एक नही दो नहीं चार नहीं बल्कि पूरी पंचायतों में लग रहे फर्जी मटेरियल सप्लायर के बिल, वार्ड मेम्बर ही बने ठेकेदार बिना दुकान के लगाते आ रहे ट्रेडर्स के बिल..
रेवांचल टाइम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले की ग्राम पंचायतों में अब जनप्रतिनिधि केवल इस लिये चुनाव लड़ रहे है और पानी की तरह पैसा बहा कर जीत रहे हैं कि जितने के बाद चुनाव में लगाया हुआ पैसा चार गुना ब्याज सहित वसूली कर सके इसके लिए वह चुनाव जीत कर किसी भी हद को पार करने को तैयार रहते है पंचायती राज अधिनियम की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही हैं, औऱ आज जिले की हर ग्राम पंचायतों में निर्माण एजेंसी नाम मात्र को रह गई उन ग्राम पंचायतों में जीते हुए जनप्रतिनिधियों ने आज खुल्लमखुल्ला ठेकेदार बन बेथे है और जिन्हें कार्यवाही या देखने की जिम्मेदारी सौपी गई वह तो इनके गुलाम औऱ इनके आगे दुम हिलाते नज़र आ रहे है और ये जनता के सेवक बन कर जनता से बोट माँग कर जितने के बाद केवल अपना औऱ अपने करीबियों का स्वार्थ सिद्ध कर रहे है और सीधे सीधे जनता के धन पर अपना अधिकार जमाते हुए सरकारी धन में लूटपाट मचा रखी हुई।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लगातार जनता और मीडिया की सुर्खियों में इन दिनों घुघरी जनपद के अधीनस्थ ग्राम पंचायते बनी हुई है पर भ्रष्टाचार, ग़बन, घोटाले और फर्जीवाड़ा अपने पूरे चरम सीमा को पार कर चुका हैं।
औऱ आज जिले में सबसे आगे नजर आ रहा हैं कहीं बिना दुकानों के मटेरियल सप्लायर के फर्जी बिल तो ऐसे लगे हुए है जैसे कि जगह जगह बड़ी बडी दुकानो का संचालन हो रहा पर जिन मटेरियल सप्लायर के बिल पंचायत दर्पण में नज़र आ रहे है वह दुकान औऱ ट्रेडर्स के बिल तो नज़र आ रहे पर दुकानें ही लापता हैं..
कहीं अधूरे काम पर ही खुला भ्रष्टाचार तो कहीं चुने हुए जनप्रतिनिधि बन बैठे हैं ठेकेदार
अधिकांश पंचायतों तो लूट का अड्डा बन चुकी है और जनप्रतिनिधि खुलेआम सरपंच सचिव पर दबाव बना कर ठेकेदारी करते नज़र आ रहे है और जिन्हे ठेकेदारी का ठ नही पता वह आज ठेकेदारों की गिनती में आ गए औऱ सरकारी धन जो जनता के लिए सरकार ने दी उसमे ऐसा काम कर रहे है कि वह काम खुद व खुद अपनी गुणवत्ता के लिए बोल रहा है और सरकारी धन को काम के नाम पर लीपापोती करके पैसा पूरा डकार रहे..
