रहे है वह सब के सब शुरू हुए समाप्त कब होंगे आज चलने के लिए सड़कों का क्या हाल है देखें जरा किसी है आप तो चलकर आये होंगे न सब के सब चुप नजर आये,


मंडला जिले का दुर्भाग्य है जो कि मुख्यालय तक का बुरा हाल है सड़के महीनों से बन रही है, नगर के अंदर जगह जगह गड्ढे बने हुए और इस जिले के ग्रामीण अंचलों में आज भी विकास नाम की चिड़िया नही पहुँच सकी और हमारे नेता विधायक हो या सांसद हो सब के सब मंचो से विकास का ढोल पीट रहे है कि हमने ये किया वो किया पर ग्रामीण जानना चाहते है कि किया तो ठीक है पर कहा किया है, आज भी जिले के अधिकांश ग्रामों में पहुँचने के लिए सड़क नहीं है, पीने के लिए पानी नहीँ है, और न ही आज तक बहुत से ऐसे गांव है जो रोशन नही हो पाए है रोशनी के लिए ख़ंब्बे जरूर खड़े है पर उन ख़म्बे में तार नही दिखाई पड़ रही है और पीने के पानी के लिए लाइन डाल दी गई बड़ी बड़ी टँकीया बना दी गई पर आज भी वह पानी की टँकीया में एक बूंद पानी नही है और सड़के आज भी चलने लायक नही है नदी नालों में पुल पुलिया नही है और बहुत सी पंचायतों में तो पुलिया निजी स्वार्थों के चलते जागरूक जनप्रतिनिधियों ने जहाँ नाला नही नदी नही वहा भी पुल पुलिया बना दी और जहाँ आवश्कता है वहाँ आज भी कुछ नही हुआ है।


औऱ ये सब विधानसभा चुनाव औऱ लोकसभा चुनाव के समय में ही हमारे जनप्रतिनिधि औऱ जनता जनार्धन बतलाती है कि सड़क नही बोट नही पानी नही तो वोट नही औऱ तरह तरह से बाते सामने आती पर वह भी केवल चुनाव तक और फिर चुनाव होते ही सब की सब यथावत हो जाता हैं। सब अपने कामो में लग जाते हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार के विकास खण्ड मवई के आदिवासी वनांचलों के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों को सरकार से मिलने वाली सरकारी सुविधाएं नाम मात्र को ही मिल पा रही हैं। औऱ वह कागजों औऱ सरकारी पोर्टल में पूर्ण बताई जा रही पर इसकी जमी हकीकत कुछ और ही व्यया करती हैं।
वही विकास खण्ड मवई की ग्राम पंचायत केवलारी कला में लोग आज भी उनको मिलने वाली मुलभूत सुविधाये से वंचित है जैसे सड़क तो है पर वह चलने लायक नही है और नल है पर उसमे से पानी नही आ रहा हैं बिजली है पर उनके लिए ख़ंब्बे नहीं है जंगल की लकड़ी के सहारे से बिजली कि तारे दौड़ रही हैं, मुख्य रोड़ हर्राभाट से केवलारी कला का वही हाल औऱ लगभग सात किमी की सड़क वर्षों से क्षतिग्रस्त है। जिसकी शिकवा शिकायत विधायक से लेकर विकास खण्ड से लेकर जिला प्रशासन और सीएम पोर्टल तक मे दर्ज करा चुके है बावजूद इसके शिकायत में कार्यवाही तो दूर की बात है आज तक कोई जिम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि को देखने तक कि फुर्सत नहीं मिली औऱ ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने शीघ्र ही सड़क निर्माण कराने की मांग की है। इनकी माँग है कि जल्द से जल्द मुख्य रोड़ ग्राम हर्राभाट से ग्राम केवलारी कला, मोहल्ला तालाब टोला होते हुए ग्राम गैतरा, जमनाही मार्ग तक यह सड़क है। करीब सात किमी मार्ग यह मार्ग क्षतिग्रस्त है। जिससे आवागमन हेतु रोड़ की व्यवस्था अत्यंत दयनीय है। सड़क में जगह जगह जान लेबा गड्ढे हो चुके है और सड़क में लगे पथरीले पत्थर उखड़ कर नुकीले हो चुके हैं, जिसमें नागरिकों चालकों एवं विद्यार्थी तथा अस्पताल, बाजार–हार्ट आने जाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
वही हर चुनाव के समय जनप्रतिनिधि औऱ नेता आते है उन्हें आश्वासन देकर जाते है कि हम जीतते ही जल्द से जल्द आपके जरूरत की सभी सुविधाएं जी जायेगी और फिर दोबारा दूर दूर तक दिखाई तक नही पड़ते हैं।
इनका कहना है…..
हमारे गाँव में ग्रामीणों को मिलने वाली सरकार से कोई भी सुविधाएं सही तरीके से नही मिल पा रही है सड़क तो पर चलने लायक नही है आये दिन घटना दुघर्टना घट रही है हम सभी लोग जगह जगह शिकवा शिकायत कर चुके पर कोई नही सुन रहा हैं परेशान हो चुके हैं।
योगेश मार्को
स्थानीय ग्रामीण
आजादी के बाद भी हम लोग वैसा ही जीवन जी रहे है कोई फर्क नही पड़ा है हमे कोई सुविधाएं नही मिल पाई है और जो है वह कहने मात्र को है।
श्याम भरतिया
स्थानीय ग्रामीण
आप गाँव आकर देख ले कि हमे क्या मुलभूत सुविधाएं दी जा रही है औऱ क्या विकास हुआ है जो विकास हुआ वह नेताओ का हुआ है जिनके पास साईकिल नही थी वह आज कार में चल रहे है हमे तो केवल अस्वाशन ही मिलता है और कोई नेता जितने के बाद पांच साल तक नज़र नही आता है हम तो अपने हाल में जी रहे हैं।
घंशु मसराम
स्थानीय ग्रामीण

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