त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक की ₹250 करोड़ की संपत्ति जब्त: आईएएस से संबंधों की जांच जारी

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भोपाल: आयकर विभाग ने हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर राजेश शर्मा की लगभग ₹250 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। ये संपत्तियां भोपाल, इंदौर और ग्वालियर सहित प्रदेश के प्रमुख स्थानों पर स्थित हैं। विभाग ने आईजी पंजीयन और वरिष्ठ जिला पंजीयक को निर्देश जारी किया है कि राजेश शर्मा के नाम से कोई भी संपत्ति पंजीकृत न की जाए।

एक सप्ताह तक चली छापेमारी में खुलासा

आयकर विभाग ने पिछले महीने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, क्वालिटी ग्रुप और ईशान ग्रुप के विभिन्न 56 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह अभियान लगभग एक सप्ताह तक चला, जिसमें भोपाल में 53, इंदौर में 2 और ग्वालियर में 1 ठिकानों पर जांच की गई। इस दौरान विभाग को 10 करोड़ रुपये की नकदी, 25 से अधिक लॉकरों की जानकारी और कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले। दस्तावेजों की गहन जांच के बाद इन संपत्तियों को कुर्क करने का फैसला लिया गया।

पूर्व आईएएस अधिकारी से संबंधों का खुलासा

राजेश शर्मा के संबंध प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह बैंस से बताए जा रहे हैं। छापेमारी में जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, वे भोपाल के सेंट्रल पार्क और अन्य हाई-प्रोफाइल इलाकों में स्थित हैं। इनमें जमीन, प्लॉट, फ्लैट और इमारतें शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन संपत्तियों को शर्मा ने अपने प्रभाव और आईएएस अधिकारी के साथ संबंधों का इस्तेमाल कर अर्जित किया है।

संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक

आयकर विभाग ने यह आशंका जताई है कि राजेश शर्मा अपनी संपत्तियों को बेचने या अन्यत्र स्थानांतरित करने की कोशिश कर सकते हैं। इस संभावना को रोकने के लिए वरिष्ठ जिला पंजीयक ने भोपाल स्थित सभी रजिस्ट्री कार्यालयों को निर्देश जारी किया है कि राजेश शर्मा की संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन आयकर विभाग की अनुमति के बिना न किया जाए।

खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका की भूमिका

इस मामले में रायपुर के बड़े खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका से भी पूछताछ की जा रही है। गोयनका ने हाल ही में स्वीकार किया है कि उनका राजेश शर्मा के साथ सीधा संबंध है। आयकर विभाग को पता चला है कि गोयनका ने भोपाल के सेवनिया गौड़ इलाके में ₹50 करोड़ रुपये की नकद राशि के जरिए जमीन खरीदी थी। यह सौदा राजेश शर्मा की मध्यस्थता से हुआ था। पिछले दो दिनों से आयकर विभाग गोयनका से गहन पूछताछ कर रहा है।

शर्मा के नेटवर्क का खुलासा

राजेश शर्मा को त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, ईशान ग्रुप और क्वालिटी ग्रुप के कारोबार का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। उनकी बेनामी संपत्तियों का जाल भोपाल के अलावा इंदौर और ग्वालियर तक फैला हुआ है। विभाग का मानना है कि शर्मा ने अपने व्यवसायिक साझेदारों और प्रभावशाली संबंधों का इस्तेमाल कर इन संपत्तियों को अर्जित किया।

विभाग की अगली कार्रवाई

आयकर विभाग अब राजेश शर्मा और उनके सहयोगियों को समन भेजकर बयान दर्ज कर रहा है। दस्तावेजों और लॉकरों की जांच जारी है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

यह मामला राज्य में प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा अपने पद और संबंधों का दुरुपयोग कर संपत्तियां अर्जित करने का बड़ा उदाहरण बन सकता है।

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