सीईसी, ईसी की नियुक्ति कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, केंद्र को नोटिस

21

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों (EC) की नियुक्ति संबंधी कानून (हाल में संशोधित) पर रोक लगाने की याचिका शुक्रवार को इनकार कर दिया , हालांकि इस मामले में केंद्र सरकार (Central Government) को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Dutta) की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह की कानून पर रोक लगाने की दलीलें खारिज (rejected the arguments) करते हुए कहा, “हम इस तरह कानून पर रोक नहीं लगा सकते।”
पीठ ने हालांकि केंद्र को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा और इस मामले में अप्रैल 2024 में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जया ठाकुर और वकील गोपाल सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम, 2023 की वैधता पर सवाल उठाते हुए उसे चुनौती दी है।
श्री सिंह ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई कि वह सीईसी और ईसी की नियुक्ति के लिए चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को उचित आदेश जारी करने का निर्देश दे, जिसमें वर्तमान में प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और सदन में विपक्ष के नेता शामिल हैं।
सुश्री ठाकुर ने 2023 के कानून के प्रावधानों को संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 50 और 324 के तहत अधिकारातीत घोषित करने का निर्देश देने की मांग की, क्योंकि ये निर्धारित सिद्धांतों के विपरीत होने के अलावा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों का उल्लंघन हैं। उन्होंने तर्क देते हुए शीर्ष अदालत के ‘अनूप बरनवाल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया’ मामले का हवाला दिया।
कानून और न्याय मंत्रालय ने 28 दिसंबर 2023 को नए अधिनियम को अधिसूचित किया था।
शीर्ष अदालत की संविधान पीठ ने 02 मार्च 2023 को फैसला सुनाया था कि कानून बनने तक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक समिति की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे।

 


instagram 1
Leave A Reply

Your email address will not be published.