बगैर इश्तेहार के मनमाने लीज पर दी जा रही भूमि, वनवासी सेवा मण्डल द्वारा लोगों की हो रही नियत खराब, किया जा रहा है अवैध कब्जा

वन विभाग एवं वनवासी सेवा मण्डल की मिली भगत वापस लेना चाहिए वन विभाग को संस्था से भूमि

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रेवांचल टाईम्स – मंडला वन क्षेत्रो में निवासरत वनवासियों के कल्याण के नाम से संचालित संस्था वनवासी सेवा मण्डल वर्ष 1945-46 से कार्यशील है। उक्त संस्था संचालित करने के लिए शासन से अनेक स्थानो पर कई एकड भूमि लीज पर ली गई थी ताकि वन में निवासरत वनवासियों के बच्चों को शिक्षित किया जा सके। इसके लिए बालबाडी स्कूल छात्रावास भी खोले गये जो अभी भी अनेक स्थानों में संचालित हैं जिनकी स्थिति दयनीय है। उक्त संस्था को संचालित करने के लिए वनविभाग द्वारा भी भूमि दी गई है लेकिन अब उक्त भूमि को वनवासी सेवा मण्डल द्वारा नियम विरूध्द बगैर निविदा व नीलामी के अनेक व्यक्तियों को गुपचुप तरीके से कृषि कार्य हेतु दिया गया है। वर्षों से इस तरह की मनमानी चल रही है भवन भी किराए पर दिए जा रहे हैं। महाराजपुर में व्यवसायिक तौर पर पैरामेडीकल कॉलेज संचालित करने अन्य संस्था को भवन किराए पर दिया गया है। क्या यह नियम के अनुरूप है इसकी जॉच होनी चाहिए।


वनवासी सेवा मण्डल को भूमि देकर भूल गया वन विभाग
वन विभाग वनवासी सेवा मण्डल को भूमि लीज पर देकर भूल गया। अपनी ही भूमि का वन विभाग नहीं कर पा रहा है निरीक्षण। वन भूमि से अनेकों मुनारे गायब कर कृषि कार्य के नाम पर बिगाड रहे हैं भूमि का स्वरूप और वृक्षों को काटा जा रहा है। वनवासी सेवा मण्डल के द्वारा जिन कृषकों को गुपचुप तरीके से भूमि लीज पर दी गई है उनका कोई हिसाब-किताब नहीं है। मनमाने तरीके से अनेकों सागौने के पेडों की कटाई करते हुए कृषि कार्य किया जा रहा है। इसी तरह राजस्व की भूमि में भी वनवासी सेवा मण्डल की भूमि की आड में खुलेआम अतिक्रमण किया जा रहा है। कृषि के नाम पर वन एवं राजस्व की भूमि में स्थायी मकान बनाकर लोग रह रहे हैं। आरोप लगाये जा रहे हैं कि वनवासी सेवा मण्डल एवं वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया जा रहा है। खसरा नंबर 124 व 125 में अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण कराया जा रहा है जिसकी शिकायत महाराजपुर में संचालित छात्रावास के अधीक्षक शिवराज भगदिया द्वारा एसडीएम मण्डला व वन विभाग को की गई है।


इस पूरे मामले में आवश्यकता है कि जिला प्रशासन विस्तृत जॉच करते हुए जितनी भूमि की आवश्यकता वनवासी सेवा मण्डल को है उतनी भूमि को छोडकर शेष भूमि को वन विभाग के द्वारा वापस लेकर वृक्षारोपण, चिडियाघर आदि कार्य कराया जाना चाहिये नहीं तो लगातार एक ही व्यक्ति को नियम विरूध्द तरीके से कृषि करने के नाम पर भूमि दी जा रही है जिससे लोग अवैध कब्जा करने के लिए अग्रसर हो रहे हैं। सम्पूर्ण मण्डला जिले में वनवासी सेवा मण्डल को अनेक स्थानों में कई एकड जमीन दी गई है।

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