वृद्धा आश्रम संचालक को चाहिए तीन साल में एक वृद्ध की बलि, मौत का खुला है दरबार….

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रेवांचल टाइम्स – मंडला जिले में वीजादांडी में संचालित सैधांतिक सीनियर सिटीजन होम बीजाडांडी की संचालक को तीन साल में एक वृद्ध की बलि चाहिए ! यह आश्रम मौत का दरबार बन जाने की जनचर्चा के नाम मशहूर हो गया है, छायाचित्र में देखा जा सकता है, वही वृद्धा आश्रम में सुनहरे शब्दों में लिखा है बेसहारा गरीब विकलाँग निराश्रित नि:शुल्क सब सुविद्या उपलब्ध है ! पर यह शब्दों में वृद्धो के खून के छींटे दिखाई देने लगे है ! वृद्धा आश्रम में हर एक सुविधा के लिए संचालन कर्ता द्वारा सरकार से कई लाखो रुपये बटोरे है, पैसा ले सुविधा की जगह मौत परोस रहे है !
वही ऐसा ही मामला वृद्धा आश्रम बीजाडांडी का है, जहाँ पर बीएमओ के अनुसार दुर्गंध पिता मनोहर सिंग उम्र 78 को सूचना पर 108 के माध्यम से लगभग 8:20 पर हॉस्पिटल लाया गया जो मृत था और पूरी तरह गिला था अकड़ गया था संदेह पर पीएम करवाया गया ! बताया गया कि मृतक को आठ दिन पहले ग्वारीघाट से आया था ! वही सूत्र बताते है कि संचालक के कुछ खास लोग है जुल्म ए सितम की बरसात करते है, गेट के बाहर भगा देना भरी बरसात में बाहर सुला देना ऐसा सितम ढाया जा रहा है ! वही स्थानीय लोगो की माने तो यह बुजुर्ग भी इसी भरी बरसात में बाहर बैठेने सोने को मजबूर किया गया वह ठंड से अकड़ और मौत हो गई यह पीएम रिपोर्ट आने पर सब खुलासा होगा बताया गया वही सूत्रों की माने तो ऐसा ही एक मामला विगत साल एक पहले एक वृद्ध की मौत हुई थी जिसको भी अज्ञात बता कर और पुलिस सब सेटिंग कर गुपचुप तरीका से दफन कर किया गया था वर्तमान वृद्ध को भी गुपचुप दफन किया गया था, क्योंकि दाल में काला नहीं यहाँ की तो पूरी दाल ही काली दिखाई और सुनाई पड़ रही है ! पर जिम्मेदार इस बात को नजरअंदाज किया जा रहा है और जिन संस्थानों को सरकार से हजारों लाखों रुपये दिए जा रहे है इसके बाद भी बेसहारा असहाय वृद्ध यहाँ वहाँ भटक रहे है।

राजकुमारी कर रही यमराज को याद

वही राजकुमारी लोधी विकलांग थी ! आश्रम में रहती थी मौसमी बीमारी चलते हॉस्पिटल में आठ दिन से भर्ती थी विभागीय सूत्र बताते है कि राजकुमारी को मेडिकल रिफर कर दिया गया है ! आँख से आंसू की झड़ी बस एक ही शब्द बोलती थी है भगवान उठा ले ! और आठ दिन से भर्ती मरीज को देखने आश्रम संचालक एवं कार्यकर्ता एक दिन भी देखने तक नहीं पहुँचे न ही उनकी कोई ख़बर ली ये संचालक के ऊपर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए जो मानवीय धर्म छोड़ कर केवल पेसो को ही अपना धर्म समझ रही है, वही स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है को इस संस्थान की जांच की जानी चाहिये और संचालक ओर उनके अधीनस्थ कर्मचारियों को दंडित करने चाहिये।

संचालक ने वृद्ध को दक्का मार के भगाया गया था

वही सूत्र बताते है, कि दिनांक 12 अप्रैल दिन रविवार को आश्रम मोहल्ले में शादी का जश्न था ! वृद्ध ने थोड़ी पी रखी थी, वही जश्न के मौके पर वृद्ध से नोक झोंक हो गई ! शिकायत मेम साहिबा तक पहुंच गई ! दुसरे दिन मेम साहिबा पहुंची और वृद्ध का थैला बाहर फेंक कुत्तो की तरह दुत्कारते हुए भगा दिया वृद्ध ने माफ़ी की भीख माँगता रहा, मैडम एक बार माफ़ कर दो ऐसी गलती नहीं करूंगा। पर उस वृद्व की एक न सुनी गई और आश्रम संचालन की लापवाही से तीन साल में दो मौत एक यमराज पुकार रही है।

इनका कहना है….
108 के माध्यम से वृद्ध लाया गया कपड़े भीगे हुए थे, संदेह पर हमने तत्काल थाने को सूचना दे कर पीएम करवाया गया है।
कृष्ण कुमार
प्रधान बीएमओ बीजाडांडी

में छूटी में हूँ पूछ कर बताता हूँ एभी जानकारी नही हैं।
अंतिम पंवार
थाना प्रभारी बीजाडांडी

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