पीएचई नही सुधार रहा, हैंडपंप दूषित और मटमैला पानी पी रहे ग्रामीण वनग्राम खम्हेरा के पंडाटोला में पीने के पानी की बनी बड़ी समस्या…
दैनिक रेवांचल टाईम्स – बैगा आदिवासी बाहुल्य अंचल बज़ाक़ के वनग्रामो में अक्सर पीने के पानी की समस्या बनी रहती है दूरस्थ जंगली क्षेत्र में बसे वनांचल ग्रामों में चाहे गर्मी हो या बरसात शुद्ध पेयजल के लिए ग्रामीणों को जद्दोजहद करना ही पड़ता है पहाड़ी क्षेत्रों में स्थिति और भी विकराल हो जाती है यहां भीषण गर्मी में लंबी दूरी तय कर पानी का इंतजाम करना पड़ता है। और बरसात आते ही झिरिया या कुएं का दूषित पानी पीना मजबूरी बन जाती हैं ऐसे ही कुछ हालत इस समय वनग्राम खम्हेरा में बने हुए है यहां एक पखवाड़े से हैंडपंप खराब हो जाने से लोगो को दूषित और मटमैला पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा हैं हैंडपंप में खराबी आ जाने से ग्रामीणों के समक्ष पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई हैं इस बाबत ग्रामीण बीते पन्द्रह दिन से पीएचई विभाग के कर्मचारियों को अवगत करा रहे है परंतु अभी तक हैंडपंप में सुधार नहीं किया गया है
वही वन ग्राम खम्हेरा के पंडा टोला का हेडपंप खराब हो जाने के कारण ग्राम की महिलाओ को काफी दूर से पीने के लिए पानी लाना पड़ता है जिससे उनका समय बर्बाद हो रहा हैं। ग्रामीण इस समय कृषि कार्य में लगे हुए है और पीने के पानी का इंतजाम करने में उनका आधे दिन का समय फिजूल चला जाता हैं ग्रामीण बताते हैकि पीएचई विभाग के कर्मचारियों को फोन के माध्यम से कई बार जानकारी दी गई हैं परंतु आज तक कोई सुध नहीं ली गई ग्राम की महिलाएं बतातीं हैं की इस समय खेतो में धान का रोपाई का कार्य चल रहा हैं हम लोगों को दूर से पानी लाने में काफी समय व्यर्थ हो जाता है जिस कारण खेतों का काम प्रभावित होता हैं मोहल्ले में लगभग तीस से पैंतीस परिवार के लोग निवास करते है ज्यादातर लोगो को दूषित पानी पीने मजबूर होना पड़ रहा हैं जिससे बीमारियों का खतरा बना हुआ हैं ग्रामवासीयो ने प्रशासन से जन मांग हैं, कि हेड़पंप की तकनीकी खराबी में जल्द ही सुधार किया जाए।