अवैध कब्जा धारी पर नहीं हो रही है कार्यवाही, लोगो की अनुपस्थिति में कर रहे कब्ज़ा…जिम्मेदार मौन दर दर भटक रही महिला…
रेवांचल टाईम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में हर गैर कानूनी कार्य खुल्ममखुला किया जा रहा है और आये दिन कुछ नया मामला सामने आ जाता है जहाँ की मंडला नगर के रहने वाली शंकुन्तला जंघेला ने एक आरोप लगाया है कि उनकी अनुपस्थिति में उनके घर पर अबैध कब्ज़ा किसी ने जमा लिया है और उन्होंने अपनी आप बीती दैनिक रेवांचल समाचार पत्र की टीम के साथ शेयर की है! कहाँ आज घर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका भी एक छोटा मोटा अच्छा सा आशियाना हो औऱ वह खुशी खुशी अपने परिवार के साथ रह सके पर कही न कही कुछ लालची और गैरजिम्मेदार लोग मेहनत से कमाई गई धन और सम्पत्ति पर अपना हक जमाते नज़र आते हैं, और शासन प्रशासन से साठगांठ कर उसे अपना बनाने में लग जाते है ऐसा ही शंकुन्तला जंघेला के साथ हुआ जहा उन्होंने बताया कि मंडला शहर में एक मकान हैं परन्तु मेरा घर होने के बाद भी मेरी अनुपस्थिति में मेरे मकान में कब्जा और अवैध निर्माण कर लिए गया है मैं सुनीता जंघेला लाल बहादुर शास्त्री वार्ड क्रमांक 12 की निवासी हूं मैं अपने पति की शासकीय सेवा के कारण परिवार के साथ विगत 17-18 साल से बालाघाट में रह रही हूं इस बीच मेरे उक्त मकान के पीछे रहने वाली श्रीमती श्यामा बाई बैरागी पति श्री शुकुल दास बैरागी के द्वारा मेरी दीवाल तोड़कर मेरे मुख्य मार्ग से रास्ता निकालकर अपना अवैध निर्माण कर ली है और मेरे घर में अवैध रूप से घुसकर के और अपना कब्जा जमा ली है इस संबंध में मेरे द्वारा लगातार कलेक्टर, एसडीएम, पुलिस थाना और मध्यप्रदेश की 181 मुख्यमंत्री जन शिकायत के तहत शिकायत की गई लेकिन आज तक उसका कोई भी प्रतिफल मुझे नहीं मिला है मैं मजबूर होकर के बार-बार मुझे बालाघाट से मंडला आना पड़ रहा है मेरा अपना खुद का घर रहने के बावजूद अपने घर में ना रह करके दूसरे दूसरे लोगों के यहां रह रही हूं या फिर होटल में रहना पड़ रहा है और अपनी लड़ाई लड़ रही हूं लेकिन मुझे किसी भी तरह का सहयोग प्रशासन के द्वारा नहीं मिल रहा है यहां तक कि मैं सांसद जी के यहां बार बार संपर्क किया, श्रीमती संपतिया बाई मंत्री मप्र शासन को आवेदन किया सीधे बात भी किया, आवेदन दिया किंतु कोई लाभ नहीं मिला है ऊपर से एसडीएम और अपर कलेक्टर के द्वारा जनसुनवाई के दौरान में यह कहा गया कि यह मामला सिविल न्यायालय में चलेगा मेरे द्वारा विगत 14 जुलाई 2024 को एसडीएम कोर्ट में आवेदन दिया था किंतु उनके द्वारा कोई भी जांच मौके में जाकर नहीं की गई और सिविल कोर्ट में जाने कहा गया केश निरस्त करने कहा जा रहा है, हम परेशान हो चुके है अब समझ मे नही आ रहा है कि आखिरकार न्याय के लिए कहाँ जाए किस्से अपनी बात बातए और किसको सुनाए हमारी आज कोई सुन नही