कागजों में पुलिया निर्माण की एक माह बाद भी नही हो सकी जांच सीईओ ने दिए थे जांच के आदेश

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जिन पर भ्रष्टाचार के लगे है आरोप जांच दल में उन्हें भी किया शामिल

दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग – जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत आमाडोंगरी के सरपंच सचिव ने जनपद के उपयंत्री और सहायक यंत्री की मदद से कागजों में मनरेगा मद से पुलिया निर्माण का कार्य दिखाकर लाखो रुपए की भारी भरकम राशि निकाल ली और जिस स्थान पर पुलिया निर्माण कार्य दर्शाया गया है वहा कई सालो से कोई निर्माण हुआ ही नहीं है इस मामले के उजागर होने के बाद जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था जिन्हे तीन दिवस में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु कहा गया था परंतु माह भर बीत जाने के बाद भी इस पूरे मामले की जांच अभी तक नही हो सकी। फर्जीवाड़े की जांच के लिए जिन चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है उस समिति में जनपद के सहायक यंत्री,उपयंत्री, एपीओ,और पीसीओ को शामिल किया गया है हैरानी की बात यह है कि एपीओ जिन्होंने “कागजों में पुलिया निर्माण” का बिल लगाकर स्वयं भुगतान करवाया है जांच दल में उन्हें भी शामिल किया गया है इस पूरे मामले में जनपद के सहायक यंत्री और उपयंत्री की भूमिका सवालों के घेरे में है जांच दल में जनपद के अमले को ही शामिल किया गया। सहायक यंत्री जिनके कार्यकाल में दर्जनों निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके है उन्हे भी जांच की जवाबदारी सौपी गई है जिससे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। लोगो का कहना है की मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है गौरतलब है की बीते दिनों आमाडोंगरी के
ग्रामीणों ने सरपंच सचिव और जनपद के तकनीकी अधिकारियों पर मिली भगत कर राशि हड़पने का आरोप लगाया था और जांच की मांग थी है ग्राम पंचायत के अंतर्गत मनरेगा के भुगतान पोर्टल में पुलिया निर्माण कार्य मुक्ति धाम के पास होना दर्शाया गया है और इस कार्य में खर्च की गई राशि का भुगतान लगभग आठ लाख रुपए होना दिखाया गया है जबकि हकीकत में मुक्ति धाम के पास कोई भी पुलिया का निर्माण नही किया गया है और ग्राम पंचायत ने उपयंत्री और सहायक यंत्री की मदद से मनगढ़ंत बिल लगाकर भुगतान भी करा लिया गया था मनरेगा के भुगतान पोर्टल में सोनी कांस्ट्रेक्सन और अन्य फर्मों के नाम से दो जुलाई 2024 को भुगतान होना दिखाया गया है
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया था कि ग्राम में सिर्फ एक ही मुक्ति धाम है जिसके आसपास कोई भी पुलिया निर्माण कार्य नहीं हुआ है ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए इस फर्जी निर्माण के जांच की मांग की थी जो अब तक नही हो पाई है सूत्रों की माने तो अब ग्राम पंचायत के जिम्मेदार किसी दूसरे स्थान पर पुलिया का निर्माण होना बता रहा है और जिस स्थान का नाम बता रहे है उस निर्माण कार्य का भुगतान पहले ही हो चुका है

इनका कहना है।
जांच के लिए टीम गठित की गई है प्रतिवेदन अभी नही आया है।
एमएल धुर्वे सीईओ बजाग

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