अंगई आश्रम में नौनिहाल धुल रहे थाली,बरसात में बाहर नहाने जा रहे बच्चे अधीक्षिका ने कहा आश्रम में है पानी की समस्या,इसलिए भेजा बाहर नहाने आश्रम प्रबंधन कर रहा मनमानी
अंगई के कन्या आश्रम का मामला
बजाग – शासन से सुविधा प्राप्त ग्रामीण अंचलों के आवासीय विद्यालयों में रहने वाले बच्चो को उन्हें मिलने वाली सुविधाओ का कितना लाभ मिल पाता है यह तो छात्रावास के अंदर रहने वाले बच्चे ही बता सकते है और यहां उनकी देखभाल के लिए तैनात प्रबंधन के कर्मचारियों द्वारा उनके साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता होगा ।इसका अंदाजा आप और हम नहीं लगा सकते है ऐसे ही कई छात्रावासो में कड़े नियमो की आड़ में प्रबंधन द्वारा अंदर ही अंदर मनमानी करने की बाते भी अक्सर सुनने को मिलती रहती है परंतु नियम भी ऐसे है की बाहर की आमजनता को अंदर क्या हो रहा है पता ही नही चल पाता।नियम से बंधे होने के कारण आमजन सब कुछ जानकर भी इनकी पोल नही खोल पा रहे है ऐसा ही एक मामला सामने आया है विकासखंड मुख्यालय के ग्राम अंगई में स्थित पचास सीटर आवासीय विद्यालय का जहा नौनिहाल बच्चियां इन दिनों प्रबंधन की मनमानी का शिकार हो रही है यहां पदस्थ अधीक्षिका की मनमानी के चलते छोटी छोटी बच्चियों को भोजन की थाली धुलते देखा गया है । इतना ही नहीं छात्रावास में पानी सप्लाई बंद हो जाने की दशा में बच्चियों को बरसात के मौसम में नदी नहाने के लिए भेज दिया जाता है जो की अधीक्षिका की घोर लापरवाही को दर्शाता है यह पहली बार नही जब बच्चो को नदी में नहाने के लिए भेजा गया हो। सूत्रों के मुताबिक इससे पूर्व में यहां की बच्चियों को पास के कुएं में भी नहाने भेजा जाता था परंतु अब नदी में भेजा जा रहा है जबकि इस मौसम में नदी में बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है इस संबंध में आश्रम प्रबंधन का कहना है कि आश्रम में पानी की समस्या है आश्रम के हालात के बारे में हम नहीं कह रहे तस्वीरों में बच्चियों को थाली धुलते साफ देखा जा सकता है जबकि दूसरी तस्वीर में बच्चे हाथ में कपड़ो से भरी बाल्टी लेकर छात्रावास के सामने से नदी की ओर नहाने हेतु जाते हुए दिख रहे है। जब इनकी तस्वीरे ली गई तब हॉस्टल के एक भ्रत्य ने इन्हे वापस होने का इशारा कर दिया।इतना ही नहीं आश्रम प्रबंधन द्वारा बच्चियों को अंदर की बात किसी को नहीं बताने का पाठ भी सिखा दिया गया है आश्रम में कक्षा एक से पांचवी तक की छात्राए अध्यनरत है
शासन के नियमो के अनुसार लोगो का परिसर में प्रवेश वर्जित है इसलिए लोग अंदर की कहानी नही जान पाते जबकि यहां के हालात की तस्वीरे कुछ और ही बयां करती है शनिवार को भी जानकारी लगने पर कुछ मीडिया कर्मियों ने आश्रम की बच्चियों को जब थाली धुलते हुए देखा तब परिसर के बाहर से ही इस नजारे को कमरे में कैद करना चाहा ।परंतु इस बात की भनक लगते ही आश्रम की एक महिला कर्मचारी और अधीक्षिका उन पर चिल्लाते हुए नजर आई तथा उल्टा उन्ही की शिकायत करने की धमकी देने लगी।यही वजह है की इनकी पोल खोलने वालो को प्रबंधन द्वारा धमकाया भी जाता है जिससे इनके द्वारा की जा रही मनमानी सामने नहीं आ पाती। सूत्रों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के कई आश्रम छात्रावासो में अधीक्षको की मनमानी पर विभाग के अधिकारियों की साठगांठ के चलते कार्यवाही नही हो पाती।और यहां रहने वाले गांव के गरीब बच्चो को इस हाल में ही विद्या अध्यन करना पड़ रहा है
इनका कहना है आश्रम में अगर इस तरह की गतिविधियां हो रही है तो में इसको कल दिखवाता हूं !
धनेश परस्ते
सहायक खंड शिक्षा अधिकारी बजाग