अतिथि शिक्षकों का पूरा मानदेय भुगतान धनतेरस के पहले कराने मिलेंगे कलेक्टर से…
रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले के समस्त अतिथि शिक्षकों के बैंक खातों में जुलाई से अक्टूबर महीने तक का मानदेय रविवार 27 अक्टूबर तक जमा नहीं हो पाने की स्थिति में
वहीं सोमवार 28 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात कर पूरा मानदेय 29 अक्टूबर तक दिलाने की मांग करेंगे इस मौके पर सभी पीड़ित अतिथि शिक्षकों को भारी संख्या में पहुंचने की अपील की गई है।
तब भी भुगतान नहीं तो करेंगे हड़ताल
बावजूद भुगतान नहीं होने पर दीपावली में मंडला कलेक्ट्रेट के सामने भूख हड़ताल पर जाने को बाध्य होने की बात भी कलेक्टर के सामने रखेंगे।
वही विज्ञप्ति जारी करते हुए अतिथि शिक्षक परिवार मंडला से जिला अध्यक्ष पी.डी. खैरवार ने बताया है,कि अतिथि शिक्षकों को सिर्फ अगस्त और सितंबर महीने का मानदेय वह भी कुछ अतिथि शिक्षकों को आधा अधूरा भुगतान किये जाने की खबर आ रही है।इस तरह से शोषणकारी व्यवस्था का शिकार होता आ रहा अतिथि शिक्षक परिवार शासन प्रशासन की विसंगति पूर्ण व्यवस्था का पुरजोर विरोध करता है।साथ ही जुलाई का मानदेय भुगतान करने के लिए कोई स्पष्ट आदेश नहीं होने का हवाला भी जिम्मेदारों के द्वारा दिया जा रहा है।
नियुक्तियों को लेकर भी बहुत किया गया है परेशान
इसी तरह अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर अभी तक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। संगठन के लगातार ज्ञापन, आंदोलन और संघर्ष के बाद अब जाकर स्थिति कुछ हद तक साफ हुई है और आधे अधूरे अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हो पाई है।
अब भी कुछ स्कूलों में शेष हैं नियुक्तियां*
अब भी जिले के समस्त स्कूलों में रैगुलर शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के बाद भी वहां पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं किए जाने की खबर है। जिससे पढ़ाई के चार महीने गुजर जाने के बाद भी अनुभवी अतिथि शिक्षक उम्मीदवार और वहां पर दर्ज छात्र-छात्राओं का भारी नुकसान हो रहा है।
जुलाई से हो मानदेय का भुगतान
बता दें,स्कूलों में शिक्षकों की आवश्यकता के अनुसार स्कूल खुलते ही बहुतायत स्कूलों में बच्चों के प्रवेश,पुस्तक वितरण, पढ़ाई सहित अन्य आवश्यक कार्यों के कारण पूर्व सत्र में काम करते आ रहे अतिथि शिक्षकों को संस्था प्रमुखों के द्वारा काम के लिए बुला लिया गया है। सरकार की शोषणकारी नीतियों के शिकार बने अतिथि शिक्षक दो महीने से बेरोजगार घर पर बैठे रहे हैं। संस्था प्रधानों के द्वारा उनको मौखिक रूप से आमंत्रित करते ही स्कूलों में हाजिर होना बच्चों और खुद के भी हित में समझा गया। अनेकों स्कूलों में तो उपस्थिति पंजी में बिना हस्ताक्षर कराए अतिथि शिक्षकों को रोज बुलाय जाता रहा है।शासन के द्वारा बार-बार परंतु स्पष्ट आदेश जारी नहीं होने का हवाला बताकर संस्था प्रमुखों के द्वारा नियुक्ति प्रस्ताव समय पर तैयार नहीं किये जा सके हैं,जिसका खामियाजा अतिथि शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।
हर महीने भुगतान होना सुनिश्चित हो
हर महीने मानदेय भुगतान किए जाने संबधित शासन के आदेश के बाद भी अक्टूबर के आखिरी सप्ताह यानी चार महीने तक अतिथि शिक्षकों का मानदेय भुगतान नहीं किया जाना गरीब अतिथि शिक्षक परिवारों के साथ बहुत बड़ा छल ओर शोषण की ओर इशारा करता है।अब हर महीने मानदेय का भुगतान किये जाने की मांग की जाएगी।
ऐसी विसंगतियां अतिथि शिक्षक संगठन को भविष्य में बर्दाश्त योग्य भी नहीं है।
जुलाई से मानदेय दिया जाए
इन सभी बर्तावों को देखते हुए संगठन की मांग है,कि अतिथि शिक्षक शिक्षा सत्र की शुरुआत यानी जुलाई की जिस तारीख से संस्था में अपनी उपस्थिति देते आ रहे अतिथि शिक्षकों को उसी तिथि से ही मानदेय प्राप्त करने का हक बनता है।जिसको विभाग को भुगतान करना भी चाहिए।
अक्टूबर तक का मानदेय भी दीपावली के पहले हो
चूंकि दीपावली का पर्व अक्टूबर की आखिरी तारीख को है, इसलिए अक्टूबर का मानदेय भी दीपावली के पहले भुगतान किया जाए ।
कई बी.ई.ओ को दिये जा चुके हैं ध्यानाकर्षण पत्र
इस तरह की मांग को लेकर के मोहगांव, मवई सहित अन्य विकासखंडों के अतिथि शिक्षकों के द्वारा अपने संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को 24 और 26 अक्टूबर को आवेदन दिए जा चुके हैं । जिनमें स्पष्ट निवेदन किया गया है,कि जुलाई की उपस्थिति तारीख से अक्टूबर तक मानदेय दीपावली के पूर्व नहीं दिए जाने की स्थिति में अतिथि शिक्षक दीपावली त्यौहार तक कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर जाने को मजबूर रहेंगे।जिसके लिए संबंधित विभाग जिम्मेदार होगा।
भवदीय
पी. डी. खैरवार।