हजारों अतिथि शिक्षक परिवारों ने जताया जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था पर खेद
दीपावली में नियमितीकरण की सौगात का है बेसब्री से इंतजार।
रेवांचल टाईम्स – मंडला, ज़िले के अतिथि शिक्षकों का पूरा भुगतान आखिर नहीं कर पाया विभाग
दीपावली के अवसर पर नियमितीकरण की लंबित सौगात पाने बेसब्री से इंतजार करते आ रहे मंडला जिले के अतिथि शिक्षकों को संगठन के तमाम प्रयासों के बाद भी दीपावली में पूरा मानदेय भुगतान नहीं किया जा सका है।
जिले भर के स्कूलों में बहुत ही कम मानदेय पर पढ़ाई का काम कराते आ रहे अतिथि शिक्षकों का जुलाई से अक्टूबर तक का मानदेय विभाग ने दीपावली के एक दिन पहले तक भुगतान नहीं कर पाया है। जिसके लिए अतिथि शिक्षक परिवार मंडला बहुत ज्यादा आक्रोश व्यक्त करता है। इसके लिए दर्जनों बार विभाग सहित जिला प्रशासन का दरवाजा खटखटाया जा चुका है। बावजूद इसके सिर्फ अगस्त और सितंबर का मानदेय अतिथि शिक्षकों के खातों में जमा हो पाने की जानकारी है। कहीं कहीं पर अक्टूबर का मानदेय जमा होना बताया जा रहा है,परंतु जुलाई का मानदेय जिले भर में भुगतान नहीं हो पाने के कारण अतिथि शिक्षकों के परिवारों से संकट का साया कम नहीं हो पा रहा है। जानकारी तो यह भी है, कि कई अतिथि शिक्षकों का जुलाई से अक्टूबर तक का मानदेय उनके खातों में कुछ भी जमा नहीं हो पाया है। कुछ अतिथि शिक्षकों का मानदेय शिक्षा सत्र 2022-23 का बाकी है ।इस तरह कुल मिलाकर यह कहना बेमानी नहीं होगी,कि अतिथि शिक्षकों के मानदेय को लेकर भी विभाग जरूरत से ज्यादा उदासीनता बरतते आ रहा है।विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों को शायद यह भी नहीं पता कि, सरकारी स्कूलों में रेगुलर शिक्षकों की लंबे समय से भारी कर्मियों के चलते बहुत ही कम मानदेय पर वह भी साल के आधे दिन रोजगार पाकर यही अतिथि शिक्षक अपने और परिवार के अरमानों को भी दरकिनार कर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में शासन का लगातार साथ देता आ रहा है। बावजूद इसके इनकी मेहनत के प्रतिफल को भी दीपावली पर्व जैसे अवसरों पर भी भुगतान नहीं कर पाना प्रशासन की बहुत बड़ी लचर व्यवस्था की और इंगित करता है ।वैसे भी अतिथि शिक्षकों का मानदेय हर महीने की सुनिश्चित तारीख को आज तक भुगतान नहीं किया जा सका है। बार-बार आवेदन निवेदन के बाद भी शासन प्रशासन का ध्यान अतिथि शिक्षकों के नियमितिरण की ओर तो जा ही नहीं पा रहा है, उनका मिलने वाल थोड़ा सा मानदेय भी समय पर दिलवाए जाने की ओर भी कोई रुचि नहीं ली जाती है। जिससे अतिथि शिक्षकों के परिवारों को भारी आर्थिक संकट के दौर से हमेशा गुजरना पड़ता है। इसलिए भी अतिथि शिक्षक परिवार में अब शासन प्रशासन की इस तरह की लचर व्यवस्था के प्रति भारी आक्रोश पनपता जा रहा है ।बहुत जल्द इस तरह की अवस्थाओं के खिलाफ अतिथि शिक्षक परिवार अब सड़क पर उतरकर शासन प्रशासन की बद इंतजामी हालातों को जनमानस के सामने लाकर जवाब देने वाला है। अतिथि शिक्षक परिवार मंडला से जिला अध्यक्ष होने के नाते अतिथि शिक्षकों से अपील की जाती है,कि पहले से ही कर्ज उधार में डूबे रहने के बाद भी दीपावली के इस पर्व को भी अपने आसपड़ोसी, रिश्तेदारों से उधार मांगकर जैसे-तैसे,रूखे सूखे मना लें। बच्चों को नये कपड़े, मिठाई, पटाखे आदि न दिलवा पायें कोई बात नहीं,समय जैसा चल रहा है,उसका सम्मान करते समय के साथ हमको भी चलना है।निराश और हताश होने की जरूरत नहीं है।
पी.डी.खैरवार मंडला।