वैसे ये घुघरी जनपद की कोई नयी कहानी नहीं है विगत कुछ वर्षों पूर्व में भी इमलीटोला कांड सभी को याद ही होगा कि कैसे गबन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी जेल जा चुके हैं, ऐसा ही नया कारनामा जनपद पंचायत घुघरी के ग्राम पंचायत कुंटी ददरगांव का सामने आया है जहां पर चुने हुए ग्राम पंचायत के सदस्य जिनकी न दुकान है और न ही सामान है लेकिन वर्षों से मटेरियल सप्लाई करते करते आज ग्राम पंचायत के सभी कार्यों की ठेकेदारी से लेकर आज ट्रेडर्स भी बन बैठे हैं लेकिन इनको ये जानकारी ही नहीं है कि फर्जी बिल और ठेकेदारी नियम विरुद्ध है।
और हद तो तब हुई जब सरकार ने सभी के लिए जी.एस.टी लागू कर चुकी है और लगभग चार से पांच साल हो गये लेकिन इनको जी.एस.टी कितना देना है या बिल में काटना है इसकी भी जानकारी नहीं है बस ठेकेदारी के बिल धड़ा धड़ काटे जा रहे है और सरकारी पैसा को अपना समझ कर खाते में ला रहे है बाकि सरकार को कितना जी.एस.टी देना है या नही ये भी जानकारी नहीं है।
फर्जी बिलों का यही हाल
जनप्रतिनिधि हो रहे मालामाल
ये वैसे ये घुघरी जनपद की ग्राम पंचायत का कोई नया मामला नहीं हैं जहां पर वार्ड मेम्बर ठेकेदारी कर रहे हैं बल्कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों का जनपद पंचायत घुघरी की सभी जगह यही हाल है कोई बिना मटेरियल सप्लायर औऱ ट्रेडर्स दुकान के ही बन बैठे हैं तो कोई मटेरियल सप्लाई करते करते तो कोई ट्रेडर्स और ठेकेदार बन बैठे हैं।
सचिवों की खास मेहरबानी से चलते है कमीशनखोरी का गोरखधंधे चरम में
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस भी ग्राम पंचायत के किस ट्रेडर्स सप्लायर के कितने के बिल कब कब लगे हुए ये पंचायत दर्पण में आसानी से देखें जा सकते है, औऱ फर्जीवाड़ा ये आम बात है कि बिना दुकान के फर्जी बिल और ट्रेडर्स के बिल लगाकर सरकारी धन में लूट करने की और ये फर्जीवाड़ा करते हुए बेखौफ तरीके शासकीय योजनाओं का पैसा लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें है।
अघिकारियों के रटे रटाये जवाब
जब किसी अखबार या मीडिया के कर्मी अधिकारियों से जानकारी लेते हैं तो उनका रटा रटाया जवाब रहता है। कि मेरी जानकारी में नहीं हैं मैं दिखवा लेता हूं आखिर जानकारी होगी भी कैसे क्योंकि अधिकारी केवल ए.सी.रूम में औऱ सरकारी गाड़ी से कभी पंचायतो में झांके भी तो सही केवल ये कार्यालय में बैठकर अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हैं। जमीनी स्तर पर काम हो रहा है या नहीं कौन कर रहा कैसे हो रहा इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं होती..
जिला मुख्यालय तक जानकारी पहुंचने से पहले हो जाती है सेटिंग
वही जानकारी के अनुसार फर्जीवाड़े की जांच और कार्रवाई होगी भी कैसे क्योंकि ग्राम पंचायत से शिकायत होती है तो जनपद में जाकर खत्म हो जाती है औऱ जांच अधिकारी से मिल कर खर्चा पानी दे दो सब ठीक हो जाता हैं आज किसको लक्मी जी से मोह नही है क्योंकि जनपद पंचायत में बैठे अधिकारी गण सब अपनी अपनी सेटिंग कर लेते हैं, और कमीशन खोरी की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेज दी जाती है, तो कार्यवाही का तो सवाल ही पैदा नही होता है क्योंकि सब के सब को अपनी जेबें गर्म करनी औऱ सुख सुविधाएं की जो आदत है वह कैसे पूरी होंगी।
इनका कहना है.
रामकिशोर वार्ड मेम्बर हैं, और ये मटेरियल सप्लाई भी किया करता हैं अभी जो कुछ समय पूर्व में नाडेप बने हैं, तो इन्होने ही बनाये हैं इनकी कोई दुकान नहीं है और न ही समान है औऱ न ही दूकान है लेकिन मटेरियल सप्लाई के नाम से ट्रेडर्स के बिल लगाते हैं। ये तो सब को पता है और ये तो सभी पंचायतों का हाल है।
कल्याण सिंह कुलेश
सरपंच कुंटी ददरगांव
बीसों साल से ये काम कर रहा हैं और मेम्बर के साथ ये ठेकेदारी भी करते हैं और बिल भी इनके ही लगते हैं आज तक तो किसी ने कुछ किया और न ही कोई रोका जैसा चलते आ रहा वैसे ही तो चल रहा हैं।
असलम शेख
सचिव कुंटी ददरगांव