देश के जाने माने कवियों का मंडला आगमन आज अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में करेंगे शिरकत…
रेवांचल टाईम्स – मण्डला, महिष्मति नगरी मंडला में 21 मार्च को देश की जाने माने लोकप्रिय कवियों का आगमन हो रहा है। यहां पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में शिरकत करने आ रहे कवि अपनी चिरपरिचत कविताओं के लिए जाने व पहचाने जाते हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा ने बताया कि 21 मार्च को महिष्मति घाट मंडला में शाम 7 बजे पंचचौंकी महाआरती में देश के जाने माने वरिष्ठ कवि विष्णु सक्सेना गीतकार, कवि सुदीप भोला (लपेटे में नेता फेम), कवयित्री सुमित्रा सरल श्रृंगार रस, कवि सुमित ओरछा सबरस मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे। जो कि मां नर्मदा की महाआरती करेंगे। भारत रत्न पंडित अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म शताब्दी वर्ष पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। काव्यांजलि माहिष्मति नगरी मंडला के द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मलेन शाम 7 बजे पंचचौंकी महाआरती के पश्चात् आरंभ होगा। देश के जाने माने कवियों का मंडला महिष्मति नगरी में पहली बार आगमन हो रहा है। कार्यक्रम की सम्पूर्ण तैयारी अंतिम चरण पर बताई जा रही हैं। कवि दृय द्वारा 21 मार्च की शाम 7 बजे मां नर्मदा की पंचचौंकी महाआरती की जाएगी। तत्पश्चात् कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दौरान जिले के अनेक कवियों का सम्मान भी किया जाएगा। इसी के साथ समाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले समाजसेवियों को भी सम्मानित किया जायेगा। काव्यांजलि महिष्मति नगरी मंडला ने जिलेवासियो से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने अपील की है। बता दें कि कवि विष्णु सक्सेना अपने प्रेमगीतों और तरन्नुम के लिए विख्यात हैं। लोगों की मांग पर उन्होंने अपने एक नये प्रेम गीत का पाठ किया। गीत की पंक्तियां इस प्रकार हैं- तन और मन हैं पास बहुत फिर सोच सोच में क्यों दूरी है हम बदलें तो कहा बेवफ़ा वो बदलें तो मजबूरी है गंगा के तट बैठ रेत के बना बना के महल गिराए उसको हमने हमने उसको जाने कितने सपन दिखाए झूठ मूट को मांग भरी थी हाथ अभी तक सिंदूरी है वो बदलें तो कहा बेवफ़ा हम बदलें तो मजबूरी है। तो वहीं कवि सुदीप भोला का जन्म मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में हुआ। देश को सर्वप्रथम की मान्यता पर विश्वास करने वाले हास्य और वीर रस के इस युवा कवि ने बहुत कम समय में लोगों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सुदीप भोला अपने ओजस्वी काव्य पाठ से कवि सम्मेलन में एक नई ऊर्जा का संचार कर देते हैं। शहीद हेमराज को समर्पित आपकी लोकप्रिय रचना जिन्होंने हंसकर दे दी जान ने सुनने वालों को बेहद भावुक कर देती है। इस गीत को सुनते समय राष्ट्र-प्रेम के जिस ज्वार को श्रोता महसूस करते हैं उसको शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है। सुदीप भोला की देशभक्ति की कविताओं ने जहाँ इनके सुनने वालों को विभोर किया है वहीं हास्य-व्यंग्य की कविताओं ने श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया है। इनकी हास्य रचना मेरी साली भोली भाली ने दर्शकों का बहुत मनोरंजन किया है। इन्होंने बहुत बार अपनी काव्य प्रतिभा के रंग टीवी के विविध कार्यक्रमों में भी बिखेरे हैं। सब टीवी के चर्चित शो वाह-वाह क्या बात है में इनकी प्रस्तुति को दर्शकों ने बहुत सराहा है। 1500 से अधिक काव्य-मंचों से सफ़ल काव्यपाठ करने वाले सुदीप भोला जी को उनकी बेहतरीन रचनाओं के लिये कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। कवि सुमित ओरछा के बारे में भगवान श्रीराम की धार्मिक भूमि से निकले कवि, देशभक्ति, राष्ट्रवाद और धार्मिकता से ओतप्रोत। वीर रस के बेहतरीन कवियों में से एक, सुमित ओरछा। उन्होंने अपनी अनूठी शैली और धर्म के साथ-साथ इतिहास के गहन अध्ययन से अपना अलग प्रशंसक वर्ग बनाया है। वे कई कवि सम्मेलन आयोजकों की पहली पसंद हैं।कवि सुमित ओरछा राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय गणमान्य हैं। वे सीबीएफसी के सदस्य भी हैं। वे अपनी पीढ़ी के सबसे लोकप्रिय वीर रस कवियों में से एक रहे हैं। श्रृंगार रस की कवयित्री सुमित्रा सरल ने श्रृंगार के गीत कभी जब डूब जाती हूँ तो नैया देख आती हूँ, मैं मानस में लिखा पावन सवैया देख आती हूँ। मेरे मंदिर न जाने का सम्बन्ध सखियों से क्या बोलूं, मैं छत पर शाम को अपना कन्हैया देख आती हूँ सुनाकर श्रृंगार रस की छटा बिखेरी। कवि सम्मेलन में श्रृगांर रस की कवियित्री सुमित्रा सरल ने जब अपनी रचना गलत खबर है शहर के लडक़े शराब पी कर हुए दिवाने, वो मुझसे नजरें मिला के गए थे इसीलिए तो बहक रहे है पर दर्शकों ने वाह-वाह कर तालियो की भरपूर दाद दी। इसके अलावा सुमित्रा सरल ने श्रोताओं को श्रृंगार के विभिन्न रूपों का कविता के माध्यम से परिचित कराया। कवि सुमित ओरछा, जिन्हें सबरस के नाम से भी जाना जाता है एक प्रसिद्ध कवि हैं, जिनके काव्य पाठ और विचारों के लिए वे जाने जाते हैं। यहाँ सुमित ओरछा के बारे में कुछ जानकारी दी गई है। सुमित ओरछा अपने काव्य पाठ के लिए जाने जाते हैं, और उनके काव्य पाठ लोगों को प्रभावित करते हैं. सुमित ओरछा के विचारों को कई लोग पसंद करते हैं और वे अक्सर अपने काव्य पाठ में अपने विचारों को व्यक्त करते है सुमित ओरछा को सबरस के नाम से भी जाना जाता है, जो उनके काव्य पाठ का एक हिस्सा है। कवि सुमित ओरछा की कविताएँ देशभक्ति, सामाजिक मुद्दों, और धार्मिक विषयों पर केंद्रित होती हैं, जिनमें वे अक्सर भारत की संस्कृति और इतिहास को उजागर करते हैं। जैसे देशभक्ति क्यू खालिस्तान मांग रहे जब सारा हिंदुस्तान तुम्हारा है, हमने देश बनाया सुई तक नहीं बनती थी इस देश में, सामाजिक मुद्दे तुम्हारे सभी उड़ उड़ के देखेंगे।