रह है, हम परेशान हो चुके हैं, अब वह मीडिया के माध्यम से अपनी बात रख कर आप बीती बतला रही हैं, और ऐसे कैसे हो सकता है कि अपना व्यवसाय या नोकरी करने बाहर जाए तो आजू बाजू बाले उनके मेहनत से कमाई या फिर पुष्तैनी सम्पत्ति में अबैध कब्ज़ा जमा ले और कोई सुने भी नही तो गरीब लाचार बेसहारों का न्याय कैसे मिलेगा ये तो तानाशाह रवैया अपनाया जा रहा हैं और रसूखदारों के पक्ष में ही न्याय किया जा रहा हैं।
शंकुन्तला जंघेला के साथ हुआ अन्याय में आज कोई नही सुन रहा है और वह निचले स्तर से लेकर ऊपर तक आवेदन निवेदन कर चुकी है, वही अब मीडिया के माध्यम से ये पूछ रही है कि बताइए कि किसी के मकान में अगर कोई अवैध रूप से घुस जाए उसके घर में अवैध रूप से रहने लगे और उसे कहा जाए कि सिविल न्यायालय में जाए जहां पर पहले दो लाख रुपए कोर्ट फीस दे और 10 साल तक लड़ते रहे और 10 साल तक वो बेघर रहे जबकि उसके पास अपने मकान के पूरे दस्तावेज उपलब्ध हैं यह कहां की न्याय व्यवस्था है मेरे द्वारा एसडीम कोर्ट मंडला में आवेदन किया गया किंतु बिना कोई जांच किए बिना किसी आस पड़ोस के निवासी से पूछे बिना ही मेरे केस को निरस्त करने कहा गया और सिविल न्यायालय में जाने के लिए कहा जा रहा है इसका मतलब यह कि मेरा अपना खुद घर में अगर कोई पड़ोसी अवैध रूप से घुस जाए तो मुझे पहले सिविल कोर्ट में जाकर दो लाख रुपए कोर्ट फीस टिकट लगाना होगा वकील करना होगा उसके बाद में मेरी सुनवाई होगी और दस साल तक इंतजार करे न्याय पाने के लिए क्या ये सही है और मुझे लंबे समय तक न्याय का इंतजार बेघर बन कर दिया गया में यहाँ वहां भटक रही हूँ क्या में जानना चाहतीं हूं कि इस जिले का पूरा प्रशासन तंत्र मर चुका है यहां के शासन तंत्र भी पूरी तरह से नाकामयाब हो चुका है और हमें दर-दर की ठोकर खाने को मिल रही है मेरे पति अभी 3 साल के बाद रिटायरमेंट हो जाएंगे तो हम रहेंगे कहां कहाँ जाएगे यह बताइए जबकि मैं पढ़ी-लिखी जागरूक महिला हूं नगर के सभी शासकीय अशासकीय कार्यक्रमों में मेरी भागीदारी रही है, मैं बाल कल्याण समिति की सदस्य भी रह चुकी हूं सभी राजनीतिक दल के नेताओं से अधिकारियों से मेरे मधुर संबंध हैं इसके बाद भी जब मुझे फल नहीं मिल रहा है यह घटना शहर की है शहर में अगर यह इस तरह से हालत है तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हालत होगी आप समझ सकते हैं इसमें पूरी तरह से प्रशासन तंत्र फेल है और राजनीतिक नेतृत्व नाकामयाब हो गया है यह सिद्ध होता है पीड़ित दर दर की ठोकर खा रहा है लेकिन न्याय नहीं मिलने से अंत में प्रार्थी को खुद ही आत्मघाती कदम उठाना पड़ेगा ऐसा लग रहा है। जिसकी जिम्मेदारी पूर्णतः जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की होंगी।
श्रीमती सुनीता जंघेला
लाल बहादुर शास्त्री वार्ड मंडला वर्तमान निवास स्नेह
नगर बालाघाट
मोबाइल नंबर 7999780509