बस संचालकों की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण.. परमिट तो चार पांच साल पुराना है घुघरी से जबलपुर का लेकिन बस संचालन कर रहे मंडला से जबलपुर…

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ग्रामीणों को भुगतनी पड़ रही बस संचालकों की मनमानी
रेवांचल टाइम्स, मंडला:
जिले की यातायात व्यवस्था दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। बस संचालकों की मनमानी और परिवहन विभाग की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्र के लोग परेशान हैं। बिना फिटनेस और परमिट वाली बसों का संचालन आम बात हो गई है, और जिम्मेदार अधिकारी इसे अनदेखा कर रहे हैं।

घुघरी-जबलपुर रूट पर अनियमितता
घुघरी से जबलपुर तक का परमिट रखने वाली बसें विगत चार-पांच वर्षों से इस रूट पर नहीं चल रही हैं। इसके बजाय, ये बसें मंडला से जबलपुर के बीच संचालित हो रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि घुघरी से जबलपुर की सवारियों को नजरअंदाज करते हुए बस संचालक मंडला-जबलपुर रूट पर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।

ग्रामीणों की परेशानी और आंदोलन की तैयारी
घुघरी से जबलपुर की यात्रा के लिए ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बसों का संचालन परमिट के अनुरूप होना चाहिए। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला परिवहन विभाग की होगी।

अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
जिला परिवहन अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। ग्रामीणों ने विभाग पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि परिवहन विभाग की चुप्पी बस संचालकों को मनमानी करने का अवसर दे रही है।

ग्रामीणों की मांग

  • बस संचालन परमिट के अनुरूप किया जाए।
  • जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
  • ग्रामीणों को परिवहन सेवा का लाभ सुनिश्चित किया जाए।

इनका कहना है:
रामसिंह धुर्वे (तबलपानी, घुघरी, मंडला):
“परमिट घुघरी से जबलपुर का है, लेकिन बसें मंडला से चल रही हैं। यह ग्रामीणों के साथ अन्याय है। अगर यह जल्द बंद नहीं हुआ, तो आंदोलन होगा।”

प्रताप सिंह (ग्रामवासी, नाहरवेली, घुघरी):
“बसों को परमिट के अनुसार चलाना चाहिए। प्रशासन यदि जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो हम मजबूर होकर प्रदर्शन करेंगे।”

 

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