नेशनल लोक अदालत में 198 प्रकरणों का हुआ निराकरण

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जिला न्यायालय परिसर में किया गया आयोजन

 

मंडला 8 मार्च 2025

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन 8 मार्च 2025 को सम्पूर्ण देश में नेशनल लोक आदालत आयोजित की गई। जिला मण्डला में प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री कमल जोशी के निर्देशन में एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री तपन धारगा के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें सभी प्रकार के राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, सिविल प्रकरण, विद्युत प्रकरण, मोटर दुर्घटना, भरण-पोषण, चैक बाउन्स, श्रम, राजस्व (जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण) पारिवारिक वैवाहिक मामले न्यायालय के प्रकरणों के साथ-साथ, बैंक, नगरपालिका, विद्युत एवं बी.एस.एन.एल. के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस लोक अदालत में न्यायालय के पेंडिंग कुल 206 प्रकरणों में से 198 प्रकरण निराकृत किये गये तथा 2 करोड़ 77 लाख 47 हजार 8 रूपये राशि का धनादेश पारित किया गया। साथ ही प्रीलिटिगेशन कुल प्रकरण 390 में से 390 प्रकरण निराकृत किये गये तथा 60 लाख 60 हजार 954 रूपये राशि का धनादेश पारित किया गया। इस लोक अदालत से कुल 606 लोग लाभांवित हुये।

न्यायिक मजिस्टेªट/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री तपन धारगा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत जिला न्यायालय मण्डला एवं तहसील न्यायालय नैनपुर/निवास/बिछिया में भी नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई है। जिसमें सभी समझौते योग्य प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित 18 खंडपीठों के माध्यम से आपसी सुलह के आधार पर राजीनामा कराया गया। उन्होंने बताया कि इस बार की नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में बैंक के 164 प्रकरणों में से 164 प्रकरण निराकृत हुये जिसमें 41 लाख 96 हजार 914 रूपये की वसूली राशि प्राप्त हुई, विद्युत विभाग के 45 प्रकरणों में से 45 प्रकरण निराकृत हुये जिसमें 3 लाख 85 हजार 317 रूपये की वसूली राशि प्राप्त हुई, नगरपालिका के 85 प्रकरणों में से 85 प्रकरण निराकृत हुये, जिसमें 5 लाख 33 हजार 392 रूपये की वसूली राशि प्राप्त हुई।

न्यायालय के लंबित केसेस में समझौता योग्य आपराधिक 72 प्रकरणों में से 71 प्रकरणों का निराकृत हुए। धारा 138 एन.आई. एक्ट के 29 प्रकरणों में से 29 प्रकरण निराकृत हुये जिसमें  राशि 58 लाख 37 हजार 418 का अवार्ड पारित किया गया। एम.ए.सी.टी. के 58 प्रकरणों में से 55 प्रकरण निराकृत हुये 2 करोड़ 14 लाख 94 हजार 601 का अवार्ड पारित किया गया एवं पारिवारिक विवाद के 15 प्रकरणों में से 15 प्रकरणों को निराकृत किया गया। अन्य सिविल प्रकृति के 15 प्रकरणों में से 14 प्रकरण निराकृत हुये। लंबित विद्युत अधिनियम के 2 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें से 1 प्रकरण निराकृत हुआ। जिसकी समझौता राशि 7 हजार 33 रूपये का आदेश पारित किया गया। सभी समझौता योग्य प्रकरणों का निराकरण आपसी सुलह के आधार पर किया गया तथा सभी लाभान्वितों को पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोक अदालत में उपस्थित लाभान्वित व्यक्तियो को एक-एक पौधा भेंट किया गया।

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