अतिथि शिक्षक नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से सीधा संवाद कराने क्षेत्रीय विधायकों के आवासों तक करेंगे निवेदन यात्रा

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दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडलाअतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की वर्षों लंबित मांग के शीघ्र निराकरण को लेकर मुख्यमंत्री से सीधा संवाद कराने क्षेत्रीय विधायकों के आवास तक निवेदन यात्रा करने संगठन ने निर्णय लिया है।
वही शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए होने वाली अतिथि शिक्षक भर्ती में भाई-भतीजावाद पर रोक लगाने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग मंडला को ज्ञापन सौंपा गया है। साथ ही अतिथि शिक्षक समन्वय समिति मध्यप्रदेश के संस्थापक एवं जिला अध्यक्ष मंडला पी डी खैरवार ने जारी विज्ञप्ति में बताया है, कि अतिथि शिक्षकों की एक भी मांग पूरी न करते हुए वर्षों के अनुभवियों को काम से अलग करने का सिलसिला लगातार जारी है। जिससे रोजी-रोटी के संकटग्रस्त प्रभावित होते जा रहे अतिथि शिक्षक अपने क्षेत्रीय विधायकों के आवासों तक संवाद निवेदन यात्रा करेंगे।


वही मुख्यमंत्री के साथ सीधा संवाद कर अतिथि शिक्षकों के सुनिश्चित रोजगार के लिए शीघ्र नीति बनाने विधायक से निवेदन करेंगे। जब तक विधायक, अतिथि शिक्षक संगठन और मुख्यमंत्री के बीच सीधा संवाद होता नहीं विधायक के आवास के सामने से नहीं हटने का निर्णय लिया गया है‌। इस पहल को संपूर्ण मध्यप्रदेश में लगातार जारी रखी जाएगी। जिसकी शुरुआत बुधवार 24 जुलाई से बिछिया विधायक के घुघरी स्थित आवास के सामने जिले भर के अतिथि शिक्षक प्रतिनिधि दोपहर पूर्व 10 बजे तक पहुंचेंगे। जहां पर अतिथि शिक्षक संगठन और मुख्यमंत्र के बीच सीधा संवाद कराने विधायक से निवेदन किया जाएगा। जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा की गई घोषणाओं को लागू कराने संबंधी मांग पर, वर्तमान सत्र के लिए अधिकतम अनुभवी अतिथि शिक्षकों को ही काम का अवसर दिलाने आदेश जारी कराने ध्यानाकर्षण कराया जाएगा। जिले भर के अतिथि शिक्षक प्रतिनिधियों से संख्या बल के साथ समय पर पहुंचने की अपील की गई है। इसी क्रम में शुक्रवार 26 जुलाई को निवास विधानसभा क्षेत्र के विधायक चैन सिंह वरकड़े के निवास स्थित आवास पहुंचकर जिले भर के अतिथि शिक्षक प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से संवाद कराने का निवेदन करेंगे।यह निर्णय रपटा घाट में मंगलवार 23 जुलाई को हुई मीटिंग के दौरान लिया गया है।बता दें कि अत्यंत कम मानदेय के साथ सत्रह वर्षों से अनिश्चित रोजगार में लगे अतिथि शिक्षकों को नियमित रोजगार शीघ्र दिलाने नीति बनाने की मांग मध्यप्रदेश सरकार से लंबे समय से चली आ रही है।जिस पर बड़ी मशक्कत के बाद सरकार ने मानदेय दोगुना करने के अलावा सुनिश्चित रोजगार देने को लेकर आज भी कोई नीति नहीं बना पा रही है।
अब तो किसी भी तरह से अतिथि शिक्षक विरोधी नीति नियम बनाकर मध्यप्रदेश के बहत्तर हजार अतिथि शिक्षकों को धीरे-धीरे सब काम से बाहर भी किये जाने की साज़िश सी चल रही है।वर्षों का अनुभव रखने वाले अतिथि शिक्षकों को बाहर करके नये नये लोगों को अतिथि शिक्षक के काम पर भर्ती कर भाई भतीजावाद चलाया जा रहा है। इस तरह अतिथि शिक्षकों के संगठन और संघर्ष को कमजोर करने की नीति चलाई जा रही है।अब ज्यादा सहन करने की स्थिति में अतिथि शिक्षक नहीं हैं।बैठक में प्रहलाद झरिया, संजय सिसोदिया,उपासना सिंह, श्रवण कुमार यादव,हेमराज मसराम, सुनील उईके, अनुभव झारिया, नंदलाल बरमैया, संदीप विश्वकर्मा, यशोदा मरावी,सूरज परवार, दुलीचंद मरावी,पतंगी धनंजय,राजू यादव मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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