एक बार फिर क्रेशर संचालको की मनमानी पहाड़ों का कर रहे सीना छलनी, पाताल लोक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे क्रेशर संचालक…..
नियमों कानूनों को ताक पर रखकर दे रहे हैं अपनी वारदातों को अंजाम....
दैनिक रेवाचल टाइम्स – इन दिनों जिले में भू खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है धरती माँ का सीना छलनी करने में कोई कौताही नही बरती जा रही जसको जहाँ लग रहा जितना लग रहा खोद रहा है क्योंकि इस अंधे बहरे के शहर में न कोई देखने वाला है न ही सुनने वाला क्योंकि ज़िम्मेदारों के आँखों मे लष्मी की पट्टी बन्धी हुई है इन्हें केवल लष्मी ही दिखाई पड़ रही हैं सही गलत और अपना कर्तव्य भूल चुके है और ये भ्रष्ट भ्रष्टाचार आम हो चुका इसे नही मिटाया जा सकता भ्रष्टाचार और भ्रष्ट तंत्र को मिटाने के लिए प्रदेश सरकार अथक प्रयासों में लगी हुई है वहीं भ्रष्टाचार हावी होते नजर आ रहा है। वही दूसरी ओर माफियाओं अवैध कारोबारियों द्वारा धड़ल्ले किया जा रहा है काम जिम्मेदारों ने तों बांध रखीं हैं आंखों में पट्टी जिसके चलते बेलगाम होते जा रहे हैं अवैध कारोबारी केवलारी अंधाधुंध ब्लास्टिंग से जमीन बनी पाताल लोक जिम्मेदार तों मानो कार्यवाही के नाम पर ऐसा लगता है कि बन बैठे हैं धृतराष्ट्र पर्यावरण वायू प्रदूषण से क्षेत्रीय गांव और उपजाऊ भूमि को रह रहे हैं प्रभावित दैनिक रेवांचल टाइम्स समाचार पत्र के माध्यम से निरंतर क्रेशर चालकों के विरुद्ध निरंतर खबरों का प्रकाशन किया गया था एवं किया जा रहा है साथ ही दैनिक रेवाचल टाइम्स के प्रधान संपादक मुकेश श्रीवास द्वारा उक्त मामले में एनजीटी में भी याचिका दाखिल की गई थी। मगर इसके बाद भी क्रेशर चालकों पर लगाम लगाने में असमर्थ ही रह रहा है प्रशासन साथ ही जिम्मेदार दे रहे हैं निरंतर नाकामी का परिचय जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन ने 19 फरवरी 2024 को खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक में अवैध उत्खननों को रोकने के लिए रणनीति बनाकर कार्य करने की दिशा निर्देश दिए हुए थे लेकिन पूरे दो माह बीत गये। लेकिन सिवनी जिले में इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है ना ही जिला सिवनी में पदस्थ जिला खनिज अधिकारी को इससे कोई सरोकार है। सिवनी जिले के केवलारी तहसील के अंतर्गत सुनझिरी, बिछुआमाल और सुकतरा क्षेत्र मे संचालित स्टोन केसरो पर कोई भी मापदंड लागू नहीं होता है ना ही खनिज गोण अधिनियम के तहत आवंटित खदानों में ना तो डेफ्थ लेवल का कोई प्रभाव है ना ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)के नियमो कोई प्रभाव है।राजस्व क्षेत्र केवलारी के ग्राम सुनझिरी, बिछुआमाल क्षेत्र मे संचालित हैवी प्रोटेक्टेड्टोन केसिंग में निकाले जाने वाले पत्थरों की आवंटित खदानो की गहराई का लेवल डेफ्थ क्षमता अधिकतम 35 फीट खनिज अधिनियम के तहत निर्धारित होने के बाद भी हजार-हजार फिट गहराई तक अंधाधुंध ब्लास्टिंग कर आवंटित खदानो को पाताल लोक बना दिया गया है। स्टोन क्रैसर इकाई को पर्यावरण संरक्षण नियम 1986 के तहत उत्सर्जन मापदंड शर्तों का पालन करने का दूर-दूर तक नामो निशान नजर नहीं आता है, धूल उत्सर्जन के लिए नियंत्रण करने के उपायो, दमन प्रणाली या वाटर स्प्रिंकलर स्थापित करने के माप दंडो को नजर अंदाज कर केसर संचालित बर्षो से हो रहे हैं। बिछुआ माल ,सुंनझिरी ,पडटोला , खैररांजी क्षेत्र के मानव जीवन उपजाऊ कृषि भूमि, सघन हरे भरे वनो का क्षरण निरंतर हो रहा है । हेवी डेफ्थ लेबल ब्लास्टिंग से समीपी गांवो के मकानो ,घरो की जरजरता सहित उड़ती क्रेसिंग धूल क्षैत्र के लिए अभिशापित बन गई है। इस गंभीर बिषय को लेकर अनेको मर्तबा शासन, प्रशासन को गांव बालो ने ज्ञापन पत्रो के माध्यम से आगाह किया लेकिन खनिज विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा नकारात्मक रही है और माफ़ियाओं को खुला संरक्षण दिया गया हैं।