शराब के नशे में धुत शिक्षक पर प्रकरण तो दर्ज पर कार्रवाई अब तक नहीं

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सीएम हेल्पलाइन वापस लेने बनाया था दबाव,
मारपीट कर किया था गला दबाने का प्रयास

रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अपने कार्यों में लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं, रसूखदार की मनमानी चल रही हैं।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील निवास में एक मामला सामने जहाँ पर युवक को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करना पड़ा भारी और सरकार शिकवा शिकायत करने पर लोगों के लिए बनी आफत। मामला निवास के शासकीय हाई स्कूल बम्हनी में सीएम हेल्प लाइन शिकायतकर्ता से नाराज प्रभारी प्राचार्य दीपक दुबे नशे में धुत होकर पीछे से आकर की गई मारपीट व गला दबाने के प्रयास की घटना की घटना सामने आई है जहाँ पर वह घटना प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इसे विडंबना ही कहा जाएगा क्योंकि शिक्षक के विरूद्ध निवास पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा तो दर्ज कर लिया है। लेकिन अब तक उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ना तो शिक्षा विभाग में पदस्थ शिक्षक पर कोई कार्रवाई नही की गई है, और न ही पुलिस विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है। वही सीएम हेल्पलाइन जैसी सरकार की सबसे बड़ी महत्वांकाक्षी योजना को पलीता लगाने वाले शिक्षक पर विभागीय अधिकारियों की मेहरबानी व प्रशासनिक गलियारों में ही नहीं बल्कि आम लोगों के बीच भी एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर इतना सब कुछ होने के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई ? कही ऐसा तो नही की शिक्षक पर राजनैतिक संरक्षण के चलते मामला को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

जांच टीम गठित न होना संदेह के घेरे में,
वही जो स्कूल को शिक्षा को ज्ञान का मंदिर माना जाता है, पर शिक्षक खुलेआम अपनी कमजोरियों को छुपाते हुए गुंडाराज बना रखे है।
इस मामले में देखा जाए तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मंशा सवालों के घेरे में है। सीएम हेल्पलाइन व जिला कलेक्टर से विभागीय जांच के लिए की गई शिकायत को शिकायतकर्ता को डरा-धमकाकर शिकायत बंद कराने की कवायदों में जुटे दीपक दुबे के सीसीटीवी में सरेआम फुटेज सामने आने के बाद भी शिक्षा विभागीय अधिकारियों ने अभी तक उसका प्रभारी पद से क्यों नहीं हटाया गया, और न ही उस पर कोई कार्रवाई की है। कार्रवाई तो दूर की बात है अब तक ऐसी कोई जांच टीम तक गठित नहीं की गई है,जो मामले की छानबीन कर तह तक पहुंचकर भ्रष्टाचार का उजागर हो सके। ओर शिकायतकर्ता को न्याय दिला सके, जबकि जनजाति कार्य विभाग की सहायक आयुक्त ने टीम गठित कर जांच कराने का दावा किया। लेकिन सबसे अहम बात 15 दिन गुजरने के बाद भी आरोपी शिक्षक की जांच करने वाली टीम गठित न होना।यह दर्शाता है कि इस मामले में दीपक दुबे को शिक्षा विभाग व जनजाति कार्य विभाग बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है।जिस प्रकार से शिकायतकर्ता पर हमला किया गया। जिससे सीएम हेल्पलाइन शिकायतकर्ता के बीच डर का माहौल बना हुआ है।

