एक्लव्य आवासीय विद्यालय सिझोरा के नव पदस्थ शिक्षकों को नही मिल पा रहा आवसीय सुविधाओं का लाभ, दर दर भटक रहे शिक्षक….

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रेवांचल टाईम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में शिक्षा व्यवस्था में जर जर स्तर तक पहुँचने की कगार में है जहाँ सरकार एक तरफ बैगा आदिवासी बच्चों को उच्च कोटि की शिक्षा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है उसके लिए करोड़ो अरबो रुपये खर्च कर रही है, आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके जिसके लिए आवासीय व्यवस्था अच्छे प्रशिक्षण प्राप्त उच्च स्तरीय शिक्षक मुहैया करा रही है पर जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नही है आज जिले में शिक्षा का स्तर दिन ब दिन गिरते ही जा रहा हैं।

 

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले के सिझौरा में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय का बुरा हाल है, केवल नाम का आवसीय परिसर बन के रह गए जो उस विद्यालय में पदस्थ नही है पर उस परिसर में बने आवास पर अपना कब्जा सालों से जमाये बैठें हुए औऱ वही दूसरी और एकलव्य विद्यालय में नवगत शिक्षक जो कि सरकार के द्वारा इन्हें कुछ माह पहले पदस्थापना हुई है पर एकलव्य आवासीय विद्यालय में अन्य स्कूलों में पदस्थ शिक्षक वह परिसर छोड़ने को तैयार ही नही है सूत्रों के हवाले से खबर है कि कुछ एक तो चार चार कमरों पर एक ही व्यक्ति द्वारा कब्जा जमाए हुए हैं।।और नवागत शिक्षक आज परिसर से बाहर किराए के मकान में रहने को मजबूर है, जिस कारण से एकलव्य विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का शिक्षा का स्तर तेजी से गिरने की जानकारी प्राप्त हो रही है पर इस ओर न खंड शिक्षा अधिकारी ध्यान दे रहे है और न ही जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी साथ ही एकलव्य विद्यालय में नवगत पदस्थ शिक्षकों के साथ जो दुर्व्यवहार किया जा रहा है जिसकी जानकारी जिले में संचालित सहायक आयुक्त जन जाति कार्य विकास विभाग को इस ओर जरा भी ध्यान नही दिया जा रहा है और दूर प्रदेश से आये बाहर के शिक्षक आज दर दर भटकने के लिए मजबूर है इनकी न कोई सुनने वाला है और न ही इस ओर कोई जिम्मेवारी समझने वाला है, वही दूसरी ओर टीचर स्टाफ़ खा रहा दर दर की ठोकरे जिस कारण से आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधेरे मैं नज़र आ रहा है शासन ने आदिवासी बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर उच्च स्तर के शिक्षकों की भर्ती की और सभी टीचर उन आदिवासी बच्चों के भविष्य सवारने हरियाणा दिल्ली राजस्थान, हिमांचल प्रदेश से आए पर उन टीचरों के रहने के लिए आवास की सुविधा नहीं है। चूंकि शासन ने इनके रहने के लिए विद्यालय में ही आवासीय सुविधा रखी है पर इनके कमरों में अन्य विभाग के कर्मचारियों ने अपना सालों से डेरा जमाकर रखा हुआ है, औऱ शासन ने जो उच्च स्तरीय शिक्षकों की भर्ती की है वो बस्ती में रह रहे है। जबकि इनकी व्यवस्था औऱ संचालन नवोदय विद्यालय पैटर्न के नक्से कदम पर संचालित होना है। औऱ इनकी आवासीय सुविधा भी परिसर के अंदर ही होना चाहिये। कुछ जिम्मेदारो की अनदेखी के चलते उनकी आवासीय सुविधाओं का लाभ राज्य सरकार के कर्मचारियों के द्वारा लिया जा रहा है।
जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त शिक्षक आवासीय परिसर बैठ कर आज मलाई खा रहे है। औऱ जिनका हक है वह दर दर भटकने के लिए मजबूर है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एकलव्य आवासीय परिसर में बने विद्यालय शिक्षक के अलावा लिपिक एव अन्य कर्मचारी भी भी इन आवासों में अपना एक कमरा छोड़ दो दो कमरे में जमाये हुए है पर इन पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई वही नवगत प्राचार्य के लिए स्वीकृत आवास में अन्य शिक्षक जो कि बरिष्ट अधिकारियों के संरक्षण प्राप्त है जिनके कारण अनैतिक तरीके से अपना कब्जा जमाए हुए है और आवास के लिए वर्तमान प्राचार्य अपने आवास न मिलने के कारण आज सिझोरा में बस्ती में रहने को मजबूत है।

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