पहली बारिश ने ही खोली भ्रष्टाचार की कहानी.. बने चार महीने भी नहीं हुए और बारिश ने खोल दी पोल अमृत सरोवर की …

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रेवांचल टाइम्स मंडला – आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले की ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर चल रहे सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण कार्य देखने को लगातार ही मिल रहैं है,

एक बारिश भी झेल पा रहे है लाखों से बने अमृत सरोबर तालाब

मंडला जिले में फर्जीवाड़ा से लेकर गबन घोटालेबाज आये दिन सामने आ रहे हैं कहीं घटिया निर्माण कार्य तो कहीं गबन घोटाले लेकिन इनमें लगाम लगते कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ महीनों पहले ही सरकार के द्वारा जिले के विकास खंडों की ग्राम पंचायतों में लोगो को खेती और जनउपयोगी के लिए आसानी से पानी मिल सके इस लिए कुछ ग्राम पंचायतों को चिन्हित कर बड़े बड़े तालाब बनाये जा रहा है और उन तालाबो को रेख देख और गुणवत्ता का ध्यान रखने के लिए इंजिनियर विभाग जिले के ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग के रेख देख में कार्य करने की जिम्मेदारी सौपी है। पर कही न कही यह योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आरही है।

अमृत तालाब लगातार फूटने की जानकारी हो रही प्राप्त

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही नया मामला मंडला जिले के जनपद पंचायत मोहगांव के ग्राम पंचायत मलवाथर में बने अमृत सरोवर तालाब का सामने आया हैं जिसको बने महज चार महीने ही हुआ है, लेकिन गुणवत्ताविहीन कार्य की पोल पहली बारिश ने ही खोल कर रख दी और जब इस बात की जानकारी जिम्मेदार विभाग के अधिकारी और ठेकेदार को लगी तो वह तरह तरह से बातें बनाकर गुमराह करने और अपनी कमी छुपाने की बात करने लगे जो काम बारिश के पहले ही पूर्ण होने था वह आज भी अपूर्ण बताया जा रहा हैं, अमृत सरोबर तालाब में देखा तो न ही मिट्टी का कार्य सही किया गया और न उक्त कार्य में पिचिंग सही तरीके से की गई और न पानी को रोकने की समुचित व्यवस्था नजर आ रही है मानो ऐसा लगता है चालीस पैंतालीस लाख रुपयों का अमृत सरोवर पानी में बहाने के लिए ही बनाया गया है इससे साफ नजर आता है कि अधिकारी अपनी कलम और जिम्मेदारी से कहीं न कहीं बचते नजर आते हैं और जब उनसे बात या संपर्क किया जाता है तो साफ कह देते हैं कि अभी कार्य निर्माणधीन है, जबकि मौके पर देखने से साफ पता चलता है कि भ्रष्टाचार कितना हुआ है और समय अवधि पूर्ण होने के बाद भी जानकारी दी जाती है कि अभी कार्य निर्माणधीन है।

समय अवधि में पूर्ण नही हो रहे है तालाब और नही है कोई गुणवत्ता,

वहीं जब रेवांचल समाचार की टीम ने अमृत सरोबर योजना से बने तालाब के संबद्ध में कुछ ग्रामीण जनों से बात की तो पता चला की यह तो शुरुआती बारिश जो पानी गिरा था उस पानी में ही टूट चुका है, पर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी सरकारी पैसो में लीपापोती कर दी गई है। और गुणवत्ता के अनुरूप और घटिया निर्माण किया गया है, जिले के वरिष्ट अधिकारी के द्वारा कभी भी निरीक्षण करते नहीं देखा गया है…

पानी का पैसा ठेकेदार औऱ विभाग बहा रहे है पानी की तरह

वही इस प्रकार से बन रहे अमृत सरोवर जो कि शासन के द्वारा लाखों रुपये की लागत से बनाये जाते हैं, जिनमें पूरी जबाब दारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के अधिकारी कर्मचारी की है और उपयंत्री से लेकर ठेकेदार अपना हिस्सा बटोरकर कर जनता के पैसों से होली खेलकर अपनी जेब तो भर लेते हैं लेकिन कहीं भी विकास के नाम पर उनको बड़े बड़े सपने दिखा कर गरीबों की उम्मीद पर पानी फेरते दिखाई पड़ रहा हैं।

इनका कहना है..
वो अमृत सरोवर फूटा नहीं है कैनाल बनायी गई है, आपको जानकारी नहीं है तो उसके लिए मैं कुछ नहीं कर सकता, आप मौके पर जाकर देखे हैं, ज्यादा है तो आप एस.डी.ओ.साहब से बात कर लीजिए वही काम देख रहें है और वही सब बतला पाऐगे।
धीरज धनंजय
प्रभारी सचिव / रोजगार सहायक मलवाथर

अभी काम पूरा नहीं हुआ है पिचिंग और बेस्ट वेयर का काम बाकि है अभी अंडर कंस्ट्रक्शन है वो अमृत सरोवर बारिश की वजह से काम रुका हुआ है…
राहुल मंडराहा
एस.डी.ओ.
जनपद पंचायत मोहगांव मंडला

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