एसएनसीयू की टीम के प्रयास से नवजात को मिला नया जीवन जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की मेहनत लाई रंग

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रेवांचल टाइम्स मंडला जन्म के साथ ही अस्पताल में भर्ती हो जाना एक नवजात और उसके परिजनों के लिए बड़ा कष्टकारी होता है। अस्पताल का नाम सुनते ही दिमाग में आ जाता कि जिंदगी की उम्मीद की डोर कभी भी टूट सकती है। सांसें कभी भी पूरी तरह से उखड़ सकती हैं, लेकिन मां हमेशा अपने नवजात (कलेजे) की जिंदगी की आशा नहीं छोड़ती हर वक्त उसकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है। वर्तमान में जन्म के समय औसत से कम वजन और जन्मजात विकृति वाले नवजात के लिए जिला अस्पताल का एसएनसीयू वार्ड जीवन दायक साबित हो रहा है। ऐसा ही एक नवजात को टीम के प्रयास से नया जीवन मिला है। कंगारू मदर केयर के माध्यम से बच्चों को स्वस्थ करने का प्रयास सफल हुआ है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल मंडला में नॉर्मल डिलीवरी से आरती ने बच्चे को जन्म दिया जो मात्र 1 किलोग्राम वजन का था और 9 माह पूर्ण होने से पहले ही जन्म हुआ था। जिसके चलते बच्चे की हालत काफी नाजुक थी परिजनों ने उसे जिला अस्पताल मंडला के एसएनसीयू में भर्ती करवाया स्टाफ के अथक प्रयास से डॉ अलका तेजा, डॉ अंकित चौरासिया, डॉ कमलेश ठाकुर के नेतृत्व में मां एवं बच्चे को अच्छी देखभाल मिली। 18 दिनों के अथक प्रयास के बाद नवजात ने जिंदगी की जंग जीत ली। शुक्रवार को नवजात के स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई।
इनका कहना
कंगारू मदर केयर (केएमसी) यानी कंगारू मातृ देखभाल, नवजात शिशुओं की देखभाल का एक तरीका है। इसमें, शिशु को त्वचा से त्वचा के संपर्क में लाकर रखा जाता है। यह तरीका, खास तौर पर समय से पहले जन्मे शिशुओं के लिए फ़ायदेमंद होता है।
डॉक्टर अंकित चौरसिया
(बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ, एसएनसीयू इंचार्ज)

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