शिकायत की फोर्स क्लोजिंग का दबाव बना रहा था आरोपी

मंडला जिले की निवास तहसील के विकासखंड स्थित शासकीय हाई स्कूल बम्हनी में पदस्थ शिक्षक दीपक दुबे द्वारा गत 18 फरवरी को शिकायतकर्ता के साथ न केवल मारपीट की बल्कि उसका गला दबाकर मारने का पूरा प्रयास भी किया।बताया जाता है सीएम हेल्पलाइन व जिला कलेक्टर से लिखित शिकायत में अतिथि शिक्षक भर्ती मामले में घोटाले की शिकायत कर जांच की मांग की थी। जिससे अतिथि शिक्षक की भर्ती में घोटाले व मनचाहे तरीके से राशि भुगतान कर दिया गया है।सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत में बताया था कि पूर्व अभ्यार्थी प्रशिक्षित नेहा रजक की सूची में होने के बाद भी अन्य अप्रशिक्षित अभ्यर्थी की रहस्यमयी ढंग से भर्ती कर ली गई थी।जो भर्ती घोटाले की ओर इशारा करता है। सूत्र बताते है कि नेहा रजक( डीएड,बीएड) प्रशिक्षित अभ्यर्थी का नाम सूची में होने के बाद भी गांव के ही नॉन( बीएड,डीएड)देवेंद्र तेकाम की भर्ती कर ली गई। इस मामले की शिकायत अगस्त 2023 में सीएम हेल्पलाइन में की गई थी। जिसका निराकरण अभी तक नहीं किया जा सका है। जो लगभग दो साल होने में आए। जबकि जिला कलेक्टर के सख्त आदेश थे 50 दिनों से अधिक समय में हुई शिकायत का निराकरण कर दिया जाय।लेकिन निवास शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शिकायत को टाल कर शाबाशी देकर पीढ थपथपा रहे है।अभी फिलहाल यह शिकायत एल-3 लेबल पर पड़ी हुई है जिसे फोर्स क्लोजिंग के लिए शिक्षक दीपक दुबे लगातार दबाव बना रहा था।
सीसीटीवी में घटना दर्ज पर शिक्षा विभाग में शिकन तक नहीं ।
जब शिकायत वापस लेने के लिए संत प्रताप तैयार नहीं हुआ तब शिक्षक दीपक दुबे ने बल प्रयोग कर दबाव बनाने की कोशिश की और 18 फरवरी की रात तकरीबन 9 बजे पोस्ट ऑफिस के पास शराब के नशे में हाथ पकड़कर अंधेरे में ले जाने के लिए खींचने लगा। वहां से भागा तो पीछे से आकर गला पकड़कर दबाने लगा।फिर मैन मार्केट बाजार में आकर रोककर पैसे का लालच देकर शिकायत बंद करने के लिए कहने लगा। जिसकी वॉयस रिकॉर्डिंग भी है। जब बात नहीं मानी गई तो पीछे से आकर सिर में बोतल मार कर मारपीट की गई। सरेआम सडक़ पर दौड़ाकर मारने के की स्पष्ट सी सी टीवी फुटेज में दिख रहा है। जिसकी रिपोर्ट निवास थाना पुलिस ने मुकदमा तो कायम कर लिया, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई न होने से आरोपी के हौसले बुलंद हैं। जिससे डर का माहौल बना हुआ है।आखिर किसके संरक्षण में कर रहा है गुंडागर्दी।

तो क्या सचमुच हुआ भर्ती में घोटाला!
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अतिथि शिक्षक भर्ती घोटाले की शिकायत के बाद जिस प्रकार से हाई स्कूल बम्हनी में पदस्थ शिक्षक दीपक दुबे ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायत को जबरन बंद कराने की कोशिश की है। योजना जहां सरकार की महत्वाकांक्षी सीएम हेल्प लाइन योजना सवालों के घेरे में आ गई है।वहीं यह सवाल भी खड़ा हो गया है, कि शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत सही है, क्या सचमुच पात्र अभ्यर्थियों को दरकिनार कर अपात्र अभ्यर्थी की भर्ती की गई है। यदि नहीं तो फिर गत वर्ष की गई शिकायत अब तक निराकृत क्यों नहीं हुई ।इससे सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर अतिथि शिक्षक भर्ती मामले से दीपक दुबे का क्या कनेक्शन है जिसने इसकी जांच को बंद कराने के लिए मारपीट जैसा कदम उठा लिया? विभागीय सूत्रों की मानें तो इस मामले में दीपक दुबे की गर्दन फंसी हुई है। यही कारण है कि वह ऐसी हर शिकायत को बंद कराना चाहता है।जो इस मामले से जुड़ी हो।अब इस मामले में विभागीय अधिकारियों की चुप्पी भी रहस्यमयी बनी हुई है।
शिकायतकर्ता को जान का खतरा
शिकायतकर्ता ने जान के खतरे का अंदेशा जताया है। बम्हनी स्कूल में अतिथि शिक्षक की भर्ती को लेकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी। यह शिकायत अतिथि शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित थी।आरटीआई के माध्यम से भर्ती संबंधी जानकारी भी मांगी थी, लेकिन उन्हें अधूरी जानकारी दी गई थी। जब उन्होंने इसकी प्रथम अपील सहायक आयुक्त कार्यालय मंडला में की, तो कोई समाधान नहीं हुआ। इसके बाद शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत मंडला के जिला कलेक्टर, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग मंडला, जनसुनवाई और कमिश्नर ऑफिस जबलपुर में भी दर्ज कराई।लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। क्योंकि जांच स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा करा कर मामले को दावा दिया जाता है। जबकि तत्कालीन कलेक्टर सलौनी सिडाना ने जिला स्तरीय जांच टीम बनाकर शिक्षक पर वार्षिकी संचय वेतन वृद्धि को रोकने को कार्यवाही की है थी। इसके बाद भी शिक्षक पर कोई सुधार नहीं हुआ। जबकि मामला है, शासकीय राशि का भ्रष्टाचार से है। जिसकी उच्च स्तर जांच के बाद ही पता चलेगा। शिकायतकर्ता ने कहा कि उनका जीवन अब खतरे में है, क्योंकि दीपक दुबे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब देखना यह है कि शिकवा शिकायत के बाद कब तक और क्या कार्यवाही होती हैं या फिर जाँच के नाम पर अभयदान दिया जाऐगा।

इनका कहना है….

मामले की निष्पक्ष व उचित कार्यवाही की जाएगी।
रजत सकलेचा
पुलिस अधीक्षक मंडला

उच्च स्तर जांच चल रही है। जल्द ही प्रभारी पद से पृथक किया जाएगा।
श्रीमति वंदना गुप्ता
सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग मंडला

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