नदियां हमारी माँ के समान, जो हमें सदैव देने का प्रयास करती हैं- मंत्री प्रहलाद पटेल…
जल एवं प्रकृति के संरक्षण से ही आने वाली पीढ़ी को मिल सकेगा बेहतर कल....
दैनिक रेवाचल टाइम्स – सिवनी प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि नदियां सभ्यता का पालना होती हैं, नदियां के किनारों पर ही सभ्यताएं विकसित होती हैं और अपना विकास करती हैं। उन्होंने कहा कि नदियां हमारी माँ के समान हैं जो हमें सदैव देने का प्रयास करती हैं, बदले में कोई अपेक्षा नही रखती हैं। उन्होंने कहा जिस प्रकार हम वृद्ध माँ का ख्याल रखते हैं वैसे ही हमें पुरानी नदियों तथा जल स्रोतों को भी संरक्षित एवं पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। मंत्री श्री पटेल ने उक्त कथन कुरई विकासखण्ड के ग्राम शाखादेही में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत बावनथड़ी नदी के उद्गम स्थल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहे।मंत्रीपटेल ने प्रदेश शासन की “जल गंगा संवर्धन अभियान” को लेकर शासन की मंशा के बारे में उपस्थित जनों को अवगत कराते हुए बताया कि उन्होंने अभियान अंतर्गत अनेको नदी उद्गम स्थल का अवलोकन किया हैं, जिसमें बावनथड़ी नदी का यह पहला उद्गम स्थल हैं जिसमें इतनी गर्मीं में भी जल की धारा प्रवाहित हो रहीं हैं। जिसका प्रमुख कारण उद्गम स्थल के चारों ओर फैला घना वन क्षेत्र है।मंत्री पटेल ने कहा कि आने वाले समय में जल और शुद्ध वातावरण की कमी होने की संभावना को नकारा नही जा सकता, जो कि हमारी ही गलती का परिणाम होगा। उन्होनें कहा हमें आज सचेत होकर जल एवं प्रकृति के संरक्षण के लिए कार्य करना होगा तब ही हम आने वाली पीढ़ी को बेहतर कल दे पाएंगे। मंत्री पटेल ने कहा जल गंगा संवर्धन अभियान जन चेतना का अभियान है, जो निरन्तर जारी रहेगा। उन्होंने कहा प्रकृति और जल स्त्रोतों के संरक्षण में हम सभी की सक्रिय भागीदारी से ही सफलता मिल सकती हैं।
मंत्री पटेल ने मंचीय कार्यक्रम के पूर्व ग्राम शाखादेही में बावनथड़ी नदी के उद्गम स्थल एवं मन्दिर में पूजार्चना की तथा जनप्रतिनिधियों के साथ वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर विधायक बरघाट कमल मर्सकोले, विधायक सिवनी दिनेश राय, जनपद अध्यक्ष कुरई लोचन मर्सकोले, श्री आलोक दुबे, पार्षद ज्ञानचंद सनोडिया, प्रेम तिवारी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों तथा सीईओ एवं प्रभारी कलेक्टर नवजीवन विजय, एसडीएम कुरई विजय सेन, सीईओ जनपद राकेश दुबे तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण जनों की उपस्थिति रही।