मंडला – पंचायत कर्मचारियों की लापरवाही से गरीब पात्र महिला को नहीं मिल रहा संबल योजना का लाभ
रेवांचल टाइम्स मंडला – सरकार गरीबों के हित को ध्यान में रखते हुए तमाम तरह की योजनाएं संचालित कर रही है ताकि हर गरीब पात्र परिवारों को आर्थिक मदद कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ सके ताकि असहाय परिवार भी बिना किसी परेशानी का अपना जीवन निर्वहन कर सके और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सके इसके लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री संबल योजना लागू की गई थी जिससे हर गरीब असहाय परिवार को अपने परिवार के जीवन यापन सरकार उनकी मदद कर सके योजना का सही से संचालन हो और अंतिम छोर में बसे असहाय पात्र परिवार को योजना का लाभ मिल सके इसके लिए जमीनी स्तर में कार्य करने वाली महत्वपुर संस्था ग्राम पंचायत के कर्मचारी सचिव को इसकी जिम्मेदारी दी गई ताकि हर पात्र गरीब परिवार को आसानी से योजना का लाभ मिल सके परन्तु लापरवाह गैर जिम्मेदार सचिव के कारण असहाय गरीब परिवारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है यहां तक कि पात्र हितग्राहियों को जिला मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं और सीएम हेल्प लाइन में समस्या बताने के बाद भी समय में निराकरण नहीं हो रहा है जिससे आम नागरिकों का सरकार ओर सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं से विश्वास उठने लगा है ऐसे में सरकार की मंशा में पानी फिर रहा है लापरवाह कर्मचारियों ओर जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से असहाय गरीब परिवार भटक रहे हैं और सरकार ओर अपनी किस्मत को कोस रहे हैं।मामला जनपद पंचायत मंडला की ग्राम पंचायत ढेंको का है संबल योजना का पात्र हितग्राही की मृत्यु 2021 में हो जाने के बाद उसकी पत्नी के द्वारा संबल योजना से मिलने वाले हितलाभ लेने सचिव एवम् रोजगार सहायक को आवेदन निवेदन किया गया लेकिन लापरवाह सचिव के गैर जिम्मेदाराना कृत्यों की वजह से असहाय पात्र हितग्राही महिला को आज तक संबल योजना का लाभ नहीं मिला बल्कि रोजगार सहायक एवम् पंचायत सचिव के द्वारा अबला असहाय महिला को 4 साल से गुमराह किया जाता रहा पीड़ित महिला ने जन सुनवाई पहुंच कर अधिकारियों को बताया कि उसके 3 बच्चे है पति की मृत्यु के बाद उनके घर में कोई भी कमाने बाला नहीं है और न उनके पास कोई पैतृक संपति है सास ससुर को भी मृत्यु हो चुकी है बच्चो की परवरिश और जीवन निर्वहन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में संबल योजना ही उनके जीवन निर्वहन करने में सहायक हो सकती है लेकिन पंचायत सचिव के द्वारा उनके आवेदन को जनपद में जमा ही नहीं किए ओर इतने साल से झूठ बोलकर महिला को गुमराह किया जाता रहा कि उनके प्रकरण को जनपद में जमा किया जा चुका है और स्वीकृत भी हो चुका है बहुत जल्द आर्थिक मदद मिल जाएगी साल दर साल गुजरने के बाद जब महिला ने जनपद में संपर्क किया तब महिला को पता चला कि सचिव के द्वारा संबल योजना का प्रकरण जनपद में जमा ही नहीं किया गया तब निराश थक हार कर महिला हितग्राही जन सुनवाई में आकर कलेक्टर को अपनी समस्या बताई।
अब क्या होगा क्या कलेक्टर साहब पात्र हितग्राही असहाय गरीब महिला को संबल योजना का लाभ दिला पाएंगे?
क्या कलेक्टर साहब भ्रष्ट लापरवाह सचिव के विरुद्ध कोई कठोर कार्यवाही करेंगे?