50% भारतीय आलसी, न दौड़ते हैं और न पैदल चलते हैं; 10 करोड़ को डायबिटीज

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एक रिपोर्ट का कहना है कि भारत के करीब 50 फीसदी बालिग आलसी हैं. ये लोग जरूरत के मुताबिक फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करते हैं. महिलाओं की स्थिति पुरुषों के मुकाबले और ज्यादा खराब है. इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर स्थिति यही रही तो आने वाले छह साल यानी 2030 तक 60 फीसदी भारतीय विभिन्न बीमारियों का शिकार हो जाएंगे. फिजिकल एक्सरसाइज यानी व्यायाम, दौड़ने और पैदल चलने से दूरी बनाने के कारण भारतीय में सेहत से जुड़े जोखिम बढ़े हैं. यह स्टडी द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में पब्लिश हुई है.

10 करोड़ भारतीयों को डायबिटीज
द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में पब्लिश इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज स्टडी का कहना है कि 2021 तक भारत में करीब 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज की चपेट में थे. इतना ही नहीं, 2021 तक 31 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी. द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल की रिपोर्ट कहती है कि दक्षिण एशिया में ज्यादातर वयस्क एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी के मामले में सुस्त हैं.

भारत में 57% महिलाएं फिजिकल इनएक्टिव
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 57 फीसदी महिलाएं फिजिकल इनएक्टिव हैं. जबकि ऐसे एडल्ट मेल की संख्या 42 फीसदी है. शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होने के मामले में भारत उच्च आय वाले एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे नंबर पर है. भारत में 2000 में 22 फीसदी एडल्ट फिजिकल रूप से पर्याप्त एक्टिव नहीं थे. 2010 में यह संख्या 34 फीसदी थी और अब बढ़कर 50 फीसदी हो गई है. आने वाले छह साल में यह संख्या 60 फीसदी हो जाएगी. इस रिपोर्ट का कहना है कि लंबे वक्त तक फिजिकल इनएक्टिव रहने से डायबिटीज और हार्ट से संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. हर हफ्ते में कम से कम 150 मिनट स्लो या फिर 75 मिनट जोरदार-तीव्रता वाली फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने वाले को फिजिकल इनएक्टिव माना जाता है.

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