शिक्षा के नाम पर मासूम बच्चों को मजदूर बनाकर किया जा रहा शोषण
जिम्मेदार स्वयं को विधानसभा और सांसद मीटिंग में व्यस्त होने की बात कह कर देख रहे तमाशा, छात्रावास बने लूट का अड्डा
मण्डला आदिवासी बाहुल्य जिले के सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को जिम्मेदार अधिकारी अपनी कुबेर का खजाना बना लिए हैं, जिसमें जिले में मासूम बच्चों के शिक्षा के नाम पर जिम्मेदार तथा उनके नुमाइंदे अपनी तिजोरी भरने को लेकर अपराध की प्रत्येक स्लाट पार करते नजर आते हैं, जिसमें भ्रष्टाचार, लापरवाही,बाल श्रम अपराध अधिनियम के मासूम बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक शोषण, छात्रावासों में आये दिन हो रहे छात्राओं के साथ दैहिक शोषण बावजूद इसके अपराधियों ने ऐंसी कौन सी घूंटी जिम्मेदार अधिकारीयों को पिला रखी है कि जिम्मेदारों द्वारा दोषियों को खुला संरक्षण प्रदान किया जाता है।
शिक्षा के लिवास में शिक्षकों द्वारा बच्चों का शोषण करने को लेकर एक मामले को लेकर जब सहायक आयुक्त आदिवासी जनजातीय कार्य विभाग मण्डला वंदना गुप्ता से बात की गई तो एक नया पहलू सामने आया है, जहां शिकायतकर्ता अपनी शिकायत को लेकर सांसद महोदय के समक्ष पहुंचे और उक्त घटना की विडियो सांसद महोदय को दिखाया गया विडियो देख सांसद महोदय द्वारा शिकायतकर्ता को सहायक आयुक्त से मिलने की हिदायत दी गई,शिकायतकर्ता द्वारा जब सहायक आयुक्त को घटना के मामले में मिलने हेतु फोन लगाया तो सहायक आयुक्त मामले के संबंध में जवाब देने तथा दोषी को संरक्षण प्रदान करने के चलते स्वयं को सांसद महोदय के साथ बैठे होने की झूठी बात कही गई, जहां शिकायतकर्ता मौके पर मौजूद थे जिसके चस्मदीद स्वयं सांसद महोदय है।
सहायक आयुक्त की इस लापरवाही और खुल्लम-खुल्ला दोषियों को संरक्षण प्रदान करने सांसद महोदय तक शिकायत पहुंचते ही सहायक आयुक्त द्वारा शिकायतकर्ता को अपने कार्यालय बुलाया गया।कार्यालय पहुंचने पर सहायक आयुक्त वंदना गुप्ता तो नहीं मिली परन्तु उनके नुमाइंदे मिले जिन्हें दोषियों को संरक्षण एवं कार्यवाही के नाम पर हिस्सेदारी बटोरने के लिए रखा गया है,जिनके द्वारा स्पष्ट किया गया कि उक्त मामला आदिवासी बालक आश्रम शाला प्रेमपुर विकासखंड मण्डला का मामला है,जहां दोषी डी.सी. बंसकार अधीक्षक,संध्या कुम्हरे सहायक शिक्षक,रेखा गोठारिया प्राथ.शिक्षक के द्वारा मासूम बच्चों से झाडू-पोंछा लगवाने बर्तन साफ कराने जैसे श्रम कानून अंतर्गत शारीरिक शोषण किया जा रहा था मामले की शिकायत लगभग एक सप्ताह बीत गए परन्तु जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई जो स्पष्ट करता है कि उक्त मामले पर हुई लापरवाही एवं शिक्षा के नाम पर शोषण की आड़ में कार्यवाही नहीं करने एवं दोषियों को संरक्षण प्रदान करने की आड़ में जिम्मेदारों द्वारा कार्रवाई को का झूठा आश्वासन देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
प्राचार्य या प्रभारी सहायक आयुक्त अपनी जिम्मेदारी निभाने में की लापरवाही
प्राचार्य को सहायक आयुक्त का पद सौंपते ही जिले में शिक्षा व्यवस्था चौपट होने के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही तेज हो गई।जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी जनजातीय कार्य विभाग में किये गए खुलेआम भ्रष्टाचारी और लापरवाहियों के मयसाक्ष्य आला-अधिकारियों को शिकायत की गई परन्तु भ्रष्टाचारियों द्वारा जिम्मेदारों को उनकी हिस्सेदारी और कमीशन नाम की घूंटी पिलाई जा रही है जिससे आये दिन दोषियों के होंसले बुलंद हो रहे हैं।सहायक आयुक्त आदिवासी जनजातीय कार्य विभाग की आज हालात यह हो गये है कि जिम्मेदारों द्वारा केवल अपनी तिजोरी भरने का मकसद लेकर उक्त पद पर आते हैं नतीजा जिले में शिक्षा एवं छात्रावास व्यवस्था चौपट हो चुकी है।वहीं दूसरी ओर शासन द्वारा भी गैर अनुभवियों को एक जिम्मेदार पद सौंपकर मासूम बच्चों की जिंदगी और भविष्य के साथ खिलवाड़ तथा सौदेबाजी की जा रही है।मौजूदा प्रभारी सहायक आयुक्त वंदना गुप्ता जो प्राचार्य के पद पर पदस्थ हैं उनके सहायक आयुक्त का पदभार संभालेते ही जिले की शिक्षा व्यवस्था तहस-नहस हो गई है।तत्कालीन मामलों में एकीकृत माध्यमिक शाला खलोडी़ विकासखंड बिछिया,शासकीय हाई स्कूल बम्हनी विकासखंड निवास,आदिवासी बालक आश्रम शाला प्रेमपुर विकासखंड मण्डला, शासकीय माध्यमिक शाला सिविल वार्ड मण्डला के साथ-साथ सहायक आयुक्त की लापरवाही ने मूक जानवरों को तक अपना शिकार बनाने से पीछे नहीं हटे विगत दिनों सहायक आयुक्त की लापरवाही के चलते एक भैंस का बच्चा गटर में गिर गया।
जिम्मेदारों के निरीक्षण में सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी
मण्डला विकासखंड अंतर्गत आदिवासी बालक आश्रम शाला प्रेमपुर में शिक्षकों तथा अधीक्षक द्वारा किए गए मासूम बच्चों के साथ जानवरनुमा कृत्य बाल श्रम अधिनियम तहत सजा के पात्र हैं,जिस पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी मण्डला रंजीत गुप्ता का कहना है कि उनके द्वारा निरीक्षण किया गया है वहीं बीईओ स्टाफ में पदस्थ कर्मचारी एवं शोषित बच्चों का कहना है कि उक्त अधिकारी शाम को निरीक्षण के नाम पर आते हैं। आखिर जिम्मेदारों द्वारा शाम को निरीक्षण करने का कारण क्या है उक्त मामले में जब बीईओ और एसी से जवाब मांगा गया तो दोनों अधिकारी स्वयं को विधानसभा और सांसद मीटिंग में होने की झूठी बात कहकर
इनका कहना है——-
01:-अभी मैं सांसद जी के साथ मीटिंग को लेकर व्यस्त हुं,मामले को में दिखवा लेती हुं।
श्रीमती वंदना गुप्ता
सहा.आयु.आदि.जन.कार्य वि.
02:-मामले को लेकर संबंधितों को नोटिस जारी कर दिया गया है, और मेरे द्वारा निरीक्षण भी किया गया है।
रंजीत गुप्ता
विकास खंड शिक्षा अधि. मण्डला
