नमामि गंगे परियोजनाका काम तमाम’….जल गंगा संवर्धन अभियान असफल, अमृत सरोवर बनी लूट का सरोवर…

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, यूं तो तमाम तरह की योजनाएं शासन प्रशासन द्वारा संचालित की जा रही हैं। नए नए अभियान व कार्यक्रम शुरू किये जा रहे हैं। लेकिन हकीकत के धरातल में इनका क्रियान्वयन सही न होने की वजह से परिणाम सही सामने नहीं आ पा रहे हैं।
वही नमामि गंगे परियोजना के नाम से फिर एक अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 5 जून से 16 जून तक चलेगा। जिसमें जल संरक्षण के कार्य विशेष रूप से कराए जाएंगे ऐसा बताया जा रहा है लेकिन ऐसा होगा कि नहीं फिलहाल संभावना नहीं दिखाई दे रही है।
वही मध्यप्रदेश के मंडला जिले में जल संरक्षण के नाम पर भारी धांधली, मनमानी और लापरवाही की गई है। संपूर्ण जिले में अमृत सरोवर के नाम से भारी धांधली घोटाले भ्रष्टाचार किये गए है। जहां देखों वहां अमृत सरोवर तो बनाए गए हैं लेकिन एक भी अमृत सरोवर काम के साबित नहीं हो पाए हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि अमृत सरोवर अभी भी आधे अधूरे पड़े हैं। औऱ उन्हें पूर्ण बता कर खुला भ्रष्टाचार किया गया है, लोगों की माने तो अमृत सरोवर के नाम पर भारी घोटाला भ्रष्टाचार ग़बन किया गया है। यदि ईमानदारी से सभी अमृत सरावरों की जांच पड़ताल कराई जाए तो धांधली सामने आ सकती है। नागरिकों की मांग है सभी सरोवरों की जांच पड़ताल की जावे औऱ दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाए और जो सरकारी योजनाएं में भ्रष्टाचार किये है उनकी जांच करके दोषी पाए जाने पर सालाखों के पीछे भेजे जिससे जिला प्रशासन की साफ सुथरी हो सके और भ्रस्टो पर लगाम लग सके जो जनता के पैसों को अपना अधिकार जताकर लूट मचा रखी है,।
वही नमामि गंगे परियोजना में जन सहभागिता से कार्य कराने की योजना है लेकिन समाज को जोड़ने की मुहिम इस संबंध में सही तरीके से नहीं की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत तमाम तरह के कार्य होना है जिनके कार्य कागजों में पूर्ण होने की संभावनाए जताई जा रही है। जनापेक्षा है, की जिला प्रशासन के ईमानदार मुखिया नमामि गंगे योजना का सही क्रियान्वयन मध्यप्रदेश के मंडला जिले में सही तरीके से क्रियान्वयन किया जावे। औऱ भ्रष्ट भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जावे यही स्थनीय जनता की एक ईनामदार मुखिया से मांग है।

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