इस तारीख से शुरू हो रहा शिव जी का प्रिय श्रावण मास, रोज ये काम करने से प्रसन्‍न होंगे महादेव

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देवों के देव महादेव यदि प्रसन्न हो जाएं तो वह अपने भक्तों को मनचाहा वर देते हैं. महादेव को प्रसन्न करके ही रावण ने अपार शक्ति के साथ न मरने का वरदान तक प्राप्त कर लिया था. महादेव को श्रावण मास सर्वाधिक प्रिय है. अभी आषाढ़ मास चल रहा है 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा मनाई जाएगी, इसके अगले दिन से ही श्रावण मास का कृष्ण पक्ष प्रारंभ हो जाएगा और अमावस्या चार अगस्त को होगी. अमावस्या के अगले दिन से शुक्ल पक्ष शुरु होगा और 19 अगस्त को पूर्णिमा के साथ ही श्रावण मास की पूर्णता होगी. इसी दिन भाई बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व होगा.

माना जाता है कि श्रावण मास में चातुर्मास के कारण भगवान विष्णु तो चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और श्रावण मास में भगवान शंकर जाग्रत अवस्था में माता पार्वती के साथ पृथ्वी लोक पर ही रहते हैं. धर्म ग्रंथों के अनुसार सती के रूप में अपने पिता दक्ष प्रजापति के यहां प्राण त्यागते समय उन्होंने संकल्प लिया था कि अगले जन्म में भी वह शिव जी को ही पति के रूप में प्राप्त करें. अगले जन्म में हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लेने के बाद उन्होंने शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए श्रावण मास में कठोर तप किया था. यही कारण है कि भोलेनाथ का श्रावण मास का महीना सबसे अधिक प्रिय है.

नित्य भोलेनाथ को अर्पित कर करें प्रसन्न

भोलेनाथ को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है जो जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर सफलता दिलाने का कार्य करते हैं. आपको नित्य प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद किसी भी शिवालय में शिवलिंग के ऊपर एक लोटा जल अर्पित करना है इसके साथ ही यदि आप बिल्व पत्र भी अर्पित कर दें और निश्चित रूप से महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस महीने में आप बेल का पौधा भी लगा सकते हैं.

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