मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, भोपाल शुक्रवार 20 सितंबर, 2024 ”32 मामलों में संज्ञान” जिसनें तीन मामले मंडला के माँगा जवाब
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, भोपाल शुक्रवार 20 सितंबर, 2024
”32 मामलों में संज्ञान” जिसनें तीन मामले मंडला के माँगा जवाब
रेवांचल टाईम्स – मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ”32 मामले में” संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।जिसमे 3 मामले मण्डला जिले के हैं। आयोग ने संबंधितों से जवाब मांगा है।
मण्डला -जिले के 3 मामले जो समाचार पत्रों मे प्रकाशित हुए थे जिसमें प्रथम दृष्टया मानव अधिकार का उल्लंघन है ऐसे मामले को संज्ञान मे लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस बात की जानकारी कार्यालय प्रभारी म. प्र. मानव अधिकार आयोग-मित्र, शिकायत प्रकोष्ठ शाखा मण्डला के वरूण विकास नीखर ने दी है।
आवासीय विद्यालय में बच्चों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं
मंडला जिले के घुघरी जनपद में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विद्यालय में दो-दो प्राचार्य होने के बावजूद बच्चों को उनके अभिभावकों से मिलने नहीं दिया जा रहा और ना ही पालक शिक्षक संघ की बैठक की जा रही है। आवासीय विद्यालय में बच्चों को गुणवत्ता युक्त भोजन नहीं मिल रहा है और न ही बच्चों के रहने की उचित व्यवस्था है। बच्चों के लिये जो पंखे, वॉशिंग मशीन एवं अन्य संसाधन है, वो खराब पड़े हुये है, इस कारण बच्चों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
सड़क में बह रहा घरों का दूषित पानी, झाडि़यों से जहरीले जीवों का खतरा
मंडला जिले के माधोपुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत औघटखपरी द्वारा गांव की साफ-सफाई की जा रही है, जिससे जगह-जगह गंदगी फैलने का मामला सामने आया है। बरसात पूर्व नालियों की सफाई ना होने के कारण सारा कचरा मिट्टी बीच सड़क पर जमा हो जाता है, जिस कारण घरों से निकलने वाला गंदा/दूषित पानी बीच सड़क पर जमा हो जाता है। इस संबंध में ग्राम वासियों द्वारा कई बार पंचायत प्रतिनिधियों से शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखने से महंगी दवाई खरीदने को मजबूर मरीज
मंडला जिले के जन औषधि केंद्र में चिकित्सक द्वारा जैनेरिक दवाईयां नहीं लिखे जाने का मामला सामने आया है। इस कारण मरीजों को मजबूरन महंगी दवाई खरीदनी पड़ रही है। जैनेरिक दवाओं का लाभ जागरूकता के अभाव में लोगों द्वारा नहीं लिया जा रहा है और साथ ही साथ डॉक्टरों द्वारा औषधि केंद्र में मिलने वाली दवाओं को लिखने से परहेज किया जा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओं, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।