वार्डन की मनमानी और प्रताडऩा से तंग आकर छात्रावास से भागीं छात्राएं कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास सुखराम का मामला, आधी रात को मनाने पहुंचे डीपीसी, एपीसी

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले में संचालित छात्रावासों की बहुत ही दयनीय स्थिति से गुजर रहे है और वार्डन अधीक्षक, ए पी सी, डी पी सी सब के सब मलाई छान रहे है।
वही शासन से जो सुविधाएं संचालित छात्रावासों में अध्ययन छात्र छात्राओं को मिलनी चाहिए वह दूर दूर तक नही मिल रही है आज अच्छी शिक्षा पाने गरीब आदिवासी के बच्चे रह कर पढ़ रहे पर इनको मिलने वाली सुविधाओं में स्थानीय स्तर से लेकर जिले स्तर में बड़े बड़े पद पर बैठे हुए है और ग़रीबो के खाने से लेकर मूलभूत सुविधाओं में भी गोलमाल कमीशन ख़ोरी कर अपना जेब और घर भर रहे हैं।

वही जिला शिक्षा केन्द्र समग्र शिक्षा अभियान के तहत बालिका शिक्षा को लेकर ग्रामीण व वनांचल में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय सुखराम विकास खंड नारायणगंज मंडला में और नेता जी सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास में अव्यवस्था औऱ छात्राओं की मिलने वाली सुविधाएं का टोटा है। जिला शिक्षा केन्द्र के छात्रावास प्रभारी और वार्डनो की मिलीभगत से छात्राओ को मिलने वाली सुविधाओ में कटौती की जा रही है। यहां तक छात्रावास में छात्राओ को सुविधाओं के आभावो के बीच रहना और पढऩा पड़ रहा है। यही वजह है कि गत रविवार की शाम को वार्डन के द्वारा तरह तरह की प्रताडऩा से तंग आकर लगभग दो दर्जन से अधिक छात्राएं छात्रावास छोडक़र चली गई। इसकी जानकारी लगते ही वार्डन और जिले के छात्रावास प्रभारी में अफरा तफरी मच गई। हालात यह हो गए कि जिला शिक्षा केन्द्र के डीपीसी एपीसी जो छात्रावास के प्रभारी है। आधी रात तक छात्रावास में डटे रहे है और छात्राओ को बुलाकर समझाईश देते रहे।
छात्राओ के द्वारा लिखित पत्र में बताया है कि कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास सुखराम में कक्षा छह से दस तक की करीब दो सौं छात्राएं दर्ज है, यहां छात्रावास वार्डन बताशा मर्सकोले प्रतिनियुक्ति पर है। इसके पहले भी उमरडीह की वार्डन रह चुकी है। जहां अनियमिता और गड़बड़ी मिलने पर हटाया जा चुका है लेकिन इस बार दोबारा प्रतिनियुक्ति पर सुखराम में वार्डन पदस्थ है। आरोप है कि वार्डन के द्वारा छात्राओ को परेशान किया जा रहा है। शासन से मिलने वाली सुविधाएं और संसाधन मुहैया नहीं कराए जाते है। छात्राओ के द्वारा वार्डन से छोटी छोटी आवश्यक साम्रगी मांगे जाने पर नहीं दी जाती है और उनसे अपशब्दो का प्रयोग कर डांटती है। यहां तक पानी के लिए बाल्टी तक का इंतजाम छात्रावास में नही है। छात्रावास की अव्यवस्थाओ और वार्डन से परेशान होकर गत रविवार शाम को करीब दो दर्जन छात्रावास छोडक़र चली गई। आधी रात को डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा और प्रभारी छात्रावास एपीसी शेषमणि गौतम सुखराम पहुंचे। यहां पालको से चर्चा की गई और सुविधाएं देने का भरोसा दिलाया गया।

भोजन में नही रहता पोषकता

छात्राओ ने अपनी शिकायत में बताया है कि छात्रावास में छात्राओ को भोजन पोषकयुक्त नहीं दिया जाता है। औऱ न ही मीनू का पालन कभी नहीं किया गया है। अभी रक्षा बंधन पर्व के पहले छात्रावास में काफी पुरानी सोयाबीन की बड़ी बनाई गई खिलाई गई। जिसमें कीड़े लग चुके थे। इसका भी विरोध किया गया लेकिन वार्डन की मनमानी के चलते कोई सुधार नहीं हुआ है। यहां तक छात्राओ को नाश्ता भी नहीं दिया जाता है। विरोध करने में वार्डन धमकियां देती है।

सेनेटरी पैड व अन्य संसाधन नही दिए जाते

वही जानकारी के अनुसार छात्रावास में कक्षा छटवीं से लेकर नौंवी और दसवीं तक करीब दौ सौं छात्राएं है। इनमें किशोरी छात्राओ की संख्या अधिक है। इसके बाद भी छात्रावास में स्वास्थ्य शिविर तक नहीं लगा है। यहां तक सेनेटरी पैड तक नहीं दिया जाता है। जिससे छात्राओ को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। तेल साबुन से लेकर अन्य साम्रगी के लिए छात्राओ को अपने हिसाब से मैनेज करना पड़ता है।

पीने तक का नही मिल पा रहा है पानी

वही जानकारी के अनुसार छात्रावास में छात्र छात्राओं को शासन मिलने वाली सुविधाओं में अधीक्षक से लेकर जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी तक लाभ ले रहे है और जो सुविधाएं छात्रवासों में मिलनी चाहिए वह शून्य है, वही सुखराम छात्रवास में पीने तक पानी नहीं मिलता है। यहां पानी की समस्या है। जो कई वर्षो से बनी हुई है। छात्रावास में छात्राओ को पानी की उपलब्धता के लिए टैंकर बुलवाया जाता है। जो नियमित नहीं है। अभी सप्ताह भर पहले छात्राओ को पीने तक पानी नहीं मिला है। टैंकर से लिमिट का पानी आता है। जिसमें छात्राओ को एक बाल्टी पानी से नाक, मुंह धुलने, कपड़े धोने के लिए दिया जाता है। छात्रावास का संचालन मनमानी से किया जा रहा है।

इनका कहना है कि…
छात्रावास की करीब 20-22 छात्राएं वार्डन के डांटने से चली गई थी। उस दौरान छात्रावास की चौकीदार एक बीमार बालिका को इलाज के बाद घर छोडऩे गई थी। जानकारी लगने पर नारायणगंज का स्टाप और मैं स्वयं छात्रावास पहुंचा। पालको व सरपंच से चर्चा की। छात्राओ से समस्याएं पूछी गई। निर्देश दिए गए है कि छात्रावास में किसी भी प्रकार अनियमिता व अव्यवस्था ना रहे। सुरक्षा को लेकर कैमरे और चौकीदारी में कोताही नहीं बरते।
अरविंद विश्वकर्मा, डीपीसी मंडला.
जानकारी मिली थी कि सुखराम बालिका छात्रावास से छात्राएं छात्रावास से चली गई। काफी रात हो जाने से छात्रावास में गए नहीं है लेकिन छात्रावास देर रात काफी भीड़ रही है। पालक भी पहुंचे और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी रहे। छात्राओ की समस्या व वार्डन के द्वारा परेशान किए जाने के आरोप की जांच होनी है। इसके बाद स्पष्ट हो पाएगा।
अविनाश शर्मा,
शिक्षा समिति सभापति
नारायणगंज मंडला

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