आखिर कब लगेंगे पर्यटन विकास को पंख—-? या फिर चलता रहे है यथावत…
रेवांचल टाईम्स – मंडला आजादी के बाद से लेकर अब तक मध्य प्रदेश की मंडला जिले का सही विकास नहीं हो पाया है सभी तरह के विकास कार्य होना शेष रह गए हैं नागरिक जानना चाह रहे हैं कि आखिरकार इस जिले का सही विकास कब होगा खासकर पर्यटन विकास को लेकर यहां पर बेहद उदासीन रवैया शासन प्रशासन द्वारा अपनाया जा रहा है पर्यटन विकास के नाम पर यहां पर आजादी के बाद से लेकर अब तक करोड़ों रुपए फूंक दिए गए होंगे लेकिन अभी भी सभी पर्यटन स्थल विकास की राह ताक रहे हैं। पर्यटन स्थलों के विकास के लिए इस जिले में अनाप-शनाप पैसा खर्च किया गया है। लेकिन परिणाम सही नहीं मिले हैं इस जिले में गर्म पानी कुंड नर्मदा नदी में सहस्त्र धारा एवं मंडला रामनगर सहित कई ग्रामों में महलों सहित ऐसे कई पर्यटन स्थल मंडला जिले में मौजूद हैं जिनका सही विकास नहीं किया जा रहा है नर्मदा तट में ही अनेक स्थल है नर्मदा तटों के विकास के लिए भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है नर्मदा तट पर स्थित सभी पर्यटन स्थलों व धार्मिक स्थलों व आश्रमों मंदिरों के विकास के लिए भी कोई परिणाम कार्य प्रयास नहीं किया जा रहे हैं इसी तरह और भी कई पर्यटन स्थल इस जिले में मौजूद हैं जिनके विकास के बारे में ज्यादा सोचा नहीं जा रहा है इसके अलावा कई तरह के पर्यटन स्थल इस जिले में मौजूद हैं जिनकी खोजबीन भी नहीं की जा रही है नागरिकों का कहना है कि जो पर्यटन स्थल पता चल चुके हैं उनका विकास किया जाए और जिनका पता नहीं चल पाया है या चल गया है तो वह लोगों की जानकारी में नहीं आ पाया है उन सभी पर्यटन स्थलों का भी विकास तत्परता के साथ किया जाए तो इस जिले में विकास की धारा जरूर आगे बढ़ेगी।
गर्म पानी कुंड से दूर होते हैं चर्म रोग
जिला मुख्यालय मंडला से लगभग 18 किलोमीटर दूर मंडला जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत ग्वारी के पास गर्म पानी का कुंड है बताया जाता है कि यहां पर हमेशा कुंड में गर्म पानी रहता है इस कुंड के पानी में स्नान करने से कई तरह के चर्म रोग दूर होते हैं बताएं यह भी जा रहा है कि यह स्थल भगवान परशुराम की तपस्या स्थली है आसपास मां नर्मदा का जल शीतल जल भरा हुआ है और बीच में गर्म पानी का कुंड लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है आसपास वनों की शोभा यहां पर चार चांद लग रही है बताया जा रहा है कि यहां पर सल्फर युक्त पानी हो सकता है शायद इसी वजह से भी इसमें स्नान करने से लोगों के चर्म रोग दूर हो रहे हैं कई तरह की मान्यता यहां पर है फिलहाल लोग यहां पर ठंड के मौसम में आनंद ले रहे हैं गर्म पानी का कुंड सभी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है यहां पर जो काम विकास के शेष रह गए हैं यहां तक ठीक तरह से मार्ग हमेशा बना रहे एवं सभी तरह के विकास कार्य यहां पर कराई जाएं ऐसी जान अपेक्षा है
सहस्त्रधारा बना आकर्षण का केंद्र
मां नर्मदा नदी के बीचो-बीच स्थित सहस्त्र धारा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है मां नर्मदा का जल सहस्त्र धाराओं से यहां पर प्रवाहित हो रहा है बड़ी-बड़ी काली चट्टानें और दूध जैसा पानी लोगों को यहां पर आकर्षित कर रहा है लोगों का मानना है कि यहां पर अभी तक सही विकास नहीं किया गया है बताया यह जा रहा है कि भगवान सहस्त्रबाहु ने यहां पर मां नर्मदा की तपस्या की थी और उन्हें रोकने का प्रयास किया था लेकिन मां उनकी हजार भुज। से निकलकर आगे बढ़ गई और यह स्थल बाद में सहस्त्रधारा के नाम से जाना गया यहां पर मंदिर आश्रम बने हुए हैं जिन्हें ठीक तरह से विकसित करने के लिए ध्यान नहीं दिया जा रगहा है इसके अलावा सैलानियों के लिए रुकने इत्यादि की सही व्यवस्था यहां पर नहीं की जा रही है तमाम तरह के इंतजाम भी यहां किया जाना जरूरी है जिस पर ध्यान देने की मांग लोगों ने की है
महलों, किलो की हालत खस्ता
मंडला जिले में राजा महाराजाओं द्वारा बनाए गए महल और किलो व अन्य स्थलों की हालत ज्यादा अच्छी नहीं बताई जा रही है प्रतिवर्ष मरम्मत व रंग रोगन का कार्य नहीं कराया जा रहा है महलोंको जन उपयोगी बनाने के लिए कोई योजना तैयार नहीं की जा रही है सिर्फ महलों को सजा सजा कर तैयार किया जा रहा है इसका जनहित में क्या उपयोग किया जा रहा है लोग जानना चाह रहे हैं नागरिकों की मांग है कि जनहित में महलों और किलो का उपयोग किया जाना चाहिए मंडला नगर में ही इस तरह की अपेक्षा की जा रही है इसके अलावा मंडला के रामनगर सहित कई ग्रामों में राजा महाराजाओं द्वारा बनाए गए महल उपेक्षा के शिकार हैं उनके नाम पर खूब पैसा खर्च किया गया है जमकर धांधली भी किए जाने की चर्चा चल रही है इसके बाद भी यह महल अब भी विकास चाह रहे हैं जांच की जानी चाहिए कितना पैसा खर्च किया गया और उसका कितना उपयोग किया गया फिलहाल महलों और किलो को संवारने की आवश्यकता लोग जाता रहे हैं।