नवीन निजी नलकूपों के खनन पर 31 जुलाई 2025 तक प्रतिबंध
ग्रीष्मकाल में संभावित पेयजल संकट के मद्देनजर जारी किया गया आदेश...
रेवांचल टाईम्स – मंडला, कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सोमेश मिश्रा ने ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को देखते हुये नवीन निजी नलकूपों के खनन पर 31 जुलाई 2025 तक प्रतिबंध लगा दिया है। जिला दण्डाधिकारी जिला मण्डला मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) की धारा-3 के अंतर्गत मण्डला जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये अधिनियम की धारा-6(1) के अंतर्गत सम्पूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। मण्डला जिले की सीमा क्षेत्र की सीमा में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन किया जाएगा। प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन/बोरिंग का प्रयास कर रही है, ऐसी मशीनों को जप्त कर में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा। समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया गया है। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। उपरोक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नही होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्ययोजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जलस्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। यह आदेश 4 मार्च 2025 से लागू होगा और 31 जुलाई 2025 तक प्रभावशील रहेगा।
