मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग, भोपाल ने रेवांचल टाईम्स के समाचार को लिया संज्ञान में माँगा जवाब…
रेवांचल टाईम्स – भोपाल, मंगलवार 26 नवम्बर, 2024 ” छह मामलों में संज्ञान ”मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष कार्यवाहक श्री मनोहर ममतानी एवं सदस्य श्री राजीव कुमार टण्डन ने विगत दिवस के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ” छह मामलों में ” संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।जिसमे 2 मामले मण्डला जिले के हैं। आयोग ने संबंधितों से जवाब मांगा है।
वही मण्डला जिले के 2 मामले जो दैनिक रेवांचल टाईम्स समाचार पत्रों मे प्रकाशित हुए थे जिसमें प्रथम दृष्टया मानव अधिकार का उल्लंघन है ऐसे मामले को संज्ञान मे लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस बात की जानकारी कार्यालय प्रभारी म. प्र. मानव अधिकार आयोग-मित्र, शिकायत प्रकोष्ठ शाखा मण्डला के वरूण विकास नीखर ने दी है।
घालय युवक को डॉक्टर ने मृत किया घोषित,परिजनों ने हाथ-पैर हिलते देख बताया, फिर भी नहीं बची जान
वही मंडला जिले में बिछिया के बुधनवारा में दो बाइक की जोरदार टक्कर में घायल हुए युक्क को बिछिया अस्पताल में बीएमओ ने मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद शव मर्चुरी में रख दिया गया। हादसे की सूचना के बाद पहुंचे परिजनों ने जब खिड़की से देखा तो उसके हाथ पैर हिल रहे थे, परिजनों की जानकारी देने के बाद युवक को वार्ड में भर्ती किया गया। इसके बाद रेफर की तैयारी की जा रही थी, तभी उसकी मौत हो गई। अब परिजन डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है चिकित्सकीय परीक्षण में की गई लापरवाही के चलते युक्क की जान गई है। समय पर इलाज नहीं मिल पाया। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, मंडला से घटना की जांच कराकर प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
दुर्दशा का शिकार स्टेडियम ग्राउंड
मंडला जिले का एकमात्र खेल मैदान, महात्मा गांधी स्टेडियम, प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही का शिकार है। यह मैदान जिले के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, लेकिन वर्तमान में इसकी हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। लाखों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद स्टेडियम में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जो खिलाड़ियों के उत्साह और प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।