देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छात्र को आत्मनिर्भर बनना होगा: डॉ. विकास जैन
शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत विषय पर हुई संगोष्ठी
दैनिक रेवांचल टाइम्स डिंडोरी …शासकीय आदर्श महाविद्यालय डिंडोरी मे शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयोजन से एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत विषय पर किया गया। वर्तमान में पुरे भारत मे 25 सितंबर पंडित दीनदयाल जयंती से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है इसी क्रम में आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीयकरण तथा भारतीय ज्ञान परंपरा के आधुनिक शिक्षा में समावेश हेतु विभिन्न विषयों पर चर्चा रहा। मातृभाषा में शिक्षा वैदिक गणित, चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व का विकास, पर्यावरण शिक्षा,शिक्षक शिक्षा आत्मनिर्भर भारत आदि विषयों को लेकर चर्चा की गई । उच्च शिक्षा में नवाचार, छात्र केंद्रित शिक्षा प्रमुख रूप से युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने में शिक्षा की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई। मुख्य वक्ता डॉ. विकास जैन, मुख्य अतिथि अमन जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला संगठन मंत्री एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ.हीरा सिंह जामोद सहित डॉ कल्पना मिश्रा, डॉ.अनुपम बघेल, डॉ. विपिन दुबे, प्रो तरुण राठौर एवं कॉलेज के सभी प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। डॉ विकास जैन ने अपने वक्तव्य में बताया कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने शिक्षा के सभी विषयों को भारतीय ज्ञान परंपरा को केंद्र बनाकर,प्राध्यापक,शिक्षामित्र, विद्यार्थी, अभिभावक का समन्वयक बैठाकर भविष्य में विद्यार्थी कैसे आत्मनिर्भर बन सके इस विषय पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही आपने यह भी बताया कि राष्ट्र, प्रदेश और जिले को आत्म निर्भर बनाने से पहले हमें स्वयं आत्मनिर्भर बनना होगा जिसके लिए हमें छोटे-छोटे कार्य अपने स्वयं से जैसे व्यक्तिगत कार्य स्वयं के कपड़े धोना, कमीज के बटन लगाना, अपना बिस्तर स्वयं व्यवस्थित करना, यथासंभव अपना भोजन स्वयं बनाना एवं सामूहिक रूप से छात्रों द्वारा परिसर की स्वच्छता, छात्रावास की भोजन व्यवस्था आदि का रखरखाव, अपने शिक्षण संस्थान की स्वच्छता बनाए रखना, मासिक एक दिन विद्यालय महाविद्यालय में सामूहिक भोजन बनाकर साथ में भोजन करना इन छोटी-छोटी बातों से प्रेरणा लेकर हम सभी आत्मनिर्भर बन सकते हैं एवं हमारी संस्कृति को बनाए रखने के लिए, यह भी बताया कि हमें अपने माता-पिता एवं गुरुओं का प्रतिदिन चरण स्पर्श करना चाहिए। हमारी संस्कृति संस्कार धीरे-धीरे जो खत्म होते जा रहे हैं उनको हमें अपने आचरण में प्रतिदिन शामिल करना चाहिए देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छात्र को आत्म निर्भर बनना होगा इस हेतु राष्ट्रीय स्तर से प्रयास किया जा रहे हैं ।आर्थिक स्वावलंबन के साथ आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए छात्र को शिक्षा संस्थान से ही उस दिशा में प्रेरित किया जाना आवश्यक है आने वाले समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है जो स्कूल से ही विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर होने के गुण सिखाए जाएंगे।