अंजनी में पेसा एक्ट के तहत शांति एवं विवाद निवारण समिति के माध्यम से दो पक्ष में किया समझौता
दैनिक रेवांचल टाईम्स मंडला – आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र जनपद पंचायत मवई अंतर्गत ग्राम पंचायत अंजनी में शांति एवं विवाद निवारण समिति के माध्यम से दो पक्ष के मामलों को धारा 4(1)(एल) और धारा 4(2) के तहत सुलझाया गया जो कि मामला दो पक्षों का है एक ऑटो चालक जीत लाल धुर्वे पिता स्व. संपत धुर्वे निवासी खाल्हे टोला अंजनी का रहने वाला है जो कि दिनांक – 13/11/2024 दिन – गुरूवार को समय 12:25 मिनिट बजे जीतलाल धुर्वे अपने ऑटो से घुटास से अंजनी सवारी ले जा रहा था तब महिला गीता बाई पंद्रे इसी ऑटो में सवार हो कर आ रही थी तब ऑटो चालक ने घाट में ऑटो बंद कर के चला रहा था तब उसी बीच में ऑटो से सवार गीता बाई डर के वजह से ऑटो से कूद गई, बैग ऑटो में छोड़ कर चली गई थी, ऑटो चालक डर की वजह से घर आकर घर से 10 दिन तक घर से फरार हो गया तब गीता बाई पंद्रे के द्वारा पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा अध्यक्ष गन्नाराम मार्को को जानकारी दी गई अध्यक्ष के माध्यम से शांति एवं विवाद निवारण समिति के अध्यक्ष बिहारी लाल धुर्वे को सूचना देने को कहा गया था तब शांति एवं विवाद निवारण समिति के अध्यक्ष और कोटवार तक सूचना पहुंचा कर सरपंच को भी सूचना दे कर बैठक में बुलाया गया।
बैठक में दोनों पक्षों के मामला को विस्तार पूर्वक चार पंचों के समक्ष सुना गया, और ऑटो चालक जीत लाल धुर्वे द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए जो सामग्री ऑटो में थी समान वापस कर दूंगा कह कर अपनी गलती कबूल किया और आज शाम को उनके बैग में जो सामग्री 2 सोने के पत्ती, चांदी पायल, 1680 रुपए बैग में था ये पूरा सामान आज शाम 4 बजे तक चार पंचों के समक्ष वापिस कर दूंगा अगर वापिस नहीं करता हु तो मेरे ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए चार पंचों के समक्ष अपने होस हवास के साथ लिखा दिया सो सत्य है।
जिसमें उपस्थित – शिवकुमार मरावी सरपंच अंजनी, ग्राम सभा के अध्यक्ष गन्ना राम मार्को, गुलाब सिंह उईके उसरपंच, हीरा सिंह राठौर सचिव, अंतराम मरावी ग्राम रोजगार सहायक, तेजलाल सैयाम कोटवार, शांति एवं निवारण समिति के सदस्य एवं ग्राम के चार पंच एवं मकरन बंजारा वरिष्ठजन उपस्थित रहे एवं मनोज कुमार धुर्वे पेसा मोबिलाईजर उपस्थित रहे जब से पेसा एक्ट आया है तब से गांवों में छोटे-मोटे, लड़ाई, झगड़ा, लड़ाई दंगे की मामला को समझौता शांति एवं विवाद निवारण समिति के द्वारा पुराने परंपरागत पद्धति से सुलझाया जा रहा है।