थावंर नदी के निर्माण कार्य में ठेकेदार की मनमानी से आम नागरिक हो रहै है परेशान केमिकल वाला पानी पी रहे है लोग ….
रेवाचंल टाईम्स – मण्डला, मंडला सिवनी हाईवे में नैनपुर की सीमा से लगे थावर नदी में बन रहे पुल कछप गति से चल रहा है वही दूसरी ओर ठेकेदारी की मनमानी से स्थानीय के साथ साथ आवगमन के वाले यात्री भी परेशान हो चुके है अब लोगो को लग रहा है कि कही न कही ठेकेदार पर किसी बड़े नेता का सिर पर हाथ है शायद इस कारण से जिला प्रशासन कुछ कार्यवाही नही कर पा रहै है।
विगत कई वर्षों से चल रहा थावर नदी में पुल का निर्माण कार्य आज तक पूर्ण नहीं हुआ है, सुस्त व धीमी गति से होने वाला यह निर्माण कार्य आम जन मानस के लिए परेशानी का सबब बन गया है, जैसा की देखा जा रहा है इस निर्माण कार्य में गिरने वाला अनुउपयोगी मलवा व केमिकल थावर नदी के पानी में मिल रहा है जिससे नदी के गहरी करण को भी प्रभावित कर रहा है साथ ही जलीय जीवों पर बीबी खतरा मंडरा रहा है, वही पानी को फिल्टर कर नगर निवासीयों के घरों में नलों के माध्यम से नैनपुर नगर के क्षेत्र के आठ से दस वार्डो में पेयजल सप्लाई का कार्य किया जाता है । थावर नदी में बन रहे यह पुल नदी पर अधिकांश हिस्सा में निर्माण धीन ठेकेदार के द्वारा अनुउपयोगी मलवा एवं निर्माण कार्य में आने वाले लोहा गिटटी सीमेंट रेत इत्यादि के अवशेष नदी में गिरा दिया जा रहा है जबकि उक्त मलवे को ठेकेदार के द्वारा लेवरो से नदी से दूर फिकवाना चाहिए परन्तु ऐसा नहीं करवाने से नदी का अधिकांश हिस्सा का गहराई वाला भाग भर गया है, अगर कुछ समय तक और पुल कार्य चलता रहे तो धीरे धीरे नदी में गहराई नहीँ बचेगी और नदी पुल के नीचे समतल होने की कगार पर पहॅुच गई है आखिर इस सबका जिम्मेदार कौन है यह नगर की आम जनता पूछ रही है ।
वही नैनपुर नगर के साथ साथ बालाघाट जिले तक की आम जन के लिए यह नदी जीवन दायनी है इस नदी के जल से नदी के किनारे से लगे हुए खेतों में यह जल सिंचाई के लिए उपयोग में किया जाता है वार्डों में इस जल की सप्लाई की जाती है वही कुछ दूरी पर स्थित स्टॉप डैम आज नगर का पर्यटक स्थल बन गया है जहां नगर वासी अन्य स्थानों के लोग अपने परिवार के साथ पिकनिक वह प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन करने पहुंचते हैं।
थामर नदी मिल रहा है सीमेंट और मालवा
वही जानकारी के अनुसार सालों से बन रहे इस निर्माणाधीन पुल का मलबा सीमेंट, गिट्टी, मिट्टी, और केमिकल के साथ साथ कचरा, भी नदी में जा रहा है जिससे इस नदी का पानी स्थानीय नैनपुर के नगर वासी उपयोग में ला रहे इसके बाद ये नदी जंगलों के रास्ते से बैन गंगा नदी में जा कर मिल रही जहा पर इस नदी का पानी लोगो के साथ साथ जंगली जानवर भी पी रहे है इनके जीवन के लिए भी ख़तरनाक साबित हो सकता हैं।
वही नगर एवं आस पास के आम जन एवं वरिष्ठ नागरिकों का मानना है कि प्रशासन की अनदेखी से आम जन के हितो के साथ खिलवाड किया जा रहा है प्रशासन इस ओर ध्यान दे कर ठेकेदार की मनमानी पर अंकुश लगाए ।