शराब दुकान की मनमानी एम एस पी औऱ एम आर पी से अधिक मूल्य में बेंची जा रही घुघरी में शराब

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आबकारी विभाग ठेकेदार को दे रहा संरक्षण ग्राहकों के जेब मे शराब ठेकेदार मचा रहा लूट….

रेवांचल टाइम्स मंडला- आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा मण्डला नगर को पवित्र नगरी घोषित करते हुए मंडला नगर मां नर्मदा के दोनों तट से पांच किलोमीटर तक में शराब की बिक्री बंद करते हुए 6 स्वीकृत देशी एवं विदेशी शराब दुकानों को बंद करा दिया है, दुकाने तो अधिकारी तोर पर तो बन्द कर दी गई पर उसके बाद से बेनामी अनगिनत देशी विदेशी शराब का संचालन शुरू हो गया जो शराब लाइंसेसी ठेके में अधिक मूल्यो पर मिल रही है वही शराब पवित्र नगरी में आधी कीमत में घर पहुँचा कर दी जा रही है और ये सब आबकारी विभाग की नाक के नीचे ही चल रहा और आबकारी विभाग चाहता है कि उनके चहेते ठेकेदार ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाए औऱ लोगो को नशे का आदि कर दे जिससे उनकी औऱ ठेकेदार के जेब हमेशा गर्म ही रहे और जिस नगरी को पवित्र नगरी का दर्जा दिया गया था अब वह केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गई है।
नगर के अंदर जिले में संचालित ठेके से तो शराब आ ही रही है, पर आसपास के जिले तक की शराब खप रही है और ये सब आबकारी विभाग के संरक्षण में चल रहा है वही दूसरी औऱ छोटी मोटी कार्यवाही तो पुलिस विभाग द्वारा अवैध शराब माफियाओं तस्करों पर कर दी जाती है पर अबैध शराब माफियाओं पर तो पूरी मेहरबानी आबकारी विभाग बनाये हुए हैं। बावजूद इसके आबकारी विभाग मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन पूर्ण ईमानदारी से नही करते हुए आदेश को ठेंगा दिखा रहा है, आबकारी विभाग की मिली भगत से खुलेआम कच्ची व अंग्रेजी शराब हर गली मोहल्ले में बेखौफ रूप से कुचियो के माध्यम से बेंची जा रही है, जब शहर के हाल है तो ब्लॉकों और कस्बों मै क्या स्तिथि होगी यह अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है, अबैध शराब की कई बार 181 से लेकर लिखित शिकायत की गई आम जनता चक्कर लगा लगाकर थक जाती है लेकिन उसके बाद भी जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी न सुनते हैं और न समाधान करते हैं..
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही मामला तहसील मुख्यालय घुघरी की शराब दुकान का प्रकाश में आया है जहां पर रेट लिस्ट केवल नाम के लिए बनाई है और शासन से जो दर तय किये गए है उससे अत्यधिक मूल्य पर शराब का विक्रय किया जा रहा है जिसकी शिकायत 181 में शिकायत की गई है वहीं रेत लिस्ट में दर्शायी गयी राशि से एम एस पी 190 और एम आर पी 220 बाटल में लिखी है इसके बावजूद लाइसेंसी शराब दुकान में बैठे ठेकेदार के गुर्गे के द्वारा ग्राहकों से तय राशि से भी अधिक 250 रुपये की कीमत दी जा रही है जिससे साफ नजर आता है कि शराब ठेकेदार आबकारी विभाग किस कदर गोद मे बिठाकर गरीबी से लूट मचा रखी हुई है जो नियत कीमत से भी अधिक में शराब बेची जा रही है..
वहीं नाम न छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि शराब दुकान में जो रेट लिस्ट लगायी गयी है उससे भी अधिक कीमत पर शराब बेची जाती है, और मनमाने तरीके से पैसे लिए जाते हैं, वहीं जब रेट लिस्ट के हिसाब से पैसे लेने को कहते हैं तो शराब दुकान के कर्मचारी गाली गलौज करते हैं और झगड़ा करने में आमादा हो जाते हैं । पांच दिन पहले इनकी शिकायत मेरे द्वारा181 में भी की है लेकिन मंडला के आबकारी अधिकारी सर्वेश नागवंशी का फोन आया था कि इस बार छोड़ दीजिए अगली बार ऐसा करते हैं तो दुकान पर ताला लगा दिया जायेगा तो मैने शिकायत वापस ले ली थी कल में फिर दुकान गया तो फिर से ज्यादा कीमत पर लेनी पड़ी मेरे द्वारा ऑनलाइन भुगतान किया गया है।
अब इसमें ये कह सकते हैं कि कहीं न कहीं विभाग का ही संरक्षण ठेकेदार को दिया जा रहा है जिससे शराब दुकान के संचालक और उनके कर्मचारी आम जनता से बदसलूकी कर तय रेट में कभी कोई शराब नहीं मिलती.और कुछ रसूखदार लोगों को जिनको संरक्षण कहें या विशेष लोग जिनको रेट से कम कीमत पर हर दिन शराब परोसी जाती है..और उसकी भरपाई आम जनता से की जाति है।

इनका कहना है.
मैं एक मजदूर वर्ग का आदमी हूं और अभी घुघरी में मजदूरी कर रहा हूं मैं जब कभी भी प्लेन लेने जाता हूं तो मंडला में 60 रुपये में मिल जाती है, औऱ यही घुघरी पर 80 रुपये में दि जा रही है जबकि उसका मूल्य 60रूपये ही है, ठेकेदार पूछो तो कहा जाता है कि हमे जो रेत बेचने को कहा गया उसी रेत में हम बेच रहे लेना है तो लो नहीं मंडला से ही ले आओ…
ग्रामीण मजदूर

अभी मैं एक बियर हेवर्ड 5000 लेने गया था जिसकी कीमत बाटल में 220रूपये है लेकिन मुझसे 250रुपये लिए हैं..जो कि रेट से अधिक है, पर सब ठेकेदार की सुनते हमारी सुनता कौन ये दिन धहादे लूट है ग्राहकों के साथ।
कैलाश पटेल मजदूर मंडला.
मैं जब भी शराब लेने जाता हूं तो शराब की रेट लिस्ट देखकर ही शराब लेता हूं लेकिन रेट लिस्ट से उपर ही मुझे शराब दी जाती है और रेट लिस्ट के हिसाब से कहता हूं तो शराब दुकान के कर्मचारी कहते है लेना है तो लो नहीं तो जाओ कहते हैं और ज्यादा बोलो तो लड़ाई झगड़ा एवं गाली गलौज करते हैं…
पहल मरावी
ग्रामीण..लाटो

मुझे इस संबंध में जानकारी नही है अगर ऐसा है तो दिखवा लेता हूँ
रामजी पांडेय
आबकारी अधिकारी मंडला

वही जब इस संबंध में सर्वेश नागवंशी जी को दो बार फोन लगाया गया तो उनके द्वारा कॉल रिसीव नही किया गया ।

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