बड़ी खबरः अवैध रुप से वसूले निजी स्कूलों की फीस होगी वापस,
रेवांचल टाईम्स – अभिभावकों को अनाप शनाप दाम पर किताबें बेची जा रही थी। पुरानी किताबें बेचने पर कमीशन नहीं मिलता था। 11 स्कूलों में फर्जी और डुप्लीकेट isbn no की किताब बिक रही थी। जिसमे 7 लाख बच्चों से 240 करोड़ रुपए लिए, 51 आरोपियों में 30 स्कूल से संबंधित, 5 पुस्तक विक्रेता और 16 पब्लिशर
मामले में अभी तक 20 लोग गिरफ्तार
11 स्कूल ने 81 करोड़, 30 लाख ज्यादा फीस ली गई। स्कूलों की आडिट रिपोर्ट में व्यापक लेबल पर गड़बड़ी हुई है। 21 हजार बच्चों से 81 करोड़ 30 लाख ज्यादा अवैध फीस वसूल किए गए। 7 लाख बच्चों से 240 करोड़ रुपए अवैध रूप से वसूली गई। मामले में कुल 51 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें स्कूल से संबंधित आरोपी 30, पुस्तक विक्रेता संबंधी आरोपी 5 और पब्लिशर से संबंधित आरोपी 16 है। मामले में अभी तक 20 लोग गिरफ्तार हुए है।
इस तरह हुई गड़बड़ी
पाठ्य पुस्तकों और स्टेशनरी विवरण सार्वजनिक नहीं की जाती थी। एक क्लास में ज्यादा से ज्यादा सब्जेक्ट की किताबें भिजवाते थे। कमिशन के लिए पब्लिशर हर साल सिलेबस बदल देते थे। भारी संख्या में फर्जी और डुप्लीकेट किताबें बेची जा रही थी। कुछ चुनिंदा बुक सेलर से ही जानकारी साझा की जा रही थी। पब्लिशर और बुक सेलर के बीच मोनोपॉली थी। अभिभावकों को अनाप शनाप दाम पर किताबें बेची जा रही थी। पुरानी किताबें बेचने पर कमीशन नहीं मिलता था। 11 स्कूलों में फर्जी और डुप्लीकेट isbn no की किताब बिक रही थी।
हर साल 1 अक्टूबर के पहले सिलेबस का चयन
फर्जी आईएसबीएन no की किताब ओपन मार्केट में न मिलकर कुछ चुनिंदा दुकानों पर मिलती थी। 11 स्कूलों ने सालाना 40 करोड़ का बोझ अतिरिक्त डाला गया। 60% किताबों में और 50% स्टेश्नरी मुनाफा। 2.5 लाख बच्चों से 40 करोड़ की कमीशनखोरी की गई। 10 प्रतिशत के अधिक फीस वृद्धि बगैर कलेक्टर के मंजूरी के नहीं बढ़ा सकते थे। अब हर साल 1 अक्टूबर के पहले सिलेबस का चयन करना होगा। बाकी स्कूलों को अपने स्तर पर चेतावनी दी गई।