लापरवाह बीएमओ के खिलाफ आक्रोश, चक्काजाम कर कार्यवाही की मांग

गंभीर मरीज की मौत पर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से भड़का जनाक्रोश

14

दैनिक रेवांचल टाइम्स, मंडला।नैनपुर के सिविल अस्पताल में लापरवाही और खंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) की छवि चमकाने की प्रवृत्ति के खिलाफ नगरवासियों ने मंगलवार को चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इस आक्रोश का कारण एक गंभीर मरीज की मौत और अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता रही, जिसने जनाक्रोश को भड़काने का काम किया।

घटना का विवरण

4 दिसंबर को नैनपुर के शांति नगर निवासी महेश यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जब वह अंडरपास पर ट्रेन से टकरा गए। उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत बेहद नाजुक थी। बावजूद इसके, बीएमओ ने केवल फोटो खिंचवाने और अपनी उपस्थिति दिखाने तक ही सीमित रहकर मरीज की गंभीर स्थिति को नजरअंदाज कर दिया। परिजनों ने एंबुलेंस की मांग की, लेकिन चार घंटे तक इंतजार करवाने के बाद निजी व्यवस्था से मरीज को मेडिकल कॉलेज, जबलपुर ले जाया गया, जहां अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन और ज्ञापन

इस घटना के बाद मृतक के परिजनों और समाज के विभिन्न संगठनों ने थाना नैनपुर के सामने चक्काजाम किया। प्रदर्शनकारियों ने बीएमओ और अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की।

पुरानी लापरवाहियों पर भी उठे सवाल

यह पहला मामला नहीं है जब सिविल अस्पताल की कार्यशैली सवालों के घेरे में आई है। पूर्व में भी इसी प्रकार की घटनाओं में कनिष्ठ कर्मचारियों पर कार्यवाही कर मुख्य दोषियों को बचाने का प्रयास किया गया। स्थानीय लोगों ने बीएमओ के खराब प्रबंधन और कर्मचारियों के प्रति षड्यंत्रकारी रवैये को इन घटनाओं की मुख्य वजह बताया।

प्रमुख मांगें

सामाजिक संगठनों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में यह प्रमुख सवाल उठाए गए:

  1. एंबुलेंस का उपयोग: अस्पताल में पर्याप्त एंबुलेंस होने के बावजूद मरीज को चार घंटे तक इंतजार क्यों करवाया गया?
  2. प्रबंधन की भूमिका: आकस्मिक कक्ष और मॉनिटरिंग उपकरण होते हुए मरीज की सही देखभाल क्यों नहीं की गई?
  3. सोशल मीडिया का दुरुपयोग: बीएमओ द्वारा मरीज के इलाज के नाम पर फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया में प्रचारित करने की मंशा क्या थी?

जनाक्रोश और प्रशासन की जिम्मेदारी

जनता ने मांग की है कि बीएमओ और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। नगर में इस घटना के बाद रोष व्याप्त है, और लोग स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

कलेक्टर मंडला के नाम ज्ञापन सौंपते हुए प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

instagram 1
Leave A Reply

Your email address will not be published.