कानून धरातल पर उतारना हमारी जिम्मेदारी: सकलेचा

महिलाओं एवं बच्चों से जुड़े अपराधों के मामले में अतिरिक्त संवेदनशीलता आवश्यक: शिखा छिब्बर

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जुलाई से लागू हुए नये कानून और मानव दुर्व्यापार विषय पर आवाज और महिला सुरक्षा शाखा, म.प्र. के संयुक्त तत्त्वावधान में एकदिवसीय प्रशिक्षण संपन्न…

रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले में नए कानून को जमीन पर उतारना हमारी यानी पुलिस की जिम्मेदारी है, इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हमको कानून में हुए बदलाव के बारे में जानकारी हो। उक्त बात आज मंडला में

“नये कानून और मानव दुर्व्यापार”

विषय पर आवाज संस्था एवं महिला सुरक्षा शाखा, म.प्र. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रशिक्षण में रजत सकलेचा, पुलिस अधीक्षक, मंडला ने एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर कही| उन्होंने कहा कि आवाज संस्था अच्छा काम कर रही है और मानव दुर्व्यापार विषय पर बेहतर प्रशिक्षण आयोजित किया है। इसके पहले श्री सकलेचा ने दीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया और सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी।

इसी अवसर पर पीयूष कुमार मिश्रा उप पुलिस अधीक्षक, महिला सुरक्षा ने कहा कि रिपोर्ट हुए केस वास्तविक संख्या से अलग हो सकते हैं। आदिवासी समुदाय के लोग बाहर काम के लिए जाते हैं और जानकारी के अभाव में दुर्व्यापार के चक्र में फंस जाते हैं।

इस मौके पर प्रशिक्षक की भूमिका निभा रही भोपाल से पधारीं सुश्री शिखा छिब्बर ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को लेकर काफी बदलाव हुए हैं जिन्हे समझने और सही से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने मानव दुर्व्यापार को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों और नए प्रावधानों का भी जिक्र किया। दस्तावेज नए कानून में किस तरह से सहेज कर रखना है भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत बताया।

मंडला में आवाज के जिला समन्वयक श्री सत्यनारायण डहेरिया ने बताया कि मंडला एक संवेदनशील जिला है यहां आदिवासी समुदाय की अधिकता है और बढ़ा हुआ लिंगानुपात एक संवेदनशील फैक्टर के रूप में काम करता है। मंडला एक ट्रैफिकिंग के लिए एक स्त्रोत जिले के रूप में है जहां से बच्चों को अलग अलग उद्देश्य से बाहर भेजा जाता है और इसमें अधिकतर परिचित व्यक्ति ही ट्रैफिकिंग में शामिल होता है।

इस कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) सचिव प्रवीण सिन्हा व पॉक्सो न्यायालय के न्यायाधीश हेमराज सनोदिया भी मुख्य अथितियों में शामिल रहे। उन्होंने पॉक्सो केसेस में सपोर्ट पर्सन की ओर ध्यान दिलाया।

आवाज के राज्य समन्वयक विजय बघेल ने कहा कि आवाज बाल संरक्षण और मानव दुर्व्यापार विषय पर मध्यप्रदेश के 6 जिलों में काम कर रहा है।

आज के प्रशिक्षण में जिले के समस्त थानो के बाल कल्याण अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई प्रभारी सुश्री मधु मेरावी, महिला सुरक्षा का स्टाफ सहित कुल 54 अधिकारियों पदाधिकारियों के साथ प्रशिक्षण किया गया l सभी पुलिस पदाधिकारियों को दो दलों में बांट कर नए कानून के अनुरूप सभी को शामिल करते हुए रोचक तरीके से नाटक भी कराया गया।
वही प्रशिक्षण में सम्मिलित सभी लोगों का आभार प्रदर्शन एसजेपीयू प्रभारी मधु मेरावी ने किया|

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